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देहरादून की सड़कों से हटेंगे ई-रिक्शा, विरोध में उतरे चालकों ने किया प्रदर्शन - देहरादून हिंदी समाचार

देहरादून में आरटीओ द्वारा सड़कों से ई-रिक्शा हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है. जिसके विरोध में ई-रिक्शा चालकों ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

देहरादून की सड़कों से हटेंगे ई-रिक्शा, विरोध में उतरे चालकों ने किया प्रदर्शन
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Published : Sep 30, 2019, 6:04 PM IST

देहरादून: शहर के मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा को हटाये जाने के आदेश के बाद ई-रिक्शा चालक सड़क पर उतर गए हैं. सोमवार को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में ई-रिक्शा चालकों ने प्रदर्शन किया. वहीं, आरटीओ कूच कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सुभाष रोड स्थित अभिषेक टावर के पास बैरिकेड लगाकर रोक दिया.

देहरादून की सड़कों से हटेंगे ई-रिक्शा, विरोध में उतरे चालकों ने किया प्रदर्शन

बता दें कि देहरादून में ई-रिक्शा चालक आरटीओ का घेराव करने के लिए निकले थे, लेकिन भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को रोक मौके पर ही लिया. वहीं इस मामले में सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि नगर में करीब तीन हजार ई-रिक्शा आरटीओ द्वारा पंजीकृत किए गए हैं. जिसके बाद विभाग की जिम्मेदारी होती है कि चालकों को अवगत कराए कि उसे कहां चलना है. अचानक 2 साल बाद ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए ई-रिक्शा को मुख्य मार्गों से हटाने का फरमान सुना दिया गया. ऐसे में ई-रिक्शा चालकों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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वहीं इस मामले में आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई का कहना है कि एसएसपी की आदेश पर राज्य सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसमें ई-रिक्शा चालकों के लिए मुख्य मार्ग प्रतिबंधित किए गए हैं. इस दौरान ई-रिक्शा चालकों को ये आश्वासन दिया गया है कि, अगर इसकी तरफ से कोई प्रत्यावेदन में छूट लेना चाहता है तो आरटीओ के माध्यम से ले सकता है. ये ऐसी प्रक्रिया है जो एमवी एक्ट के तहत कानूनी रूप से की गई है.

देहरादून: शहर के मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा को हटाये जाने के आदेश के बाद ई-रिक्शा चालक सड़क पर उतर गए हैं. सोमवार को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में ई-रिक्शा चालकों ने प्रदर्शन किया. वहीं, आरटीओ कूच कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने सुभाष रोड स्थित अभिषेक टावर के पास बैरिकेड लगाकर रोक दिया.

देहरादून की सड़कों से हटेंगे ई-रिक्शा, विरोध में उतरे चालकों ने किया प्रदर्शन

बता दें कि देहरादून में ई-रिक्शा चालक आरटीओ का घेराव करने के लिए निकले थे, लेकिन भारी पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को रोक मौके पर ही लिया. वहीं इस मामले में सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि नगर में करीब तीन हजार ई-रिक्शा आरटीओ द्वारा पंजीकृत किए गए हैं. जिसके बाद विभाग की जिम्मेदारी होती है कि चालकों को अवगत कराए कि उसे कहां चलना है. अचानक 2 साल बाद ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए ई-रिक्शा को मुख्य मार्गों से हटाने का फरमान सुना दिया गया. ऐसे में ई-रिक्शा चालकों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

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वहीं इस मामले में आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई का कहना है कि एसएसपी की आदेश पर राज्य सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी किया है, उसमें ई-रिक्शा चालकों के लिए मुख्य मार्ग प्रतिबंधित किए गए हैं. इस दौरान ई-रिक्शा चालकों को ये आश्वासन दिया गया है कि, अगर इसकी तरफ से कोई प्रत्यावेदन में छूट लेना चाहता है तो आरटीओ के माध्यम से ले सकता है. ये ऐसी प्रक्रिया है जो एमवी एक्ट के तहत कानूनी रूप से की गई है.

Intro:ई रिक्शा चालक संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों ई रिक्शा संचालकों ने कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया। सभी ई रिक्शा संचालक परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए और अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आरटीओ घेराव करने के लिए कुच किया लेकिन वहां पहले से ही मौजूद भारी पुलिस बल ने सुभाष रोड स्थित अभिषेक टावर के पास सभी प्रदर्शनकारियों को बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी की और देहरादून के आरटीओ को मौके पर बुलाने की मांग कर डाली, ई रिक्शा संचालकों ने सड़क पर धरना देते हुए एक सभा का आयोजन किया , जिसको कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने संबोधित किया। वहीं मौके पर पहुंचे देहरादून के आरटीओ ने जब ई रिक्शा संचालकों की समस्याओं को सुना उसके बाद तब जाकर प्रदर्शनकारियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।


Body:वहीं सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि करीब तीन हजार ई रिक्शे देहरादून में आरटीओ ने पंजीकृत किए थे, उन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई वाहन चाहे वो कमर्शियल हो या फिर डोमेस्टिक वाहन हो जब परिवहन विभाग किसी वाहन को पंजीकृत करता है तो उस दौरान उस विभाग की जिम्मेदारी होती है कि उसके वाहन स्वामी को यह बताए कि उसे कहां चलना है। उसी तर्ज पर यहां जब ई रिक्शा रजिस्टर्ड किए गए और ई रिक्शा संचालकों को कहा गया कि उन्हें देहरादून में चलना है। अचानक 2 साल बाद ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए ई-रिक्शा को मुख्य मार्गो से हटाए जाने का फरमान सुना दिया जाता है ऐसे में ई-रिक्शा संचालकों के आगे आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कई ई रिक्शा संचालकों को बैंकों का ऋण चुकाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

बाइट सूर्यकांत धस्माना कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और संरक्षक,ई रिक्शा चालक संघर्ष समिति

वही देहरादून के आरटीओ दिनेशचंद्र पठोई के अनुसार एसएसपी की संस्तुति पर राज्य सरकार का जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है, उसमें ई रिक्शा संचालकों के लिए मुख्य मार्ग प्रतिबंधित किए गए हैं। ई-रिक्शा संचालकों को आश्वासन दिया गया है कि अगर इसकी तरफ से कोई प्रत्यावेदन छूट को लेकर देना है तो आरटीओ विभाग के माध्यम से दिया जा सकता है।उस प्रत्यावेदन को राज्य सरकार की संस्तुतियों सहित अग्रसारित किया जाएगा रिक्शा संचालकों से भी आशा की जा रही है कि सरकार और शासन प्रशासन को इस संबंध में अपना सहयोग दें । यह प्रक्रिया है जो की गई हैं वह एमबी एक्ट के तहत कानूनी रूप से की गई हैं यदि फिर भी किसी संस्था को लगता है कि इसमें किसी प्रकार की छूट दी जानी चाहिए तो यह शासन विभाग को प्रत्यावेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।

बाईट-दिनेश चंद्र पटौई



Conclusion:फिलहाल आरटीओ देहरादून के आश्वासन के बाद ई रिक्शा संचालकों ने संतोष जताते हुए आगामी 2 दिनों में संबंधित विभाग को प्रत्यावेदन देने का मन बनाया है।

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