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दिव्यांग वंशिका ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में जीता गोल्ड, माता-पिता का नाम किया रोशन - Garhwal university convocation ceremony

वंशिका बचपन से ही देख नहीं सकती है, लेकिन उसने अपनी कमजोरी को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. यही कारण है कि वंशिका ने महिला विद्यालय शान्तिकुंज हरिद्वार से संगीत में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में टॉप किया है. ऐसे में उन्हें आज गढ़वाल यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया.

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Published : Dec 1, 2022, 7:07 PM IST

श्रीनगर: कहते हैं कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ऐसे में इसी कहावत को चरितार्थ किया है दून निवासी वंशिका मलिक ने, जिन्होंने संगीत में पोस्ट ग्रेजुएशन में टॉप करके गोल्ड मेडल हासिल किया है. वंशिका बचपन से ही देख नहीं सकती है लेकिन उनके बुलंद हौसलों ने ही उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. आज वंशिका इस उपलब्धि पर पूरे परिवार को गर्व है. वशिंका का कहना है कि वह भविष्य में बैंकिंग के क्षेत्र में कुछ करना चाहती हैं.

देहरादून की रहने वाली वंशिका ने अपनी शुरुआती पढ़ाई शार्प मेमोरियल ब्लाइंड स्कूल से की, जबकि सीएनआई इंटर कॉलेज से उन्होंने 9 से 12 तक की पढ़ाई की है. जिसके बाद उन्होंने एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून से अंडर ग्रेजुएशन किया. वहीं, महिला विद्यालय शान्तिकुंज हरिद्वार से उन्होंने संगीत में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. जिसमें उन्होंने 7.19 सीजीपीए हासिल कर 72 क्रेडिट प्राप्त किये. जिसके कारण उन्हें सगीत में टॉप करने पर गढ़वाल केन्द्रीय विवि में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया है. ईटीवी भारत से बातचीत में वंशिका ने बताया कि वह भविष्य में टीचिंग या बैंकिग क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं. जिसके लिए वो तैयारी भी कर रही हैं.

दिव्यांग वंशिका ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में जीता गोल्ड.

पढ़ें- गढ़वाल केंद्रीय विवि का 10वां दीक्षांत समारोह संपन्न, ढोल वादक सोहन लाल को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि

वहीं, वंशिका के पिता राजकुमार मलिक पेशे से व्यवसायी है जबकि मां रितिका मलिक गृहणी हैं. वंशिका अपने परिवार की बड़ी बेटी है जबकि उनका एक छोटा भाई है. जो वंशिका भी तरह उनका छोटा भाई भी पढ़ाई में कुछ अच्छा करना चाहता है. वंशिका की मां रितिका मलिक कहती हैं कि उनके पूरे परिवार में वंशिका पहली ऐसी बेटी है, जो घर पर गोल्ड मेडल जीत कर लाई है. उन्होंने कहा कि वंशिका ने कभी भी अपनी कमजोरी को अपने पर हावी नहीं होने दिया. यही वजह है कि आज उसने गोल्ड मेडल हासिल किया है.

श्रीनगर: कहते हैं कि मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ऐसे में इसी कहावत को चरितार्थ किया है दून निवासी वंशिका मलिक ने, जिन्होंने संगीत में पोस्ट ग्रेजुएशन में टॉप करके गोल्ड मेडल हासिल किया है. वंशिका बचपन से ही देख नहीं सकती है लेकिन उनके बुलंद हौसलों ने ही उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है. आज वंशिका इस उपलब्धि पर पूरे परिवार को गर्व है. वशिंका का कहना है कि वह भविष्य में बैंकिंग के क्षेत्र में कुछ करना चाहती हैं.

देहरादून की रहने वाली वंशिका ने अपनी शुरुआती पढ़ाई शार्प मेमोरियल ब्लाइंड स्कूल से की, जबकि सीएनआई इंटर कॉलेज से उन्होंने 9 से 12 तक की पढ़ाई की है. जिसके बाद उन्होंने एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून से अंडर ग्रेजुएशन किया. वहीं, महिला विद्यालय शान्तिकुंज हरिद्वार से उन्होंने संगीत में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. जिसमें उन्होंने 7.19 सीजीपीए हासिल कर 72 क्रेडिट प्राप्त किये. जिसके कारण उन्हें सगीत में टॉप करने पर गढ़वाल केन्द्रीय विवि में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया है. ईटीवी भारत से बातचीत में वंशिका ने बताया कि वह भविष्य में टीचिंग या बैंकिग क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं. जिसके लिए वो तैयारी भी कर रही हैं.

दिव्यांग वंशिका ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स में जीता गोल्ड.

पढ़ें- गढ़वाल केंद्रीय विवि का 10वां दीक्षांत समारोह संपन्न, ढोल वादक सोहन लाल को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि

वहीं, वंशिका के पिता राजकुमार मलिक पेशे से व्यवसायी है जबकि मां रितिका मलिक गृहणी हैं. वंशिका अपने परिवार की बड़ी बेटी है जबकि उनका एक छोटा भाई है. जो वंशिका भी तरह उनका छोटा भाई भी पढ़ाई में कुछ अच्छा करना चाहता है. वंशिका की मां रितिका मलिक कहती हैं कि उनके पूरे परिवार में वंशिका पहली ऐसी बेटी है, जो घर पर गोल्ड मेडल जीत कर लाई है. उन्होंने कहा कि वंशिका ने कभी भी अपनी कमजोरी को अपने पर हावी नहीं होने दिया. यही वजह है कि आज उसने गोल्ड मेडल हासिल किया है.

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