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देहरादून: नशे की जद में देवभूमि के अधिकांश युवा, आंकड़े कर रहे हैं तस्दीक

उत्तराखंड राज्य देश दुनिया में अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है. लेकिन, नशे का कारोबार इसकी पहचान को धीरे-धीरे खत्म करता जा रहा है.

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नशे की जद में देवभूमि के युवा.
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Published : Dec 1, 2019, 6:44 PM IST

Updated : Dec 1, 2019, 7:37 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड राज्य देश दुनिया में अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है. यहां हर साल लाखों पर्यटक दूर-दूर से देवभूमि में पहुंचते हैं. वहीं, युवाओं में नशाखोरी का क्रेज कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. नशे के कारोबारी युवा पीढ़ी को निशाना बनाकर नशे का कारोबार जोरों शोरों से कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश सरकार भले ही तमाम तरह के जागरुकता अभियान चला रही हो, लेकिन नशे का व्यापार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है.

नशे की जद में देवभूमि के अधिकांश युवा.

प्रदेश के युवा लगातार नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं. एक सर्वे के मुताबिक, प्रदेशभर में युवा नशे की जद में फंसते जा रहे हैं. साथ ही दून में तो हालत कुछ ज्यादा ही बदतर हैं. वर्तमान समय में देहरादून के अधिकांश स्टूडेंट नशे के आदी हो चुके हैं. राजधानी में पढ़ने वाले 15 फीसदी स्टूडेंट्स स्मैक और चरस के आदी हैं. वहीं, हर साल के आंकड़े जो सामने आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं. साल 2019 में अप्रैल महीने तक प्रदेश भर में 3 करोड़ 89 लाख 27 हजार 470 रुपये की नशीली खेप बरामद हुई है. वहीं, राजधानी देहरादून में सिर्फ 1 करो़ड़ 43 लाख 74 हजार 780 रुपये की नशे की खेप बरामद हुई है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बेकाबू कार ने दो बाइक सवारों को मारी टक्कर, तीन लोग गंभीर रूप से घायल

देहरादून में साल 2017 में करीब 7 करोड़ रुपये की नशे की खेप पकड़ी गई.
चरस - 27.145 किलो
स्मैक - 617.11 ग्राम
डोडा पोस्ट - 1091
नशीली गोली - 92

देहरादून में साल 2018 में करीब 3 करोड़ 74 लाख की नशे की खेप पकड़ी गई.
चरस - 80.07 किलो
स्मैक - 2.708 किलो
डोडा - 104.77 किलो
नशीली गोली - 424
नशीले कैप्सूल - 888
नशीले इंजेक्शन - 730
गांजा - 72.31
हेरोइन - 0.1 ग्राम

देहरादून में साल 2019 में अप्रैल तक, करीब 1 करोड़ 43 लाख रुपये की खेप पकड़ी गई.
चरस- 12.07 किलो
स्मैक- 1.309 किलो
नशीली गोली- 975
कैप्सूल- 2050
इंजेक्शन- 84
गांजा- 15.93

प्रदेश भर में साल 2019 में अप्रैल तक करीब 3 करोड़ 89 लाख की पकड़ी गई नशे की खेप
चरस- 44.05 किलो
स्मैक- 3.3504 किलो
नशीली गोली- 3660
कैप्सूल- 4964
नशीली इंजेक्शन- 190
गांजा- 588.48

देहरादून: उत्तराखंड राज्य देश दुनिया में अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए पहचाना जाता है. यहां हर साल लाखों पर्यटक दूर-दूर से देवभूमि में पहुंचते हैं. वहीं, युवाओं में नशाखोरी का क्रेज कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. नशे के कारोबारी युवा पीढ़ी को निशाना बनाकर नशे का कारोबार जोरों शोरों से कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश सरकार भले ही तमाम तरह के जागरुकता अभियान चला रही हो, लेकिन नशे का व्यापार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है.

नशे की जद में देवभूमि के अधिकांश युवा.

प्रदेश के युवा लगातार नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं. एक सर्वे के मुताबिक, प्रदेशभर में युवा नशे की जद में फंसते जा रहे हैं. साथ ही दून में तो हालत कुछ ज्यादा ही बदतर हैं. वर्तमान समय में देहरादून के अधिकांश स्टूडेंट नशे के आदी हो चुके हैं. राजधानी में पढ़ने वाले 15 फीसदी स्टूडेंट्स स्मैक और चरस के आदी हैं. वहीं, हर साल के आंकड़े जो सामने आ रहे हैं वो चौंकाने वाले हैं. साल 2019 में अप्रैल महीने तक प्रदेश भर में 3 करोड़ 89 लाख 27 हजार 470 रुपये की नशीली खेप बरामद हुई है. वहीं, राजधानी देहरादून में सिर्फ 1 करो़ड़ 43 लाख 74 हजार 780 रुपये की नशे की खेप बरामद हुई है.

ये भी पढ़ें: VIDEO: बेकाबू कार ने दो बाइक सवारों को मारी टक्कर, तीन लोग गंभीर रूप से घायल

देहरादून में साल 2017 में करीब 7 करोड़ रुपये की नशे की खेप पकड़ी गई.
चरस - 27.145 किलो
स्मैक - 617.11 ग्राम
डोडा पोस्ट - 1091
नशीली गोली - 92

देहरादून में साल 2018 में करीब 3 करोड़ 74 लाख की नशे की खेप पकड़ी गई.
चरस - 80.07 किलो
स्मैक - 2.708 किलो
डोडा - 104.77 किलो
नशीली गोली - 424
नशीले कैप्सूल - 888
नशीले इंजेक्शन - 730
गांजा - 72.31
हेरोइन - 0.1 ग्राम

देहरादून में साल 2019 में अप्रैल तक, करीब 1 करोड़ 43 लाख रुपये की खेप पकड़ी गई.
चरस- 12.07 किलो
स्मैक- 1.309 किलो
नशीली गोली- 975
कैप्सूल- 2050
इंजेक्शन- 84
गांजा- 15.93

प्रदेश भर में साल 2019 में अप्रैल तक करीब 3 करोड़ 89 लाख की पकड़ी गई नशे की खेप
चरस- 44.05 किलो
स्मैक- 3.3504 किलो
नशीली गोली- 3660
कैप्सूल- 4964
नशीली इंजेक्शन- 190
गांजा- 588.48

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है.....
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उत्तराखंड राज्य देश दूनिया में अपनी आवो हवा और खुबसूरती के लिए पहचाना जाता है। जहा हर साल लाखो की संख्या में दूर-दूर से पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं। लेकिन युवाओं में नशाखोरी का क्रेज कम होने की जगह पर बढ़ता ही जा रहा है। भले ही प्रदेश में तमाम तरह के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हों। इन अभियानों का कोई खास असर भी नहीं दिख रहा है। ऐसे युवाओं की तादात हर रोज बढ़ती ही जा रही है, जो नशे के दलदल में खुद खींचे चले आ रहे हैं। नशाखोरी की ओर बढ़ रहे युवा, नशे के कारोबारियों के लिए साॅफ्ट टार्गेट बने हुए हैं। वहीं देहरादून से लेकर ऋषिकेश समेत प्रदेश के अन्य जिलों में भी नशे की खेप बढ़ती जा रही है। देखिये ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट में.......


Body:नशा एक अभिशाॅप है और इस दलदल में जो फंसा उसका जल्दी से बाहर निकल पाना काफी मुश्किल है। नशे के चलते तमाम ऐसे परिवार हैं जो आज बर्बादी की कगार पर हैं। नशे के कारोबारियों ने अब उत्तराखंड को अपना असली ठिकाना बना लिया है। इन कारोबारियों के निशाने पर उत्तराखंड के युवा हैं। लेकिन राजधानी देहरादून में नशे के कारोबार पर कहीं से भी अंकुश लगता नहीं दिख रहा है। यहां के शिक्षण संस्थानों से लेकर होटलों, ढाबों और जिम तक में नशे के कारोबारी बेखौफ नशा बांट रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस नशाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई कर रही है। लेकिन वास्तविकता ये है कि ड्रग्स सिंडिकेट लगातार अपने पांव जमाते जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पुलिस द्वारा उन छोटी मछलियों को पकड़ना है, जो चंद रुपयों के लालच में नशे के लिए ड्रग्स के कारोबार में उतर गए हैं।   


प्रदेश के युवा लगातार नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। और यह हम नही बल्की एक सर्वे कह रहा है। सर्वे के मुताबिक यह बात सामने आयी है कि प्रदेशभर में युवा नशे की जद में फसते जा रहे हैं और दून में तो हालत कुछ ज्यादा ही बत्तर हैं। वर्तमान समय में देहरादून के 87 फीसदी स्टूडेंट नशे के आदी हो चुके हैं। राजधानी में पढ़ने वाले 15 फिसदी स्टूडेंट्स स्मैक और चरस के आदी हैं। वहीं हर साल के आंकड़े जो सामने आ रहे हैं वो चौकाने वाले हैं। साल 2019 में अप्रैल महीने तक प्रदेश भर में 3 करोड़ 89 लाख 27 हजार 470 रुपये की नशीली खेप बरामद हुई है। तो वही राजधानी देहरादून में सिर्फ 1 करो़ड़ 43 लाख 74 हजार 780 रुपये की नशीली खेफ बरामद हुई। 
 

देहरादून में साल 2017 में करीब 7 करोड़ की पकड़ी गयी नशे कि खेप..........

चरस - 27.145 किलो, 
स्मैक - 617.11 ग्राम 
डोडा पोस्ट - 1091 
नशीली गोली - 92 


देहरादून में साल 2018 में करीब 3 करोड़ 74 लाख की पकड़ी गयी नशे कि खेप..........  

चरस - 80.07 किलो
स्मैक - 2.708 किलो
डोडा - 104.77 किलो
नशीली गोली - 424
नशीले कैपसूल - 888
नशीले इजेक्शन - 730
गांजा - 72.31
हिरोईन - 0.1


देहरादून में साल 2019, अप्रैल तक, करीब 1 करो़ड़ 43 लाख की पकड़ी गयी नशे कि खेप.........

चरस- 12.07 किलो
स्मैक- 1.309 किलो
नशीली गोली- 975
कैप्सूल- 2050
इनजेक्शन- 84
गांजा- 15.93


प्रदेशभर में साल 2019, अप्रैल तक करीब 3 करोड़ 89 लाख की पकड़ी गई नशीली खेप...........

चरस- 44.05 किलो
स्मैक- 3.3504 किलो
नशीली गोली- 3660
कैप्सूल- 4964
नशीली इनजैक्शन- 190
गांजा- 588.48


बाइट - अशोक कुमार, डीजी, लॉ एंड आर्डर




Conclusion:चंद मुनाफे के चलते युवाओं को नशे की गर्त में धकेलने वाले तमाम परिवारों को बर्बादी की कागार पर पहुंचा रहे हैं। पुलिस भी लगातार दावा कर रही है कि ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जा रहा है, लेकिन बावजूद इसके इन कारोबारियों के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में सिर्फ पुलिस के अभियान से नशे से युवाओं को बचाया नही जा सकता है, बल्कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों से बात करनी होगी और उनपर नजर रखना चाहिए, ताकि नशे से प्रदेश को बचाया जा सके।   
Last Updated : Dec 1, 2019, 7:37 PM IST
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