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देहरादून में CMO के साथ डिप्लोमा फार्मासिस्टों की बैठक, 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हुई चर्चा

देहरादून में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने सीएमओ मनोज उप्रेती से मुलाकात की. इस दौरान फार्मासिस्टों की 9 सूत्रीय मांगों को लेकर चर्चा हुई. बता दें कि फार्मासिस्ट संवर्ग के पद समाप्त करने का आरोप लगा रहे हैं.

Diploma Pharmacist meeting
डिप्लोमा फार्मासिस्टों की बैठक
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Published : May 28, 2022, 10:10 PM IST

देहरादूनः डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन देहरादून ने सीएमओ मनोज उप्रेती के साथ त्रेमासिक बैठक की. बैठक के दौरान फार्मासिस्टों ने सीएमओ के समक्ष संगठन की 9 सूत्रीय लंबित मांगों को भी रखा. उन्होंने चारधाम यात्रा में तैनात किए गए फार्मासिस्टों के लिए अग्रिम टीए डीए का भुगतान की भी मांग उठाई. वहीं, अपनी मांगों को लेकर एसोसिएशन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा.

दरअसल, फार्मासिस्ट संवर्ग के पद समाप्त करने का आरोप लगा रहे हैं. संगठन का कहना है कि राज्य के विषम भौगोलिक परिस्थिति केंद्र की चिकित्सा इकाई से बिल्कुल भिन्न है. राजधानी देहरादून होने के कारण फार्मासिस्टों को वीआईपी ड्यूटी, चारधाम ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, कुंभ मेला ड्यूटी के अलावा कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिम्मेदारियां निभानी पड़ती है. ऐसे में प्रदेश के कई अस्पतालों में फार्मासिस्ट के पद रिक्त चल रहे हैं. ऊपर से सरकार ने समयबद्धता समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा रूट पर 150 डॉक्टर होंगे तैनात, यात्रियों को मिलेगी पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा

डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला मंत्री सीएस राणा का कहना है कि भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) के तहत फार्मासिस्ट के पद कम हो रहे हैं. इमरजेंसी ड्यूटी में फार्मासिस्ट के पद नहीं रखे गए हैं. जबकि, उत्तराखंड में फार्मासिस्ट के बिना इमरजेंसी सेवाएं संचालित करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट लगातार अपनी उच्च कोटि की सेवा देकर उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ कर रहे हैं. उन्होंने इंडियन पब्लिक हेल्थ सर्विस को बिना फार्मासिस्ट के विश्वास के लागू किए जाने का विरोध किया.

देहरादूनः डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन देहरादून ने सीएमओ मनोज उप्रेती के साथ त्रेमासिक बैठक की. बैठक के दौरान फार्मासिस्टों ने सीएमओ के समक्ष संगठन की 9 सूत्रीय लंबित मांगों को भी रखा. उन्होंने चारधाम यात्रा में तैनात किए गए फार्मासिस्टों के लिए अग्रिम टीए डीए का भुगतान की भी मांग उठाई. वहीं, अपनी मांगों को लेकर एसोसिएशन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा.

दरअसल, फार्मासिस्ट संवर्ग के पद समाप्त करने का आरोप लगा रहे हैं. संगठन का कहना है कि राज्य के विषम भौगोलिक परिस्थिति केंद्र की चिकित्सा इकाई से बिल्कुल भिन्न है. राजधानी देहरादून होने के कारण फार्मासिस्टों को वीआईपी ड्यूटी, चारधाम ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, कुंभ मेला ड्यूटी के अलावा कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिम्मेदारियां निभानी पड़ती है. ऐसे में प्रदेश के कई अस्पतालों में फार्मासिस्ट के पद रिक्त चल रहे हैं. ऊपर से सरकार ने समयबद्धता समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं.

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डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला मंत्री सीएस राणा का कहना है कि भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) के तहत फार्मासिस्ट के पद कम हो रहे हैं. इमरजेंसी ड्यूटी में फार्मासिस्ट के पद नहीं रखे गए हैं. जबकि, उत्तराखंड में फार्मासिस्ट के बिना इमरजेंसी सेवाएं संचालित करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट लगातार अपनी उच्च कोटि की सेवा देकर उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ कर रहे हैं. उन्होंने इंडियन पब्लिक हेल्थ सर्विस को बिना फार्मासिस्ट के विश्वास के लागू किए जाने का विरोध किया.

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