देहरादून: प्रदेश में हेल्थ केयर में पहली बार ड्रोन डिलीवरी सिस्टम का फॉर्मूला इजाद किया गया है. रेडक्लिफ लैब की ओर से देहरादून से उत्तरकाशी के लिए कॉमर्शियल बीवीएलओएस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. करीब 60 किमी की हवाई दूरी को तय कर उत्तरकाशी से देहरादून के विवेक विहार 88 मिनट में मेडिकल सैपल सुरक्षित पहुंचाया गया.
रेडक्लिफ लैब ने उत्तरकाशी से देहरादून तक सैंपल पहुंचाने के लिए दो बार स्काई एयर की मदद से ड्रोन डिलीवरी का परीक्षण किया. अब रेडक्लिफ लैब का दावा है कि 10 जून से नियमित विशेष टेस्ट सैंपल संग्रह के लिए प्रतिदिन दो ड्रोन उड़ानें संचालित की जाएंगी.
रेडक्लिफ लैब के संस्थापक धीरज जैन ने कहा उत्तरकाशी सीमांत जनपद है. इसलिए पहला प्रयोग यहां से शुरू किया गया है. हमारा उद्देश्य है कि जिन जांचों के लिए व्यक्ति को देहरादून तक आने के लिए करीब 170 किमी की दूरी तय करनी पड़ती थी. अब वह जांच जो लैब टेस्ट करेगी, वह सैंपल ड्रोन के माध्यम से तापमान नियंत्रित बॉक्सों में 5 किलो पेलोड के जरिए उत्तरकाशी से देहरादून तक पहुंचाई जाएगी. जिससे मरीज को 24 घंटे में ईमेल और वाट्सअप पर जांच रिपोर्ट मिल जाएगी. उत्तरकाशी की सुदूर पहाड़ियों में पहला कमर्शियल ड्रोन कॉरिडोर खोलने का पूरा एजेंडा उद्देश्य के साथ उड़ान का है.
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रेडक्लिफ लैब की यह मुहिम सफल साबित होती है तो, इसके बाद पहाड़ों में मेडिकल सुविधाओं के डायग्नोस्टिक क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि होंगी. इसके साथ ही उत्तरकाशी के बाद सफल अभियान के बाद इसे प्रदेश के अन्य सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी शुरू किया जाएगा. जिससे उत्तराखंड के हेल्थ केयर में एक नई क्रांति शुरू होगी. इसके साथ ही पिछले 3 महीनों में उत्तर भारत मे रेडक्लिफ और स्काई एयर की ओर से उत्तर भारत मे संयुक्त तौर पर 40 सफल परीक्षण किए गए हैं. जिसमें उत्तराखंड में सफल परीक्षण में पहला राज्य बना है.