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उत्तराखंड में आसमानी आफत ने लगाई 1 हजार करोड़ की चपत, कई सड़कें बंद, आम जन-व्यापारी सब परेशान

Rain in Uttarakhand उत्तराखंड में इस साल भी मॉनसून पहले जैसे ही जख्म दे रहा है. भारी बारिश के कारण प्रदेश को अभी तक करीब 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है, सड़कें और पुल टूटने से अभीतक 506 करोड़ रुपए की संपत्ति पानी में बह गई है. इसके अलावा कई मार्ग पिछले एक हफ्ते से बंद पड़े हुए हैं, जिन्हें खोलने में संबंधित विभाग के पसीने छूट रहे हैं. भारी बारिश का असर पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा है. सड़कें बंद होने की वजह से पर्यटक पहाड़ों का रुख नहीं कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2023, 12:18 PM IST

Updated : Aug 23, 2023, 2:09 PM IST

उत्तराखंड में आसमानी आफत ने लगाई 1 हजार करोड़ की चपत

देहरादून: उत्तराखंड में बीते कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जो हालात बने हैं, उसका असर पर्यटन भी पड़ा है, जिसका खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. क्योंकि पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी में बड़ा योगदान देता है, लेकिन बारिश के कारण उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार लगभग चौपट सा हो गया है.

  • #WATCH | Uttarakhand: Due to continuous rains, the water level of the Pindar River has increased and the velocity of water is high. People residing on river banks have been asked to move to safe places: Chamoli Police

    (Video source: Twitter handle of Chamoli Police Uttarakhand) pic.twitter.com/vc56vXs27X

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड में मॉनसून हर साल अपने साथ तबाही की कुछ खौफनाक यादें छोड़कर जाता है. ऐसे ही कुछ इस बार भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिस कारण प्रदेश में कई मुख्य मार्ग बंद पड़े हुए हैं. बारिश के कारण उत्तराखंड की सड़कों और पुलों को इस बार 506 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है.

uttarakhand
उत्तराखंड में आपदा की खौफनाक तस्वीरें.
पढ़ें- Watch Video: उत्तराखंड में नदी की बाढ़ में फंसा बेबी एलीफेंट, हाथियों ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन

पौड़ी जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई: कई जगहों पर हालात ऐसे बन गए हैं कि गांवों का संपर्क तहसील और जिला मुख्यालय से कट गया है. मंगलवार 22 अगस्त को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में भी बादल फटने की घटना सामने आई थी. बादल फटने से जल प्रलय ने इलाके में भारी तबाही मचाई थी, जिसका असर ये हुआ है कि मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भी पानी के तेज बहाव में बह गया था.

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उत्तराखंड में इस साल भी मॉनसून पहले जैसे ही जख्म दे रहा है

15 दिनों से बंद पड़ा हेलंग उर्गम मार्ग: वहीं चमोली जिले का हेलंग उर्गम सड़क मार्ग भी पिछले 15 दिनों से बंद पड़ा हुआ है. यहां हालात इतने खराब हो गए हैं कि रोजमर्रा के काम के लिए भी लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. इस मार्ग के बंद होने से पंच केदारों में एक कल्पेश्वर महादेव पहुंचने वाले पर्यटकों की आवाजाही ठप हो गई है. इसका असर वहां के स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ा है. सड़क बंद होने के कारण गांव में अब खाने -पीने के समान की कमी होने लगी है. साथ ही गैस का संकट भी धीरे-धीरे गहराने लगा है.

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पौड़ी-मेरठ नेशनल हाईवे की तस्वीर, जो पूरी तरह से खो नदी में समा गया.
पढ़ें- हरिद्वार भेल में 8 फीट लंबा कोबरा निकलने से लोगों में मचा हड़कंप, देखें रेस्क्यू वीडियो

पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय का जवाब: वहीं, कुछ जगहों पर हालत ऐसे हैं, जहां सड़कें पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी हुई है. इस बारे में जब पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो मेजर सड़कें हैं, उनमें मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन फिर भी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आ जा रहा है. ऐसे में इस भारी बारिश के बीच मशीनों को तत्काल पहुंचने में दिक्कतें आती है. लेकिन वर्तमान में करीब 450 मशीनें अलग अलग जगह तैनात की गई हैं.

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बारिश के कारण उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.

राज्य सरकार ने मांगी केंद्र से मदद: सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर जनपद स्तर से मशीनों को लगाया जाता है, लेकिन कोशिश यही रहती है कि एक दिन के भीतर सड़कों को खोल दिया जाए. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मॉनसून में सड़कों को काफी अधिक नुकसान हुआ है. करीब एक हजार करोड़ रुपए की सरकारी संपत्तियों का नुकसान पहुंचा है. हालांकि भारत सरकार की टीम ने इसका प्रारंभिक सर्वे भी किया है. ऐसे में आपदा के बाद नुकसान के होने वाले एसेसमेंट के लिए भी भारत सरकार को पत्र लिख रहे हैं. ताकि आपदा से होने वाले नुकसान के संबंध में सहायता मिल सके.

उत्तराखंड में आसमानी आफत ने लगाई 1 हजार करोड़ की चपत

देहरादून: उत्तराखंड में बीते कई दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके कारण पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद जो हालात बने हैं, उसका असर पर्यटन भी पड़ा है, जिसका खामियाजा व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है. क्योंकि पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी में बड़ा योगदान देता है, लेकिन बारिश के कारण उत्तराखंड का पर्यटन कारोबार लगभग चौपट सा हो गया है.

  • #WATCH | Uttarakhand: Due to continuous rains, the water level of the Pindar River has increased and the velocity of water is high. People residing on river banks have been asked to move to safe places: Chamoli Police

    (Video source: Twitter handle of Chamoli Police Uttarakhand) pic.twitter.com/vc56vXs27X

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उत्तराखंड में मॉनसून हर साल अपने साथ तबाही की कुछ खौफनाक यादें छोड़कर जाता है. ऐसे ही कुछ इस बार भी देखने को मिल रहा है. प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिस कारण प्रदेश में कई मुख्य मार्ग बंद पड़े हुए हैं. बारिश के कारण उत्तराखंड की सड़कों और पुलों को इस बार 506 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है.

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उत्तराखंड में आपदा की खौफनाक तस्वीरें.
पढ़ें- Watch Video: उत्तराखंड में नदी की बाढ़ में फंसा बेबी एलीफेंट, हाथियों ने किया रेस्क्यू ऑपरेशन

पौड़ी जिले में बादल फटने से भारी तबाही हुई: कई जगहों पर हालात ऐसे बन गए हैं कि गांवों का संपर्क तहसील और जिला मुख्यालय से कट गया है. मंगलवार 22 अगस्त को उत्तराखंड के पौड़ी जिले में भी बादल फटने की घटना सामने आई थी. बादल फटने से जल प्रलय ने इलाके में भारी तबाही मचाई थी, जिसका असर ये हुआ है कि मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भी पानी के तेज बहाव में बह गया था.

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उत्तराखंड में इस साल भी मॉनसून पहले जैसे ही जख्म दे रहा है

15 दिनों से बंद पड़ा हेलंग उर्गम मार्ग: वहीं चमोली जिले का हेलंग उर्गम सड़क मार्ग भी पिछले 15 दिनों से बंद पड़ा हुआ है. यहां हालात इतने खराब हो गए हैं कि रोजमर्रा के काम के लिए भी लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है. इस मार्ग के बंद होने से पंच केदारों में एक कल्पेश्वर महादेव पहुंचने वाले पर्यटकों की आवाजाही ठप हो गई है. इसका असर वहां के स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ा है. सड़क बंद होने के कारण गांव में अब खाने -पीने के समान की कमी होने लगी है. साथ ही गैस का संकट भी धीरे-धीरे गहराने लगा है.

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पौड़ी-मेरठ नेशनल हाईवे की तस्वीर, जो पूरी तरह से खो नदी में समा गया.
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पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय का जवाब: वहीं, कुछ जगहों पर हालत ऐसे हैं, जहां सड़कें पिछले एक हफ्ते से बंद पड़ी हुई है. इस बारे में जब पीडब्ल्यूडी सचिव पंकज कुमार पांडेय ने सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो मेजर सड़कें हैं, उनमें मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन फिर भी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आ जा रहा है. ऐसे में इस भारी बारिश के बीच मशीनों को तत्काल पहुंचने में दिक्कतें आती है. लेकिन वर्तमान में करीब 450 मशीनें अलग अलग जगह तैनात की गई हैं.

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बारिश के कारण उत्तराखंड में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.

राज्य सरकार ने मांगी केंद्र से मदद: सचिव पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि प्राथमिकता के आधार पर जनपद स्तर से मशीनों को लगाया जाता है, लेकिन कोशिश यही रहती है कि एक दिन के भीतर सड़कों को खोल दिया जाए. वहीं, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मॉनसून में सड़कों को काफी अधिक नुकसान हुआ है. करीब एक हजार करोड़ रुपए की सरकारी संपत्तियों का नुकसान पहुंचा है. हालांकि भारत सरकार की टीम ने इसका प्रारंभिक सर्वे भी किया है. ऐसे में आपदा के बाद नुकसान के होने वाले एसेसमेंट के लिए भी भारत सरकार को पत्र लिख रहे हैं. ताकि आपदा से होने वाले नुकसान के संबंध में सहायता मिल सके.

Last Updated : Aug 23, 2023, 2:09 PM IST
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