देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन के 2 साल का कोर्स पूरा करने के 10 महीने बाद भी प्रशिक्षित बेरोजगारों को नियुक्ति नहीं मिल पाई है. अपनी मांगों को लेकर शिक्षा निदेशालय में धरने पर बैठे बेरोजगारों ने सोमवार को सचिवालय कूच करने का निर्णय लिया है. इन प्रशिक्षित बेरोजगारों को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी समर्थन दिया है.
बीएड प्रशिक्षित बेरोजगारों की मांगों का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी उनकी मांगों को जायज ठहराया है. हरीश रावत का कहना है कि डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार जिनको सरकार ने खुद ट्रेनिंग दिलवाई है, यह बेरोजगार नौकरी मांगते मांगते थक चुके हैं. जबकि इनके कई पद खाली पड़े हुए हैं.
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मगर प्रशिक्षित बेरोजगारों को जगह-जगह धरना देने पर मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में अभी नौजवानों ने सोमवार को सचिवालय कूच करने का फैसला किया है. पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मैं भी भावनात्मक रूप से उन नौजवानों के साथ अपने को संबद्ध करता हूं.
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बता दें कि स्कूलों में नियुक्ति की मांग को लेकर राज्य भर के डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार आंदोलनरत हैं. प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि दिसंबर 2019 में वह 2 साल की ट्रेनिंग कंप्लीट कर चुके हैं. प्रतियोगिता परीक्षा में चयन के बाद इस ट्रेनिंग को शिक्षा विभाग की ओर से कराया गया था. प्रशिक्षित बेरोजगारों ने अब नियुक्ति की मांग को लेकर सचिवालय कूच का निर्णय लिया है.