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प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने मांगे न माने जाने पर दी आंदोलन की धमकी, जानें क्या है डिमांड

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के चिकित्सकों ने मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन की धमकी दी है. संघ का कहना है कि जल्द प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात करेगा. उनका कहना है कि चिकित्सकों के लिए अलग से पारदर्शी स्थानांतरण नीति की मांग अब तक अनसुनी की जा रही है.

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Published : Dec 11, 2022, 2:06 PM IST

देहरादूनः प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (Provincial Medical Health Service Association) के चिकित्सकों ने गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केंद्र में बैठक की. बैठक में लंबित मांगों पर कार्रवाई ना होने पर रोष जताया गया. संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर मनोज वर्मा ने कहा कि बैठक में संगठन ने यह भी निर्णय लिया कि प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात करेगा और यदि मांगे निश्चित समय में पूरी नहीं होती है तो चिकित्सकों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बावजूद चिकित्सकों की एक भी मांग पूरी नहीं हुई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि डीपीसी प्रकरण से ऐसा मालूम होता है कि समयबद्ध प्रक्रिया के लिए हर साल चिकित्सकों को विभागीय मंत्री की शरण में जाना पड़ेगा. चिकित्सकों के लिए अलग से पारदर्शी स्थानांतरण नीति की मांग अब तक अनसुनी की जा रही है.
ये भी पढ़ेंः भारत के 'पहले' गांव माणा में भी बजी मोबाइल की घंटी, Jio की 4G सर्विस शुरू

डॉ. मनोज वर्मा का कहना है कि दंत संवर्ग के चिकित्सा अधिकारियों का रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजित भी लंबे समय से लंबित चल रहा है. साथ ही कहा कि राजकीय अवकाश पर ओपीडी को पूर्णता रखने की भी मांग उठाई गई है. लेकिन चिकित्सकों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की तर्ज पर 50% और एमबीबीएस व दंत चिकित्सकों के वेतन का 20 प्रतिशत बढ़ाने की भी मांग उठाई है. चिकित्सकों ने बैठक करके इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की है कि सुगम और दुर्गम क्षेत्रों का गलत निर्धारण किया गया है. बैठक में प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.

देहरादूनः प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (Provincial Medical Health Service Association) के चिकित्सकों ने गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सा विज्ञान केंद्र में बैठक की. बैठक में लंबित मांगों पर कार्रवाई ना होने पर रोष जताया गया. संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर मनोज वर्मा ने कहा कि बैठक में संगठन ने यह भी निर्णय लिया कि प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात करेगा और यदि मांगे निश्चित समय में पूरी नहीं होती है तो चिकित्सकों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन के बावजूद चिकित्सकों की एक भी मांग पूरी नहीं हुई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि डीपीसी प्रकरण से ऐसा मालूम होता है कि समयबद्ध प्रक्रिया के लिए हर साल चिकित्सकों को विभागीय मंत्री की शरण में जाना पड़ेगा. चिकित्सकों के लिए अलग से पारदर्शी स्थानांतरण नीति की मांग अब तक अनसुनी की जा रही है.
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डॉ. मनोज वर्मा का कहना है कि दंत संवर्ग के चिकित्सा अधिकारियों का रिक्त पदों के सापेक्ष समायोजित भी लंबे समय से लंबित चल रहा है. साथ ही कहा कि राजकीय अवकाश पर ओपीडी को पूर्णता रखने की भी मांग उठाई गई है. लेकिन चिकित्सकों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है.

उन्होंने सरकार से पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर की तर्ज पर 50% और एमबीबीएस व दंत चिकित्सकों के वेतन का 20 प्रतिशत बढ़ाने की भी मांग उठाई है. चिकित्सकों ने बैठक करके इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की है कि सुगम और दुर्गम क्षेत्रों का गलत निर्धारण किया गया है. बैठक में प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.

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