मसूरी: वैली ऑफ वर्ड्स सत्र के दूसरे दिन वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर चर्चा की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रेम दत्त राय ने की. इस सत्र में सिक्किम के पूर्व सांसद, उत्तराखंड पूर्व मुख्य सचिव और स्टेट फाइनेंस कमीशन हेड इंदु कुमार पांडे, विनीता शाह, पत्रकार अनमोल जैन के साथ अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया. सत्र में कोरोना काल में उत्तराखंड लौटे प्रवासी वर्तमान में किन परिस्थितियों में रह रहे हैं, इस पर विचार विमर्श किया गया.
वैली ऑफ वर्ड्स सत्र में कोरोना काल में देश-प्रदेश की आर्थिकी पर हुए असर को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. प्रेम दत्त राय ने सिक्किम का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां सरकार ने प्रवासियों को लघु उद्योग और छोटे व्यापार से जोड़ा, जिससे प्रवासियों को रोजगार का साधन मिल पाया. साथ ही वह अब आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. उत्तराखंड सरकार को भी प्रवासियों के लिए छोटे उद्योग और स्वरोजगार के विभिन्न साधन स्थापित करने होंगे, जिससे प्रवासियों को आय के साधन उपलब्ध हो सके और वह दोबारा पलायन ना करे.
इंदु कुमार पांडे ने कहा कि सरकार लगातार प्रवासियों और युवाओं को रोजगार से जोड़ने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत कई प्रवासियों को स्वरोजगार देने का काम किया गया है. फाइनेंस कमीशन भी इसको लेकर गंभीर है. विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को सस्ते दरों पर ऋण दिया जा रहा है.
पत्रकार अनमोल जैन ने बताया कि सरकार बाहर से आए प्रवासियों की बात तो कर रही है, लेकिन जो प्रदेश के विभिन्न शहरों से कोरोना काल में रोजगार ना होने के कारण लोग वापस अपने गांव चले गए हैं. उनको शहर में रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ऐसे लोगों के बारे में सरकार नहीं सोच रही है. ऐसे में सरकार को प्रदेश के भीतर हुए पलायन को लेकर भी गंभीर होना पड़ेगा और प्रदेश में कोरोना काल में बेरोजगार हुए लोगों के बारे में भी सोचना होगा.
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दूसरे दिन की शुरुआत सुहेल सईद खान के सितार कंसर्ट के साथ हुई. इसके बाद टेक्स्ट एंड कान्टेक्स्ट पर प्लेनरी सेशन हुआ, जिसमें केरल के राज्यपाल डॉ.आरिफ मोहम्मद खान ने अपने विचार रखे. वहीं, केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों और संस्कृत के छात्रों के बीच डिबेट हुई. कोविड-19 इंपेक्ट ऑन इकोनामिक्स ऑफ स्टेट, रिवर्स माइग्रेशन एंड नीड ऑफ माइक्रो फाइनेंस, कोविड-19 इम्पेक्ट ऑन पब्लिक हेल्थ एंड सोसाइटी इश्यूज सत्र पूरी तरह महामारी और उसके प्रभावों पर आधारित रहा. इसके अलावा सोशल मीडिया, देश-विदेश में हिंदी, यात्रा साहित्य, स्त्री संघर्ष, सीमा और सृजन, दास्तान-ए-हिंद, दास्तान-ए-औरत सत्र हिंदी का भी आयोजन हुआ.
सोशल मीडिया दूसरे दिन का विशेष आकर्षण रहा. इसमें डॉ. बालेंदु दाधीच, विजय कुमार मल्होत्रा, शोभा अक्षर, सुधा ओम ढींगरा शामिल हुए. मुशायरा, गलियों के शहजादे, वेस्ट टू वेल्थ, ऑथर एंड ट्रांसलेटर, फ्रेंच ट्रांसलेशन वर्कशाप, राजास, नवाब्स एंड फिरंगीस- फ्रेंच इन इंडिया, प्रिंस, पैट्रन एंड पैट्रीअर्च, कैन इंडिया बी सेल्फ रिलायंट इन डिफेंस, कैचिंग दैम यंग- मिलिट्री हिस्ट्री इन स्कूल्स, बाडी, फैमिली, मेमोरी, कल्चरल नेशनलिज्म इन बंगाल दास्तान समेत अन्य सत्र भी हुए. वैली ऑफ वर्ड्स बुक अवॉर्ड्स का समापन रविवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के भाषण से होगा और पुरस्कार भी वितरित किये जायेंगे.