ETV Bharat / state

उत्तराखंड में बनेगा ड्रोन कॉरिडोर, डीजीसीए की सहमति के बाद शुरू होगा काम

उत्तराखंड में ड्रोन कॉरिडोर की कवायद की जा रही है. इससे पहले उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी का खाका तैयार किया जा चुका है. ड्रोन कॉरिडोर से संबंधित प्रपोजल आईटीडीए यानी सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को भेजा दिया है. ऐसे में ड्रोन कॉरिडोर बनने से प्रतिबंधित और हवाई सेवाओं के रूट को सुरक्षित रखा जा सकेगा. साथ ही रूट तय होने पर आसानी से ड्रोन की आवाजाही हो पाएगी.

Uttarakhand Drone Corridor
उत्तराखंड में ड्रोन कॉरिडोर
author img

By

Published : Jun 4, 2023, 11:55 AM IST

Updated : Jun 4, 2023, 12:59 PM IST

उत्तराखंड में बनेगा ड्रोन कॉरिडोर.

देहरादूनः उत्तराखंड में ड्रोन के बेहतर इस्तेमाल के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाएगा. ड्रोन कॉरिडोर के लिए आईटीडीए ने प्रपोजल तैयार कर डीजीसीए को भेज दिया है. लिहाजा, डीजीसीए की सहमति के बाद ड्रोन कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उत्तराखंड में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पॉलिसी भी तैयार कर लिया है. ऐसे में ड्रोन कॉरिडोर को लेकर आईटीडीए कवायद में जुट गया है. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से प्रपोजल मांगे गए हैं.

दरअसल, इस आधुनिक दौर में ड्रोन एक बेहतर माध्यम साबित हो रहा है. मुख्य रूप से इमरजेंसी सेवाओं में ड्रोन एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. जिसका सफल परीक्षण भी हो चुका है. उत्तराखंड में भी ड्रोन के जरिए दवाइयों को एक जगह से दूसरी जगह (एम्स ऋषिकेश से टिहरी) पहुंचाने का सफल परीक्षण किया जा चुका है. इसके साथ ही ड्रोन का इस्तेमाल कृषि कार्यों में भी किया जा सके, इस ओर भी आईटीडीए यानी सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी देहरादून ने पहल शुरू कर दी है.

Uttarakhand Drone Corridor
ड्रोन कॉरिडोर पर जोर

उत्तराखंड में अभी कुछ कामों में हो रहा ड्रोन का इस्तेमालः ड्रोन का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में कर सकते हैं. हालांकि, मेडिकल सेवाओं समेत अन्य क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा उत्तराखंड में अभी ड्रोन का सरकारी कामों में इस्तेमाल चालान काटने, भूमि सर्वे में इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे अलावा शादियों या फिर किसी समारोह में ड्रोन का इस्तेमाल काफी ज्यादा देखा जा रहा है. किसानों के ड्रोन इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. यही वजह है कि सरकार ने ड्रोन पॉलिसी तैयार की है. जिससे ड्रोन का बेहतर इस्तेमाल हो सके.
ये भी पढ़ेंः ITDA ने तैयार किया ड्रोन पॉलिसी का खाका, धामी कैबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार

क्या होता है ड्रोन कॉरिडोर और क्या हैं इसके फायदे? हवाई सेवाओं की तरह ही ड्रोन के लिए रूट तय करना ही ड्रोन कॉरिडोर कहलाता है. इसके लिए रूट पर कुछ जगह पर कॉरिडोर बनाया जाता है. जिसके जरिए ड्रोन ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाता है. यानी ड्रोन कॉरिडोर के तहत ऐसे रूट तय किए जाएंगे, जिस रूट पर सरकारी और निजी ड्रोन आसानी से आ जा सकेंगे. इतना ही नहीं ड्रोन कॉरिडोर बनने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि न सिर्फ एक जगह से दूसरे जगह पहुंचने में ड्रोन को कम समय लगेगा. बल्कि, ड्रोन को बैटरी की भी बचत होगी.

ITDA Director Nitika Khandelwal
आईटीडीए के निदेशक नितिका खंडेलवाल का बयान

प्रतिबंधित और हवाई सेवाओं के रूट को रख सकेंगे सुरक्षितः ड्रोन कॉरिडोर न होने के चलते ड्रोन को कई बार लंबा सफर तय करना पड़ता है. इसके साथ ही कई बार ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्रों से भी होकर गुजर जाता है. जिसके चलते ड्रोन कॉरिडोर की आवश्यकता महसूस होती रही है. ऐसे में अगर ड्रोन कॉरिडोर तैयार हो जाता है तो न सिर्फ प्रतिबंधित और हवाई सेवाओं के रूट को सुरक्षित रख सकेंगे. बल्कि, ड्रोन की उड़ानों पर भी लगाम लगा सकेंगे. इसके साथ ही सभी जिलों में जो कॉरिडोर बनाए जाएंगे, उसे आपस में लिंक करते हुए ड्रोन के लिए पूरा रूट नेटवर्क तैयार हो जाएगा.
ये भी पढ़ेंः ड्रोन के इस्तेमाल से खेती होगी आसान, घर बैठ किसान कर सकेंगे निगरानी, समझें कैसे मिलेगा फायदा

ड्रोन कॉरिडोर के लिए जिलों से मांगे गए प्रपोजलः आईटीडीए के निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि ड्रोन पॉलिसी तैयार होने के बाद इसे स्टेक होल्डर कंसल्टेशन के लिए पब्लिश किया गया था. जिस पर लोगों ने तमाम सुझाव भी दिए हैं. इस पॉलिसी को आगामी कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. जिससे प्रदेश में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और ड्रोन सर्विसेज को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि ड्रोन को बढ़ावा देने के साथ ही ड्रोन कॉरिडोर को भी ज्यादा से ज्यादा बनाना होगा. इस संबंध में आईटीडीए विभाग के साथ ही सभी जिलाधिकारियों से प्रपोजल मांगे गए हैं कि कहां से कहां तक ड्रोन कॉरिडोर बना सकते हैं. लिहाजा, प्रस्ताव मिलने के बाद इसे डीजीसीए को भेजा जाएगा. दरअसल, डीजीसीए ड्रोन कॉरिडोर बनाने के लिए सिविल एविएशन के साथ बैठक एक्सरसाइज करता है. लिहाजा, प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

उत्तराखंड में बनेगा ड्रोन कॉरिडोर.

देहरादूनः उत्तराखंड में ड्रोन के बेहतर इस्तेमाल के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाएगा. ड्रोन कॉरिडोर के लिए आईटीडीए ने प्रपोजल तैयार कर डीजीसीए को भेज दिया है. लिहाजा, डीजीसीए की सहमति के बाद ड्रोन कॉरिडोर बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उत्तराखंड में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पॉलिसी भी तैयार कर लिया है. ऐसे में ड्रोन कॉरिडोर को लेकर आईटीडीए कवायद में जुट गया है. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से प्रपोजल मांगे गए हैं.

दरअसल, इस आधुनिक दौर में ड्रोन एक बेहतर माध्यम साबित हो रहा है. मुख्य रूप से इमरजेंसी सेवाओं में ड्रोन एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है. जिसका सफल परीक्षण भी हो चुका है. उत्तराखंड में भी ड्रोन के जरिए दवाइयों को एक जगह से दूसरी जगह (एम्स ऋषिकेश से टिहरी) पहुंचाने का सफल परीक्षण किया जा चुका है. इसके साथ ही ड्रोन का इस्तेमाल कृषि कार्यों में भी किया जा सके, इस ओर भी आईटीडीए यानी सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी देहरादून ने पहल शुरू कर दी है.

Uttarakhand Drone Corridor
ड्रोन कॉरिडोर पर जोर

उत्तराखंड में अभी कुछ कामों में हो रहा ड्रोन का इस्तेमालः ड्रोन का इस्तेमाल कई क्षेत्रों में कर सकते हैं. हालांकि, मेडिकल सेवाओं समेत अन्य क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा उत्तराखंड में अभी ड्रोन का सरकारी कामों में इस्तेमाल चालान काटने, भूमि सर्वे में इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे अलावा शादियों या फिर किसी समारोह में ड्रोन का इस्तेमाल काफी ज्यादा देखा जा रहा है. किसानों के ड्रोन इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. यही वजह है कि सरकार ने ड्रोन पॉलिसी तैयार की है. जिससे ड्रोन का बेहतर इस्तेमाल हो सके.
ये भी पढ़ेंः ITDA ने तैयार किया ड्रोन पॉलिसी का खाका, धामी कैबिनेट से मंजूरी मिलने का इंतजार

क्या होता है ड्रोन कॉरिडोर और क्या हैं इसके फायदे? हवाई सेवाओं की तरह ही ड्रोन के लिए रूट तय करना ही ड्रोन कॉरिडोर कहलाता है. इसके लिए रूट पर कुछ जगह पर कॉरिडोर बनाया जाता है. जिसके जरिए ड्रोन ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाता है. यानी ड्रोन कॉरिडोर के तहत ऐसे रूट तय किए जाएंगे, जिस रूट पर सरकारी और निजी ड्रोन आसानी से आ जा सकेंगे. इतना ही नहीं ड्रोन कॉरिडोर बनने के बाद सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि न सिर्फ एक जगह से दूसरे जगह पहुंचने में ड्रोन को कम समय लगेगा. बल्कि, ड्रोन को बैटरी की भी बचत होगी.

ITDA Director Nitika Khandelwal
आईटीडीए के निदेशक नितिका खंडेलवाल का बयान

प्रतिबंधित और हवाई सेवाओं के रूट को रख सकेंगे सुरक्षितः ड्रोन कॉरिडोर न होने के चलते ड्रोन को कई बार लंबा सफर तय करना पड़ता है. इसके साथ ही कई बार ड्रोन प्रतिबंधित क्षेत्रों से भी होकर गुजर जाता है. जिसके चलते ड्रोन कॉरिडोर की आवश्यकता महसूस होती रही है. ऐसे में अगर ड्रोन कॉरिडोर तैयार हो जाता है तो न सिर्फ प्रतिबंधित और हवाई सेवाओं के रूट को सुरक्षित रख सकेंगे. बल्कि, ड्रोन की उड़ानों पर भी लगाम लगा सकेंगे. इसके साथ ही सभी जिलों में जो कॉरिडोर बनाए जाएंगे, उसे आपस में लिंक करते हुए ड्रोन के लिए पूरा रूट नेटवर्क तैयार हो जाएगा.
ये भी पढ़ेंः ड्रोन के इस्तेमाल से खेती होगी आसान, घर बैठ किसान कर सकेंगे निगरानी, समझें कैसे मिलेगा फायदा

ड्रोन कॉरिडोर के लिए जिलों से मांगे गए प्रपोजलः आईटीडीए के निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि ड्रोन पॉलिसी तैयार होने के बाद इसे स्टेक होल्डर कंसल्टेशन के लिए पब्लिश किया गया था. जिस पर लोगों ने तमाम सुझाव भी दिए हैं. इस पॉलिसी को आगामी कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. जिससे प्रदेश में ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग और ड्रोन सर्विसेज को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि ड्रोन को बढ़ावा देने के साथ ही ड्रोन कॉरिडोर को भी ज्यादा से ज्यादा बनाना होगा. इस संबंध में आईटीडीए विभाग के साथ ही सभी जिलाधिकारियों से प्रपोजल मांगे गए हैं कि कहां से कहां तक ड्रोन कॉरिडोर बना सकते हैं. लिहाजा, प्रस्ताव मिलने के बाद इसे डीजीसीए को भेजा जाएगा. दरअसल, डीजीसीए ड्रोन कॉरिडोर बनाने के लिए सिविल एविएशन के साथ बैठक एक्सरसाइज करता है. लिहाजा, प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

Last Updated : Jun 4, 2023, 12:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.