देहरादून: उत्तराखंड राज्य सरकार कार्यों में गुणवत्ता लाने और पारदर्शिता रखे जाने को लेकर ई-फाइल व्यवस्था को पहले ही लागू कर चुकी है. हालांकि, इस व्यवस्था की शुरुआत सचिवालय में की गई है, जिसके तहत ई-कैबिनेट समेत तमाम काम अभी ई-फाइल के माध्यम से ही किए जा रहे हैं. यही नहीं, ई-फाइल व्यवस्था शुरू होने के बाद तमाम विभाग इस प्रणाली को अपना चुके हैं. लेकिन उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग अभी भी फाइलों के बोझ तले दबा हुआ है.
दरअसल, उत्तराखंड सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि ना सिर्फ ई-फाइल के जरिए कामों में पारदर्शिता आएगी बल्कि इसके जरिए कार्यों गुणवत्ता पर भी नजर रखी जा सकेगी. यही नहीं, कम समय में पुराने से पुराने डाक्यूमेंट्स को एक क्लिक में प्राप्त किया जा सकेगा. कागज की बचत होने के साथ ही पुरानी फाइलों के रखरखाव की समस्या भी दूर हो जाएगी. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार ने ई-फाइल व्यवस्था शुरू करने के दौरान इस बात पर जोर दिया था कि सभी विभाग इस व्यवस्था को लागू करें, जिससे ना सिर्फ फाइलों को ढूंढने का काम बचेगा बल्कि पेंडिंग काम भी जल्द से जल्द पूरे किए जा सकेंगे.
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हालांकि, इस व्यवस्था को तमाम विभाग अपना चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अभी भी अलग रास्ते पर चलता दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि ई-फाइल जैसी व्यवस्था को लागू करने में विभाग की कोई दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है. स्वास्थ्य विभाग में फाइलों का ढेर धूल फांकता नजर आ रहा है. क्योंकि विभाग में ई-फाइल व्यवस्था को लागू करने के लिए कंप्यूटर सिस्टम तक नहीं खरीदे गए हैं.
वहीं, जब इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य महानिदेशक विनीता शाह से बात की गई तो उनका कहना है कि आईटी सेल के कर्मचारी ई-फाइल व्यवस्था को लेकर काम कर रहे हैं. जल्द ही स्वास्थ्य विभाग में भी इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा.