देहरादून: राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज में कुछ चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं, जिसके कारण मरीजों को बाहर से दवाई खरीदने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केसी पंत ने डॉक्टरों को चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में वो मरीजों को बाहरी दवाईयां लिखते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ केसी पंत ने कहा कि पर्वतीय जिलों के साथ ही उत्तराखंड के मैदानी जिलों और आसपास के अन्य राज्यों से लोग दून अस्पताल में इलाज कराने आते हैं. लेकिन इधर कुछ दिनों से शिकायत मिल रही है कि अस्पताल के कुछ डॉक्टर मरीजों को बाहरी दवाइयां लिख रहे हैं. ऐसे में मरीजों को बाहर से दवा लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हर तरह की दवाएं अस्पताल में ही उपलब्ध हैं लेकिन उसके बावजूद भी बाहरी दवाएं लिखी जा रही हैं, जो सरासर गलत है.
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उन्होंने कहा कि मरीज दून अस्पताल में इसीलिए आते हैं, क्योंकि वो महंगा इलाज करा पाने में सक्षम नहीं होते. बाहरी दवाएं लिखने की शिकायतें ज्यादातर हड्डी रोग विभाग से आ रही हैं. इस संबंध में हड्डी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को कहा गया है कि मरीजों को बाहर की दवाइयां ना लिखी जाएं. सभी डॉक्टर्स का दायित्व बनता है कि मरीजों को यहां पर बेहतर सुविधाएं दी जाएं.