ऋषिकेश: एक समाचार पत्र के संपादक ने मेयर कैंप कार्यालय में उसे बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाया है. संपादक ने उसके अधीनस्थ संवाददाता के साथ भी मारपीट किए जाने की बात कही है. संपादक ने जबरन माफीनामा लिखवाने समेत अन्य कई आरोप लगाते हुए पुलिस से इसकी शिकायत कर दी है.
कोतवाली पुलिस को दी गई शिकायत में संपादक दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने समाचार-पत्र के नाम से ही बने न्यूज पोर्टल पर एक खबर प्रकाशित की थी. जिसके बाद उन्हें और संवाददाता को मेयर कैंप कार्यालय पर आने के लिए कहा गया. आरोप है कि कार्यालय पहुंचने पर पहले से ही मौजूद मेयर और कुछ पार्षद व अन्य लोग उनपर आग-बबूला हो गए. उन्होंने कार्यालय में दोनों को बंधक बना लिया. इस दौरान उनके साथ जमकर मारपीट और अभद्र व्यवहार के साथ ही गाली-गलौज भी की गई.
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करीब 5 घंटे तक बंधक बनाए रखने के दरमियान नुकीले हथियार के बल पर एक पार्षद व उसके कुछ साथियों ने डरा धमका कर पोर्टल पर जबरन एक खबर को लेकर माफीनामा भी प्रकाशित कराया. संपादक का आरोप है कि जबरदस्ती एक व्यक्ति का नाम भी लिखवाया गया, दावा किया कि बंधक बनाने की सूचना बाहर पहुंचते ही कानूनी प्रक्रिया के डर से उन्हें बमुश्किल छोड़ा गया. कानूनी कार्रवाई करने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई.
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संपादक ने पुलिस को लिखित शिकायत देकर मामले में संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि शिकायत के आधार पर फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है. आरोपों की पुष्टि होती है, तो संबंधित के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
विस. अध्यक्ष से लगाई न्याय की गुहार
समाचार पत्र के संपादक दुर्गेश मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान दुर्गेश उनके साथ हुई घटना से संबंधित जानकारी से अवगत कराया. मिश्रा ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच और संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग भी उठाई.
वहीं, मेयर अनीता ममगाईं ने उनपर लगे आरोपों को लेकर पक्ष रखा है. उन्होंने कहा बगैर किसी तथ्य के व्यक्तिगत तौर पर किसी की छवि को धूमिल करना सरासर गलत है. इस तरह के तथाकथित पत्रकारों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. मामले में कानूनी सलाह ले ली गई है. उनकी छवि को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.