देहरादून: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक फरवरी को आम बजट पेश कर दिया है. इस बजट में किसान, महिला और युवा समेत हर वर्ग के लोगों को समाहित किया गया है. खास बात ये है कि टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है. अब 12 लाख रुपए सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. आम बजट पेश होने के बाद उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
निर्मला सीतारमण का आठवां बजट अच्छा: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का लगातार यह आठवां बजट है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने संतुलित समावेशी और अच्छा बजट पेश किया है. उन्होंने कहा कि देशवासियों के हर क्षेत्र के लिए इस बजट में प्रावधान किए गए हैं. इसमें शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, महिला, युवा, रक्षा, बुजुर्ग समेत मध्यम वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है.
उत्तराखंड के हिस्से में भी टूरिज्म केंद्र आए: प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड देश का ऐसा हिस्सा है, जिसके लिए एक बात कही जाती है कि प्रधानमंत्री मोदी के दिल में उत्तराखंड बसता है और उत्तराखंड वासियों के दिल में प्रधानमंत्री मोदी बसते हैं. पिछले महीने जब 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए थे, उस दौरान पीएम ने कहा था कि मेरा घर उत्तराखंड भी है. ऐसे में आम बजट में जो भी प्रावधान किए गए हैं, उसमें उत्तराखंड वासियों का भी हिस्सा है. उन्होंने कहा कि जब देश भर में 50 टूरिज्म केंद्र खोले जाने की व्यवस्था की गई है, तो उत्तराखंड के हिस्से में भी टूरिज्म केंद्र आएंगे.
उत्तराखंड को मिलेगा अनुसंधान व नवाचार के प्रावधानों का लाभ: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि चिकित्सा टूरिज्म के क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपए का अनुसंधान व नवाचार के लिए प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ उत्तराखंड को भी मिलेगा. 125 शहरों को उड़ान योजना का लाभ दिया जाएगा. ऐसे में उत्तराखंड को इसका फायदा मिलेगा. देशभर में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खुलेंगे. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि उत्तराखंड के हिस्से में भी एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस आएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आम बजट में जो ब्रॉडबैंड का प्रावधान किया है, उससे उत्तराखंड के स्कूलों को भी लाभ मिलेगा. इसके अलावा, केंद्र सरकार से टैक्स की वापसी में एक साथ 444 करोड़ रुपए राज्य सरकार को मिलेंगे.
जल जीवन मिशन की समय सीमा 2028: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जब पिछले साल 20 दिसंबर को जैसलमेर में वित्त मंत्रियों की बैठक हुई थी, उस दौरान उन्होंने जल जीवन मिशन की समय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया था. लिहाजा जल जीवन मिशन की समय सीमा को बढ़ाकर 2028 तक कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि आम बजट का पूरा विश्लेषण किया जाएगा. उसके बाद तमाम अन्य चीजें भी सामने आएंगी, जिसका सीधा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा.
उत्तराखंड में फ्लोटिंग पॉपुलेशन की दिशा में कार्य: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि जिस-जिस क्षेत्र में बजट की आवश्यकता होती है, उसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी समेत केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों से बजट की मांग की जाती है और उसका लाभ मिलता है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनसंख्या 1.25 करोड़ है. इसके अलावा पूरे साल भर में उत्तराखंड में करीब सात करोड़ फ्लोटिंग पॉपुलेशन रहती है, इसलिए इस दिशा में धीरे-धीरे काम किए जा रहे हैं. लिहाजा समय-समय पर भारत सरकार से लाभ मिलता रहेगा.
ग्रीन बोनस की उत्तराखंड सरकार को उम्मीद: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल से पूछा गया कि उत्तराखंड लंबे समय से ग्रीन बोनस की मांग कर रहा है, लेकिन अभी तक ग्रीन बोनस के रूप में राज्य को कोई भी लाभ प्राप्त नहीं हो पाया है. इसके जवाब में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हर बार अपेक्षा करती है और अभी भी सरकार उम्मीद लगाए बैठी है कि उन्हें ग्रीन बोनस का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिन सेक्टर में सरकार को उम्मीद थी उन सेक्टर में पैसा मिल गया है. इसके बाद अब जिन सेक्टर में पैसा नहीं मिला है, उनके लिए भारत सरकार से राज्य सरकार आग्रह करती रहेगी.
टैक्स छूट का उत्तराखंड के लोगों को मिलेगा लाभ: मिडिल क्लास फैमिली को टैक्स स्लैब के जरिए दी गई बड़ी राहत के सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह पहली सरकार है, जिसने 12 लाख रुपए सालाना आय वाले व्यक्ति को टैक्स से छूट दी है. उत्तराखंड राज्य में बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी रहते हैं, लिहाजा इसका सीधा लाभ उत्तराखंड के लोगों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि ये लोग राज्य के विकास का आधार हैं.
आम बजट में किए गए कुछ मुख्य प्रावधान
- एक लाख रुपए प्रति माह की औसत आय पर कोई आयकर नहीं. इससे मध्यम वर्ग परिवारों की आय व खपत में वृद्धि होगी.
- वेतनभोगी करदाताओं को नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपए तक कोई आयकर नहीं देना होगा.
- केन्द्रीय बजट में विकास के चार ईंजनों की पहचान की गई है. कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात.
- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इनमें 100 निम्न उत्पादन वाले जिलों को शामिल किया जाएगा.
- अरहर, उड़द व मसूर पर विशेष ध्यान देते हुए “दालों में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू किया जाएगा.
- संशोधित ब्याज योजना के तहत केसीसी के माध्यम से पांच लाख तक का लोन मिलेगा.
- वित्त वर्ष-25 में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान. इसे वित्त वर्ष- 26 में 4.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
- एमएसएमई को गारंटी के साथ दिए जाने वाले ऋण को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए किया गया.
- मेक इन इंडिया को निरंतरता देने के लिए लघु, मध्यम व वृहद उद्योग को शामिल कर राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का शुभारंभ होगा.
- अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित होंगी.
- 500 करोड़ रूपए के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्ता केन्द्र स्थापित होंगे .
- बैंको से ऋण में वृद्धि सहित पीएम स्वनिधि, 30 हजार रुपए की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलेगा.
- गिग वर्करों को पहचान पत्र दिया जाएगा. पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ई-श्रम पोर्टल और स्वास्थ्य देखभाल में पंजीकरण भी होगा.
- विकास केन्द्र के रूप में शहरों को एक लाख करोड़ रुपए का शहरी चुनौती निधि दी जाएगी.
- 20 हजार करोड़ रुपए परिव्यय के साथ लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों के आरएंडडी के लिए अणु ऊर्जा मिशन.
- संशोधित उड़ान योजना से 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा.
- एक लाख आवासीय इकाइयों को शीघ्र पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ स्वामिह निधि आवंटित.
- निजी क्षेत्र द्वारा संचालित शोध विकास व नवाचार पहलों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए आवंटित.
- पांडुलिपियों के सर्वेक्षण व संरक्षण के लिए ज्ञान भारत मिशन.
- बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया गया.
- विभिन्न कानूनों में 100 से ज्यादा प्रावधानों को गैर-अपराधीकरण रूप देते हुए जन विश्वास विधेयक 2.0 लाया जाएगा.
- संशोधित आयकर रिटर्न की समय सीमा दो से बढ़ाकर चार साल की गई.
- टीसीएस भुगतान में देरी अब अपराध नहीं.
- किराया पर टीडीएस 2.4 लाख रुपए से बढ़ाकर 6 लाख रुपए किया गया.
- कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों के उपचार के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों को बुनियादी सीमा-शुल्क (बीसीडी) से छूट.
- आईएफपीडी पर बीसीडी को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया. ओपन सेल्स पर बीसीडी में 5 प्रतिशत की कमी.
- घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ ओपन सेल्स पर बीसीडी में छूट.
- बैट्री उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विद्युतीय वाहन और मोबाइल बैट्री उत्पादन के लिए अतिरिक्त पूंजीगत वस्तु में छूट.
- जहाज निर्माम में प्रयोग होने वाले कच्चा सामग्री और घटकों पर 10 साल के लिए बीसीडी में छूट.
- फ्रोजन फिश पेस्ट पर बीसीडी को 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया और फिश हाइड्रोलिसेट पर 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया.
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