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प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए दून निगम ने बनाए 4 जोनल कार्यालय

देहरादून में जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाने के लिए नगर निगम ने शहर में 4 जोनल कार्यालय खोल रखे हैं. नगर निगम से दूर रहने वाले लोग इन जोनल कार्यालय में जाकर प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं. नगर निगम सहित 4 जोनल कार्यालयों में प्रतिदिन 300 से 350 जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाए जा रहे हैं.

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Published : Mar 6, 2021, 5:43 PM IST

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देहरादून

देहरादूनः बच्चे का जन्म होने के बाद परिजनों को बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाने के सहित अन्य कामों के लिए लिए जन्म प्रमाण-पत्र की आवश्यकता पड़ती है. वहीं, इंसान के मरने के बाद परिजनों को मृत्यु प्रमाण-पत्र की आवश्यकता पड़ती है. दोनों तरह के प्रमाण पत्र नगर निगम द्वारा बनाए जाते हैं. नगर निगम प्रशासन ने लोगों की सहूलियत के लिए शहर भर में नगर निगम के अलावा 4 जोनल कार्यालय भी बना रखे हैं, जिसमें नगर निगम से दूर रहने वाले लोग इन जोनल कार्यालय में जाकर प्रमाण-पत्र बनवा रहे हैं. नगर निगम सहित 4 जोनल कार्यालयों में प्रतिदिन 300 से 350 जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाए जा रहे हैं.

प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दून निगम ने बनाए 4 जोनल कार्यालय

जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा 3 से 4 दिन के अंदर जन्म प्रमाण-पत्र दे देते हैं साथ ही मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए भी 3 से 4 दिन में प्रमाण-पत्र देते हैं. हालांकि, जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र 3 दिन में नगर निगम द्वारा बना तो दिया जाता है,लेकिन निगम कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आवेदककर्ता को चक्कर लगवा देते हैं. बता दें कि कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन होने के कारण करीब 6 महीने तक नगर निगम द्वारा प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए गए थे. जिसके चलते उस दौरान शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन वर्तमान में स्थिति सामान्य होने के बाद नगर निगम में बनने वाले जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र सामान्य हो गए हैं.

ये भी पढ़ेंः लैंसडाउन सेना भर्ती रैलीः अब 28 मार्च को होगी लिखित परीक्षा

नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी कैलाश जोशी ने बताया कि नगर निगम प्रमाण-पत्र बनाने के लिए मुख्य सेंटर है. इसके अलावा हर्रावाला, मथुरावाला, राजपुर और आर्केडिया पर जोनल कार्यालय हैं. इन जोनल कार्यालयों में प्रतिदिन 20 के करीब जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं. नगर निगम शहर के मध्य में होने के कारण अधिकतर लोग नगर निगम में हैं. जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आते हैं. नगर निगम में प्रतिदिन करीब 150 से 200 के बीच प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं. साथ ही बताया कि सेवा के अधिकार में प्रमाण-पत्र बनाने की सीमा 15 दिन होती है. लेकिन हम कोशिश करते हैं कि ऑनलाइन प्रार्थना पत्र अगर हमारे पास आ जाता है तो हम 2 से 3 दिन में प्रमाण-पत्र बनाकर दे देते हैं. साथ ही जो 1 साल के अंदर जन्म प्रमाण-पत्र बनने के लिए आते हैं वह हम एक हफ्ते में बना कर देने का प्रयास करते हैं. इसके अलावा 1 साल से अधिक वाले जन्म प्रमाण-पत्र के सत्यापन के लिए मजिस्ट्रेट के पास जाता है इसलिए वह हम 15 दिन के बाद बनाकर देते हैं.

देहरादूनः बच्चे का जन्म होने के बाद परिजनों को बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाने के सहित अन्य कामों के लिए लिए जन्म प्रमाण-पत्र की आवश्यकता पड़ती है. वहीं, इंसान के मरने के बाद परिजनों को मृत्यु प्रमाण-पत्र की आवश्यकता पड़ती है. दोनों तरह के प्रमाण पत्र नगर निगम द्वारा बनाए जाते हैं. नगर निगम प्रशासन ने लोगों की सहूलियत के लिए शहर भर में नगर निगम के अलावा 4 जोनल कार्यालय भी बना रखे हैं, जिसमें नगर निगम से दूर रहने वाले लोग इन जोनल कार्यालय में जाकर प्रमाण-पत्र बनवा रहे हैं. नगर निगम सहित 4 जोनल कार्यालयों में प्रतिदिन 300 से 350 जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाए जा रहे हैं.

प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दून निगम ने बनाए 4 जोनल कार्यालय

जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने वाले लोगों का कहना है कि नगर निगम द्वारा 3 से 4 दिन के अंदर जन्म प्रमाण-पत्र दे देते हैं साथ ही मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए भी 3 से 4 दिन में प्रमाण-पत्र देते हैं. हालांकि, जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र 3 दिन में नगर निगम द्वारा बना तो दिया जाता है,लेकिन निगम कर्मचारियों की लापरवाही के कारण आवेदककर्ता को चक्कर लगवा देते हैं. बता दें कि कोरोना महामारी के बाद लॉकडाउन होने के कारण करीब 6 महीने तक नगर निगम द्वारा प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए गए थे. जिसके चलते उस दौरान शहरवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. लेकिन वर्तमान में स्थिति सामान्य होने के बाद नगर निगम में बनने वाले जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र सामान्य हो गए हैं.

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नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी कैलाश जोशी ने बताया कि नगर निगम प्रमाण-पत्र बनाने के लिए मुख्य सेंटर है. इसके अलावा हर्रावाला, मथुरावाला, राजपुर और आर्केडिया पर जोनल कार्यालय हैं. इन जोनल कार्यालयों में प्रतिदिन 20 के करीब जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं. नगर निगम शहर के मध्य में होने के कारण अधिकतर लोग नगर निगम में हैं. जन्म प्रमाण-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आते हैं. नगर निगम में प्रतिदिन करीब 150 से 200 के बीच प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं. साथ ही बताया कि सेवा के अधिकार में प्रमाण-पत्र बनाने की सीमा 15 दिन होती है. लेकिन हम कोशिश करते हैं कि ऑनलाइन प्रार्थना पत्र अगर हमारे पास आ जाता है तो हम 2 से 3 दिन में प्रमाण-पत्र बनाकर दे देते हैं. साथ ही जो 1 साल के अंदर जन्म प्रमाण-पत्र बनने के लिए आते हैं वह हम एक हफ्ते में बना कर देने का प्रयास करते हैं. इसके अलावा 1 साल से अधिक वाले जन्म प्रमाण-पत्र के सत्यापन के लिए मजिस्ट्रेट के पास जाता है इसलिए वह हम 15 दिन के बाद बनाकर देते हैं.

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