देहरादून: उत्तराखंड में अशासकीय विद्यालयों की नियुक्तियों में फर्जीवाड़े के अक्सर मामले सामने आते रहे हैं. इस बार भी पौड़ी जिले से कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है, जहां कुछ अशासकीय विद्यालयों में नियुक्तियों के नाम पर गड़बड़ी की गई. खास बात यह है कि इसको लेकर जांच के आदेश भी हुए और अब कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए गए हैं.
उत्तराखंड में अशासकीय विद्यालयों पर नियुक्ति का फर्जीवाड़ा वैसे तो नया नहीं है. लेकिन शिक्षा विभाग ने पिछले कुछ सालों में ऐसे अशासकीय के विद्यालयों में नियुक्ति पर रोक लगाकर फर्जीवाड़ा रोकने की कोशिश की थी.खास बात यह है कि पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं. जिसमें अशासकीय विद्यालय में हुई नियुक्तियों को लेकर सवाल खड़े हुए.पिछली भाजपा सरकार में भी इसी तरह के मामले सामने आने के बाद ऐसे विद्यालयों में नियुक्ति को लेकर सख्ती की गई थी. लेकिन अब एक बार फिर पौड़ी के कुछ विद्यालयों से ऐसे मामले सामने आए हैं.
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खबर है कि पौड़ी के स्थानीय निवासी की शिकायत पर जांच के बाद यह पूरा प्रकरण सामने आया है, जिसमें कुछ विद्यालयों में शिक्षक की तैनाती तो वहीं कुछ विद्यालय में लिपिक पद पर भर्ती में नियमों का पालन नहीं किया गया. प्रकरण सामने आने के बाद इसकी जांच के भी आदेश दिए गए. जबकि अब इस मामले में निदेशक माध्यमिक की तरफ से ऐसे विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं. अशासकीय विद्यालयों में नियुक्तियां पर जहां संबंधित अशासकीय विद्यालयों के प्रबंधन हर सवाल खड़े हो रहे हैं तो वही शिक्षा विभाग के जिले के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध दिखाई दे रही है.
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हालांकि प्रकरण में विस्तृत जांच के बाद ही कोई स्पष्ट स्थिति सामने आ सकती है. फिलहाल इस प्रकरण में विभागीय जांच हुई है और खुली जांच की जरूरत महसूस की जा रही है. पौड़ी जिले में जिन शासकीय विद्यालयों के नाम सामने आए हैं, उसमें अशासकीय विद्यालय इंटर कॉलेज गढ़कोट, इंटर कॉलेज डांगी धार और इंटर कॉलेज जखेटी शामिल हैं.