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Doctors Day: डॉक्टरों का छलका दर्द, हिंसक घटनाओं पर जताई चिंता

देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में डॉक्टर्स डे के मौके पर गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर डॉक्टरों ने लगातार हो रहे हिंसक घटनाओं पर चिंता जताया.

कोरोनेशन अस्पताल में डॉक्टर्स डे
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Published : Jul 1, 2019, 11:31 PM IST

Updated : Jul 1, 2019, 11:48 PM IST

देहरादूनः पूरे देश में डॉक्टर्स डे धूमधाम से मनाया गया. इसी कड़ी में कोरोनेशन अस्पताल में भी डॉक्टर्स डे के मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सभी डॉक्टरों ने केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी. वहीं, कार्यक्रम में डॉक्टरों के चेहरे पर खुशी तो झलकी, लेकिन देश में डॉक्टरों पर हो रहे हिंसक घटनाओं पर भी चिंता जताई.

कोरोनेशन अस्पताल में मनाया गया डॉक्टर्स डे.

बता दें कि भारत में हर साल एक जुलाई को डॉक्टर दिवस के रूप मनाया जाता है. इस दिन को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है. केंद्र सरकार ने साल 1991 से डॉक्टर डे मनाने की शुरुआत की थी. हर साल डॉक्टर्स डे पर एक थीम रखा जाता है. इस साल डॉक्टर दिवस-2019 की थीम 'डॉक्टरों के प्रति हिंसा को लेकर जीरो सहनशीलता' (Zero tolerance to violence against doctors and clinical establishment) रही.

ये भी पढ़ेंः मौसम बदलते ही 'डराने' लगा डायरिया और संक्रामक रोग, डॉक्टरों ने बचाव के दिए ये टिप्स

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एनके सिंह ने कहा कि पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है, लेकिन बीते कुछ समय से उनके साथ हिंसक घटनाएं हो रही है. डॉक्टर भी सिस्टम का एक हिस्सा होते हैं. सभी डॉक्टरों की कोशिश रहती है कि उनका मरीज जल्द से जल्द ठीक हो जाए और बच जाए. कोई भी डॉक्टर ये नहीं चाहता कि उसके मरीज की मौत हो, लेकिन समाज में अब कई तरह की कुरीतियां आ गई है.

national doctors day
कोरोनेशन अस्पताल में केक काटकर मनाया गया डॉक्टर्स डे.

उन्होंने कहा कि डॉक्टर से मारपीट कर मामले को सुधारने की धारणा बिल्कुल गलत है. डॉक्टर का जीवन किसी के जन्म से मृत्यु तक समर्पित होता है. ऐसे में समाज को उनका सम्मान करना चाहिए. मारपीट पर उतारू लोग ये नहीं समझते हैं कि डॉक्टर किन परिस्थितियों में गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

देहरादूनः पूरे देश में डॉक्टर्स डे धूमधाम से मनाया गया. इसी कड़ी में कोरोनेशन अस्पताल में भी डॉक्टर्स डे के मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सभी डॉक्टरों ने केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी. वहीं, कार्यक्रम में डॉक्टरों के चेहरे पर खुशी तो झलकी, लेकिन देश में डॉक्टरों पर हो रहे हिंसक घटनाओं पर भी चिंता जताई.

कोरोनेशन अस्पताल में मनाया गया डॉक्टर्स डे.

बता दें कि भारत में हर साल एक जुलाई को डॉक्टर दिवस के रूप मनाया जाता है. इस दिन को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है. केंद्र सरकार ने साल 1991 से डॉक्टर डे मनाने की शुरुआत की थी. हर साल डॉक्टर्स डे पर एक थीम रखा जाता है. इस साल डॉक्टर दिवस-2019 की थीम 'डॉक्टरों के प्रति हिंसा को लेकर जीरो सहनशीलता' (Zero tolerance to violence against doctors and clinical establishment) रही.

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प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एनके सिंह ने कहा कि पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है, लेकिन बीते कुछ समय से उनके साथ हिंसक घटनाएं हो रही है. डॉक्टर भी सिस्टम का एक हिस्सा होते हैं. सभी डॉक्टरों की कोशिश रहती है कि उनका मरीज जल्द से जल्द ठीक हो जाए और बच जाए. कोई भी डॉक्टर ये नहीं चाहता कि उसके मरीज की मौत हो, लेकिन समाज में अब कई तरह की कुरीतियां आ गई है.

national doctors day
कोरोनेशन अस्पताल में केक काटकर मनाया गया डॉक्टर्स डे.

उन्होंने कहा कि डॉक्टर से मारपीट कर मामले को सुधारने की धारणा बिल्कुल गलत है. डॉक्टर का जीवन किसी के जन्म से मृत्यु तक समर्पित होता है. ऐसे में समाज को उनका सम्मान करना चाहिए. मारपीट पर उतारू लोग ये नहीं समझते हैं कि डॉक्टर किन परिस्थितियों में गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

Intro: देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में डॉक्टर्स डे के मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर केक काटकर सभी चिकित्सकों ने एक दूसरे को डॉक्टर्स डे की शुभकामनाएं दी,
summary- डॉक्टर्स डे के मौके पर चिकित्सकों के चेहरों पर खुशी तो झलकी लेकिन इसके साथ ही देश मे डॉक्टरों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं पर चिंता भी व्यक्त की


Body: प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर एनके सिंह ने कहा कि आज डॉक्टर्स डे है, मगर किसी जमाने में डॉक्टरों का इतना सम्मान हुआ करता था उसी सम्मान स्वरूप डॉक्टर बी सी राय के नाम से डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है। लेकिन आज के दौर में ऐसा लग रहा है कि मरीज यदि डॉक्टर के पास जाता है तो यह धारणा है कि उसे कुछ नहीं होना चाहिए और वो मरीज अमर हो जाए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भी सिस्टम का एक हिस्सा होता है सभी चिकित्सक अपनी ओर से यही कोशिश करते हैं कि उनका मरीज जल्द से जल्द ठीक हो जाए और बच जाए । कोई डॉक्टर यह नहीं चाहता कि उसका मरीज मर जाए ,लेकिन समाज में यह कुरीतियां आ गई है कि डॉक्टर से मारपीट करके इन सब चीजों को सुधार लिया जाए मारपीट से चीजें सुधरने वाली नहीं है। भविष्य में लोगों को समझना होगा कि चिकित्सक का जीवन जन्म से मृत्यु तक समर्पित होता है, इसके बगैर समाज नहीं चल सकता है इसलिए जिस समाज में आप रह रहे हैं ,उसमें आपको उनका सम्मान करना होगा।दरअसल चिकित्सक के बिना समाज नहीं चल सकता। मारपीट पर उतारू लोग यह नहीं समझ रहे हैं कि अब डॉक्टर भय वश सीरियस मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं । हर डॉक्टर अपनी अस्पताल से सिर्फ मरीजों को रेफर करना चाह रहे हैं इसलिए आज डॉक्टरों की सम्मान करने की नितांत आवश्यकता है।

बाईट-डॉ एनके सिंह,जिलाध्यक्ष, प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ।


Conclusion:गौरतलब है कि भारत में हर साल 1 जुलाई को डॉक्टर दिवस मनाया जाता है और भारत देश में डॉक्टर को भगवान के समान माना जाता है। ऐसे में डॉक्टर अपने काम के बूते यह दर्जा हासिल करते हैं, चिकित्सकों के समर्पण, कार्य के प्रति निष्ठा, ईमानदारी लगन को सम्मान देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है,लेकिन देश में डॉक्टरों के साथ घट रही हिंसक वारदातों के बाद उन्होंने समाज को यह एहसास दिलाने की कोशिश की है कि डॉक्टर भी समाज का एक हिस्सा होता है , इसलिए मारपीट करने की बजाए चिकित्सकों का सम्मान किया जाए।
Last Updated : Jul 1, 2019, 11:48 PM IST
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