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दीपावली 2020: भारतीय उत्पादों से सजे दून के बाजार, चाइनीज प्रोडक्ट्स का हो रहा बॉयकॉट

देहरादून के बाजारों में अभी से दिवाली की रौनक दिखने लगी है. यहां के बाजार सजावटी सामानों, झालरों और पटाखों से सजे हुए हैं. इस बाजार दून के बाजारों में भारत में निर्मित उत्पाद देखने को मिल रहे हैं, जिनमें लोग बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

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दीपावली 2020: भारतीय उत्पादों से सजे दून के बाजार
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Published : Oct 28, 2020, 7:02 PM IST

Updated : Oct 28, 2020, 7:30 PM IST

देहरादून: दीपावली के नजदीक आते ही बाजारों में तरह-तरह के सजावटी सामानों की बिक्री शुरू हो चुकी है. दून के बाजारों में भी दीपावली की रौनक अभी से देखने को मिल रही है. सजावटी सामानों से दून के बाजार गुलजार हो रहे हैं. इस बाद दून के बाजारों में दिखने वाले ये सजावटी आइटम चीन के बजाय भारत में ही तैयार किए गए हैं.

भारतीय उत्पादों से सजे दून के बाजार,



गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच शुरू हुए विवाद के चलते देश में बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स का नारा बुलंद है. जिसका असर इन दिनों बाजारों में देखने को मिल रहा है. जहां पिछले सालों तक दीपावली के मौके पर बाजारों में बिकने वाली ज्यादातर चीजें ' Made in china' हुआ करती थी. वहीं, इस बार ' Be indian buy indian ' स्लोगन के साथ भारत में निर्मित सजावटी सामानों से बाजार गुलजार है. दून के बाजारों में बड़ी मात्रा में सजावटी सामान देखने को मिल रहे हैं.

पढ़ें-मेयर साहिबा को अग्निकांड पीड़ितों से हमदर्दी नहीं, आज भी मायूस लौटे

बात चाहे दीपावली के पर्व की नजदीकियों को देखते हुए बाजार में उपलब्ध तरह-तरह की खूबसूरत कैंडल्स, झालर और पटाखों की करें तो इस बार दून के बाजार में भारत में निर्मित इस तरह के कई खूबसूरत आइटम्स उपलब्ध हैं. वहीं, अगर भारत में निर्मित इन सजावटी सामानों के दाम की बात करें तो चाइनीज प्रोडक्ट के मुकाबले इनके दाम 10 से 20 प्रतिशत तक ज्यादा जरूर हैं, लेकिन क्वालिटी के मामले में ये चाइनीज उत्पाद के मुकाबले कई गुना ज्यादा बेहतर हैं.

पढ़ें-दीपावली के लिए सजने लगे बाजार,पटाखों की दुकान के लाइसेंस के लिए 29 अक्टूबर से होंगे आवेदन


भारत में निर्मित कैंडल्स और अन्य सजावटी सामान
राजधानी के प्रसिद्ध पलटन बाजार में बीते कई सालों से खूबसूरत मोमबत्तियां का व्यापार कर रहे विक्की बताते हैं कि इस बार उन्होंने अपनी दुकान में एक भी चीनी उत्पाद नहीं रखा है. जितनी भी तरह की खूबसूरत मोमबत्तियां और अन्य सजावटी सामान उनकी दुकान में हैं वो सभी भारत में बने हुए हैं. इसमें पिलर कैंडल, जेल कैंडल, अरोमा कैंडल, फ्लोटिंग कैंडल और एलईडी कैंडल्स शामिल हैं. वहीं, चाइनीज प्रोडक्ट की तुलना में इसके दाम में भी कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं है.

पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल जज दीपाली शर्मा की सेवा समाप्त, नाबालिग के उत्पीड़न का आरोप

भारत में बनाई गई लड़ियां
दीपावली में लोग अपने घरों को खूबसूरत लड़ियों से सजाते हैं. उसके लिए भी इस बार दून के बाजारों में तरह-तरह की झालर मौजूद हैं, जो कि भारत में बनाई गई हैं. राजधानी के धामावाला बाजार में इलेक्ट्रिक उत्पादों की दुकान चलाने वाले स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि इस बार उन्होंने अपनी दुकान में केवल भारत में निर्मित झालर सजाई हुई हैं. जिन्हें ग्राहक भी काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं. वहीं, चाइनीज झालरों की तुलना में यह झालर 50 से 60 रुपए ज्यादा महंगी हैं. मगर ये यह सालों साल तक चलने वाली है. इसके साथ ही भारत में निर्मित इन झालरों की सबसे बड़ी खास बात यह भी है कि इन्हें खराब होने की स्थिति में दोबारा रिपेयर किया जा सकता है.

पढ़ें-प्राकृतिक गैस से जलेगी सती कुंड की ज्योति, 52 शक्तिपीठों की है जननी

दक्षिण भारत में तैयार किये गये पटाखें
दीपावली पर आतिशबाजी करने के शौकीनों के लिए इस बार बाजार में चाइनीज पटाखों के स्थान पर भारत में निर्मित पटाखे उपलब्ध हैं. बीते कई सालों से पटाखों का व्यापार कर रहे स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स के तहत इस बार वे सिर्फ भारत में निर्मित पटाखे ही बेच रहे हैं. जिन्हें दक्षिण भारत में तैयार किया गया है. कोरोना वायरस और लेबर चार्ज में बढ़ोतरी होने की वजह से यह पटाखे चीन में निर्मित पटाखों से 10 से 15 फीसदी ज्यादा महंगे हैं.

पढ़ें- 'कानून की गलती' सुधारने के लिए SC गई उत्तराखंड सरकार, एसएलपी दायर

बहरहाल, कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार दीपावली के मौके पर लोग ज्यादातर भारत में निर्मित उत्पादों को ही पसंद कर रहे हैं. भले ही चाइनीज प्रोडक्ट की तुलना में यह थोड़े महंगे जरूर हैं लेकिन लोग बावजूद इसके लोग उन्हें खुशी-खुशी खरीद रहे हैं.

देहरादून: दीपावली के नजदीक आते ही बाजारों में तरह-तरह के सजावटी सामानों की बिक्री शुरू हो चुकी है. दून के बाजारों में भी दीपावली की रौनक अभी से देखने को मिल रही है. सजावटी सामानों से दून के बाजार गुलजार हो रहे हैं. इस बाद दून के बाजारों में दिखने वाले ये सजावटी आइटम चीन के बजाय भारत में ही तैयार किए गए हैं.

भारतीय उत्पादों से सजे दून के बाजार,



गौरतलब है कि भारत-चीन के बीच शुरू हुए विवाद के चलते देश में बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स का नारा बुलंद है. जिसका असर इन दिनों बाजारों में देखने को मिल रहा है. जहां पिछले सालों तक दीपावली के मौके पर बाजारों में बिकने वाली ज्यादातर चीजें ' Made in china' हुआ करती थी. वहीं, इस बार ' Be indian buy indian ' स्लोगन के साथ भारत में निर्मित सजावटी सामानों से बाजार गुलजार है. दून के बाजारों में बड़ी मात्रा में सजावटी सामान देखने को मिल रहे हैं.

पढ़ें-मेयर साहिबा को अग्निकांड पीड़ितों से हमदर्दी नहीं, आज भी मायूस लौटे

बात चाहे दीपावली के पर्व की नजदीकियों को देखते हुए बाजार में उपलब्ध तरह-तरह की खूबसूरत कैंडल्स, झालर और पटाखों की करें तो इस बार दून के बाजार में भारत में निर्मित इस तरह के कई खूबसूरत आइटम्स उपलब्ध हैं. वहीं, अगर भारत में निर्मित इन सजावटी सामानों के दाम की बात करें तो चाइनीज प्रोडक्ट के मुकाबले इनके दाम 10 से 20 प्रतिशत तक ज्यादा जरूर हैं, लेकिन क्वालिटी के मामले में ये चाइनीज उत्पाद के मुकाबले कई गुना ज्यादा बेहतर हैं.

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भारत में निर्मित कैंडल्स और अन्य सजावटी सामान
राजधानी के प्रसिद्ध पलटन बाजार में बीते कई सालों से खूबसूरत मोमबत्तियां का व्यापार कर रहे विक्की बताते हैं कि इस बार उन्होंने अपनी दुकान में एक भी चीनी उत्पाद नहीं रखा है. जितनी भी तरह की खूबसूरत मोमबत्तियां और अन्य सजावटी सामान उनकी दुकान में हैं वो सभी भारत में बने हुए हैं. इसमें पिलर कैंडल, जेल कैंडल, अरोमा कैंडल, फ्लोटिंग कैंडल और एलईडी कैंडल्स शामिल हैं. वहीं, चाइनीज प्रोडक्ट की तुलना में इसके दाम में भी कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं है.

पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल जज दीपाली शर्मा की सेवा समाप्त, नाबालिग के उत्पीड़न का आरोप

भारत में बनाई गई लड़ियां
दीपावली में लोग अपने घरों को खूबसूरत लड़ियों से सजाते हैं. उसके लिए भी इस बार दून के बाजारों में तरह-तरह की झालर मौजूद हैं, जो कि भारत में बनाई गई हैं. राजधानी के धामावाला बाजार में इलेक्ट्रिक उत्पादों की दुकान चलाने वाले स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि इस बार उन्होंने अपनी दुकान में केवल भारत में निर्मित झालर सजाई हुई हैं. जिन्हें ग्राहक भी काफी ज्यादा पसंद कर रहे हैं. वहीं, चाइनीज झालरों की तुलना में यह झालर 50 से 60 रुपए ज्यादा महंगी हैं. मगर ये यह सालों साल तक चलने वाली है. इसके साथ ही भारत में निर्मित इन झालरों की सबसे बड़ी खास बात यह भी है कि इन्हें खराब होने की स्थिति में दोबारा रिपेयर किया जा सकता है.

पढ़ें-प्राकृतिक गैस से जलेगी सती कुंड की ज्योति, 52 शक्तिपीठों की है जननी

दक्षिण भारत में तैयार किये गये पटाखें
दीपावली पर आतिशबाजी करने के शौकीनों के लिए इस बार बाजार में चाइनीज पटाखों के स्थान पर भारत में निर्मित पटाखे उपलब्ध हैं. बीते कई सालों से पटाखों का व्यापार कर रहे स्थानीय व्यापारियों के मुताबिक, बॉयकॉट चाइनीज प्रोडक्ट्स के तहत इस बार वे सिर्फ भारत में निर्मित पटाखे ही बेच रहे हैं. जिन्हें दक्षिण भारत में तैयार किया गया है. कोरोना वायरस और लेबर चार्ज में बढ़ोतरी होने की वजह से यह पटाखे चीन में निर्मित पटाखों से 10 से 15 फीसदी ज्यादा महंगे हैं.

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बहरहाल, कुल मिलाकर देखा जाए तो इस बार दीपावली के मौके पर लोग ज्यादातर भारत में निर्मित उत्पादों को ही पसंद कर रहे हैं. भले ही चाइनीज प्रोडक्ट की तुलना में यह थोड़े महंगे जरूर हैं लेकिन लोग बावजूद इसके लोग उन्हें खुशी-खुशी खरीद रहे हैं.

Last Updated : Oct 28, 2020, 7:30 PM IST

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