देहरादूनः पूरे देश में डॉक्टर्स डे धूमधाम से मनाया गया. इसी कड़ी में कोरोनेशन अस्पताल में भी डॉक्टर्स डे के मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, दून मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया. इस दौरान सभी डॉक्टरों ने केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी. वहीं, कार्यक्रम में डॉक्टरों के चेहरे पर खुशी तो झलकी, लेकिन देश में डॉक्टरों पर हो रहे हिंसक घटनाओं पर भी चिंता जताई.
बता दें कि भारत में हर साल एक जुलाई को डॉक्टर दिवस के रूप मनाया जाता है. इस दिन को देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में मनाया जाता है. केंद्र सरकार ने साल 1991 से डॉक्टर डे मनाने की शुरुआत की थी. हर साल डॉक्टर्स डे पर एक थीम रखा जाता है. इस साल डॉक्टर दिवस-2019 की थीम 'डॉक्टरों के प्रति हिंसा को लेकर जीरो सहनशीलता' (Zero tolerance to violence against doctors and clinical establishment) रही.
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प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एनके सिंह ने कहा कि पूरे देश में डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है, लेकिन बीते कुछ समय से उनके साथ हिंसक घटनाएं हो रही है. डॉक्टर भी सिस्टम का एक हिस्सा होते हैं. सभी डॉक्टरों की कोशिश रहती है कि उनका मरीज जल्द से जल्द ठीक हो जाए और बच जाए. कोई भी डॉक्टर ये नहीं चाहता कि उसके मरीज की मौत हो, लेकिन समाज में अब कई तरह की कुरीतियां आ गई है.
उन्होंने कहा कि डॉक्टर से मारपीट कर मामले को सुधारने की धारणा बिल्कुल गलत है. डॉक्टर का जीवन किसी के जन्म से मृत्यु तक समर्पित होता है. ऐसे में समाज को उनका सम्मान करना चाहिए. मारपीट पर उतारू लोग ये नहीं समझते हैं कि डॉक्टर किन परिस्थितियों में गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं.