देहरादून: लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान आईजी गढ़वाल की गाड़ी से हुई लूट के मामले में डीआईजी ने संज्ञान ले लिया है. फाइनल जांच रिपोर्ट चुनाव के बाद से ही देहरादून एसएसपी दफ्तर में पड़ी थी और इस कारण इतना समय बीतने के बाद भी मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. अब डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने फाइल को पुलिस मुख्यालय भेज दिया है, जिसके बाद दोषी पर जल्द कार्रवाई होगी.
लोकसभा चुनाव के दौराम सामने आए इस वाकिये में पुलिस मुख्यालय ने विस्तृत जांच करते हुए कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी मामला जस का तस ही पड़ा था. अब डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने संबंधित जांच रिपोर्ट और मांगी गई सभी सूचनाएं पुलिस मुख्यालय कार्मिक को भेज दी हैं. इस मामले में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय से कुछ बिंदुओं पर जांच मांगी गई थी, जिन्हें पूरा करने के बाद फाइल को अब पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है.
गौर हो कि 4 अप्रैल 2019 की रात को लोकसभा चुनाव आचार संहिता की आड़ में प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध पंवार से नोटों से भरा बैग आईजी गढ़वाल के सरकारी वाहन में सवार 3 पुलिस कर्मियों ने लूट लिया था. डीलर के पास करीब एक करोड़ रुपये थे. पीड़ित ने बैग जब्त होने के बाद दो दिनों तक थानों के चक्कर काटे लेकिन नकदी जब्त किसने की है ये पता नहीं चला.
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इसके बाद प्रॉपर्टी डीलर अनुरोध ने 9 अप्रैल की रात को डालनवाला कोतवाली में तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस अधिकारियों ने सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग करने के आरोप में दारोगा दिनेश नेगी, सिपाही हिमांशु उपाध्याय और घुड़सवारी पुलिस के कांस्टेबल अमित अधिकारी को निलंबित कर दिया था. उसके बाद सभी को एक-एक कर जमानत मिल गई, लेकिन जांच जारी थी.
जांच के दौरान पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय 14ए कार्रवाई की गई थी और कार्मिक विभाग ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज करते हुए एसएसपी ऑफिस को फाइल वापस कर दी थी. उसी कड़ी में डीआईजी ने आपत्तियों में सुधार कर फाइनल जांच रिपोर्ट भेज दी है.