देहरादून : प्रदेश सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के हॉस्टल में हो रही कई घटनाओं के बाद सख्त रुख अख्तियार किया है. प्राइवेट स्कूलों में हॉस्टल के लिए अब राज्य सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के तहत ही हॉस्टल का संचालन करना होगा. हॉस्टल शुरू करने के लिए अब डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति को आवेदन करना होगा. यही नहीं जिन निजी स्कूलों में पहले से ही हॉस्टल चल रहे हैं उन स्कूलों को भी इस समिति को दोबारा आवेदन करना होगा.
शिक्षा निदेशक आरके कुंवर द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन के तहत निजी स्कूलों के हॉस्टल में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस बनाने होंगे. इसके साथ ही 20 छात्राओं पर एक आया और 50 छात्रों पर एक केयरटेकर के साथ ही बाकी छात्रों पर एक काउंसलर की नियुक्ति करना भी अनिवार्य होगा. हॉस्टल के अंदर मोबाइल फोन बैन रहेगा. छात्रों के अभिभावकों से बात करने के लिए लैंडलाइन फोन लगाए जाएंगे. इनके हर कॉल का रिकॉर्ड भी रखना होगा. छात्रों से मिलने की अनुमति सिर्फ माता-पिता अथवा उनके अभिभावकों को ही होगी. इसके साथ ही हॉस्टल मेस में महिला कर्मचारियों को रखने की प्राथमिकता दी जाएगी.
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शिक्षा निदेशालय ने प्राइवेट स्कूलों में हॉस्टल को लेकर नई गाइड लाइन के मानक तैयार कर लिए हैं. गाइड लाइन प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और एसएसपी को मुहैया कराने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि यह व्यवस्था लागू हो सके. आमतौर पर पांचवीं कक्षा के बाद ही छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दी जाती है, लेकिन तमाम स्कूलों में कक्षा 3 से भी हॉस्टल की सुविधा मिल रही है. ऐसे में नई गाइड लाइन के तहत अब कक्षा 3 से पांचवीं तक केवल उन्हीं छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दी जाएगी, जिनके माता-पिता दोनों ही जॉब करते हों या फिर प्रदेश से बाहर रहते हों.