देहरादून: राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों में शीघ्र ही डिजि लाॅकर व्यवस्था लागू की जाएगी, ताकि छात्र-छात्राओं को घर बैठे अपने अंकपत्र एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकेंगे. यह व्यवस्था छात्र संख्या को मद्देनजर रखते हुए सर्वप्रथम श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में लागू की जाएगी. इसके साथ ही राज्य के सभी उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले निजी शिक्षण संस्थान एक-एक गांव को गोद लेकर सामाजिक, शैक्षणिक, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान चलाएंगे.
शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक ली. बैठक में मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान में सर्वाधिक निजी शिक्षण संस्थान श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं. लिहाजा छात्रहित में डिजिटल लाॅकर व्यवस्था लागू करना अति आवश्यक है. इस दौरान मंत्री डाॅ. रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थान वर्ष 2022 तक नैक ग्रेडिंग का मूल्यांकन कराएंगे. ताकि नई शिक्षा नीति के तहत उन्हें सरकार द्वारा स्वायतत्ता प्रदान की जा सकेगी.
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बैठक में निजी संस्थान के संचालकों ने विश्वविद्यालयों से संबद्ध पाठ्यक्रमों को वर्ष 2020 तक मान्यता दिलाने, विभिन्न पाठ्यक्रमों की प्रतिभूति राशि (एफडीआर) कम करवाने की मांग की. साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की धनराशि उपलब्ध कराने की भी मांग रखी. जिस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों की जायज मांगों का शीघ्र निराकरण कराया जाएगा.
उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने विश्वविद्यालय के प्रशासन को निर्देश दिए कि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए समय-समय पर संबद्ध शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया जाना चाहिए. निरीक्षण में जिन संस्थानों के मानक पूरे नहीं पाए जाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री ने सभी निजी शिक्षण संस्थानों से अपने निकटतम गांव को गोद लेकर वहां पर सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक कर समाज के उत्थान में अपना योगदान देने का आह्वान किया है. जिस पर सभी निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने सहमति जताई है.