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DIG गढ़वाल का नया फरमान वायरल, मित्र पुलिस करेगी सेब के पेड़ों की रखवाली!

DIG गढ़वाल नीरू गर्ग का एक नया फरमान इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. इस आदेश के मुताबिक, उत्तराखंड पुलिस के सरकारी आवासों में लगे सेब के पेड़ों की सुरक्षा बंदरों से करेगी.

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Published : Jun 26, 2021, 9:09 PM IST

Updated : Jun 27, 2021, 10:41 AM IST

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DIG गढ़वाल का नया फरमान वायरल

देहरादून: क्या उत्तराखंड पुलिस अधिकारियों के सरकारी बंगलों पर तैनात रहने वाले पुलिस सुरक्षाकर्मी वहां स्थित पेड़ों की रखवाली कर रहे हैं? क्या पुलिस अफसरों के सरकारी आवास पर लगे पेड़ों को जंगली जानवरों से सुरक्षा न होने पर वहां तैनात पुलिस गार्द कर्मियों को दंडित किया जाएगा? कुछ ऐसा ही तुगलकी फरमान वाला एक पत्र वायरल हुआ है.

हालांकि, इस पत्र की सच्चाई के संबंध में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि संबंधित अधिकारी द्वारा कोई ऐसा मौखिक या लिखित आदेश नहीं दिया गया है. इसके बावजूद यह मामला सामने आने पर इसकी जांच एसपी पौड़ी से कराई जा रही है.

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उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार

तुगलकी फरमान वाला आदेश पत्र वायरल

गौर हो कि गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी के कंडोलिया के समीप डीआईजी गढ़वाल का कार्यालय व आवासीय बंगला स्थित है. यहां सेब का एक पेड़ है, जिस पर बड़ी संख्या में सेब लगे हुए हैं. इस सेब के पेड़ व फलों की सुरक्षा के लिए गढ़वाल डीआईजी नीरू गर्ग के हवाले से एक तुगलकी फरमान वाला आदेश पत्र वायरल हुआ है.

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वायरल आदेश

पत्र में जनपद पौड़ी के प्रतिसार निरीक्षक (इंस्पेक्टर) ने गढ़वाल पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) का हवाला देते हुए गढ़वाल परिक्षेत्र के सर्कल ऑफिसर पीएल टम्टा को आदेशित किया है कि डीआईजी गढ़वाल के आवास पर सेब का फलदार पेड़ है, जिसकी सुरक्षा की जाए और पेड़ व फलों को बंदरों से बचाए जाने के लिए सुरक्षा ड्यूटी में तैनात कर्मियों को कड़े निर्देश दिए जाएं. आदेश का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाए अन्यथा आवास में स्थित गार्द कर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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DIG गढ़वाल नीरू गर्ग

उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस ने भेजा शिकायती पत्र

इसी बीच सीओ पौड़ी का यह आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया. वायरल होते हुए उत्तर प्रदेश के आईजी सिविल डिफेंस लखनऊ से सेवानिवृत्त गोतमीनगर निवासी अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर तक पहुंच गया. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी उत्तराखंड और उत्तराखंड प्रमुख गृह सचिव आनंद वर्द्धन को कार्रवाई का शिकायती पत्र लिखा है और कहा कि इस तरह का आदेश प्रशा‌सनिक व नैतिक दृष्टि से सही नहीं है.

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सरकारी आवास में लगा सेब का पेड़

अमिताभ ठाकुर ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि इस प्रकार का आदेश प्रशासनिक व नैतिक दृष्टि से पूरी तरह से गलत है. पुलिस गार्द का काम पेड़ों के फल की रक्षा नहीं होता, वैसे भी यह फलदार पेड़ अधिकारी के निजी प्रयोग में आते हैं, जिसके लिए सरकारी गार्ड से ड्यूटी लिया जाना गलत है.

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DIG गढ़वाल ने जारी किया पत्र.

प्रमुख गृह सचिव से कार्रवाई की मांग

इतना ही नहीं, इस संबंध में गार्द कर्मियों को दंड देने की धमकी देना इससे भी गलत है. यूपी के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने शिकायती पत्र में डीआईजी पौड़ी गढ़वाल को इस प्रकार का अनुचित आदेश देने के संबंध में उत्तराखंड प्रमुख गृह सचिव से कार्रवाई की मांग की है, ताकि इससे विभाग के अन्य लोगों को भी सीख मिले.

शिकायतकर्ता ठाकुर के मुताबिक, डीआईजी को चेतावनी देने की कार्रवाई से सही संदेश जाएगा ताकि भविष्य में सरकारी संसाधनों के निजी अनुचित प्रयोग की संभावना को विराम लग सके.

पौड़ी एसएसपी को जांच सौंपी गई

उधर, इस मामले में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि संबंधित डीआईजी द्वारा कोई भी मौखिक या लिखित आदेश नहीं दिया गया है. इसके बावजूद जो मामला सामने आया है उसको लेकर एसएसपी पौड़ी पी. रेणुका को जांच सौंपी गई है और जांच के लिए कहा गया है कि पत्र किसने तैयार ‌किया, किसने जारी किया व वायरल कैसे हुआ. इसके साथ ही घटना के प्रत्येक पहलू की गहनतापूर्वक जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं.

देहरादून: क्या उत्तराखंड पुलिस अधिकारियों के सरकारी बंगलों पर तैनात रहने वाले पुलिस सुरक्षाकर्मी वहां स्थित पेड़ों की रखवाली कर रहे हैं? क्या पुलिस अफसरों के सरकारी आवास पर लगे पेड़ों को जंगली जानवरों से सुरक्षा न होने पर वहां तैनात पुलिस गार्द कर्मियों को दंडित किया जाएगा? कुछ ऐसा ही तुगलकी फरमान वाला एक पत्र वायरल हुआ है.

हालांकि, इस पत्र की सच्चाई के संबंध में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि संबंधित अधिकारी द्वारा कोई ऐसा मौखिक या लिखित आदेश नहीं दिया गया है. इसके बावजूद यह मामला सामने आने पर इसकी जांच एसपी पौड़ी से कराई जा रही है.

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उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार

तुगलकी फरमान वाला आदेश पत्र वायरल

गौर हो कि गढ़वाल मंडल मुख्यालय पौड़ी के कंडोलिया के समीप डीआईजी गढ़वाल का कार्यालय व आवासीय बंगला स्थित है. यहां सेब का एक पेड़ है, जिस पर बड़ी संख्या में सेब लगे हुए हैं. इस सेब के पेड़ व फलों की सुरक्षा के लिए गढ़वाल डीआईजी नीरू गर्ग के हवाले से एक तुगलकी फरमान वाला आदेश पत्र वायरल हुआ है.

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वायरल आदेश

पत्र में जनपद पौड़ी के प्रतिसार निरीक्षक (इंस्पेक्टर) ने गढ़वाल पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) का हवाला देते हुए गढ़वाल परिक्षेत्र के सर्कल ऑफिसर पीएल टम्टा को आदेशित किया है कि डीआईजी गढ़वाल के आवास पर सेब का फलदार पेड़ है, जिसकी सुरक्षा की जाए और पेड़ व फलों को बंदरों से बचाए जाने के लिए सुरक्षा ड्यूटी में तैनात कर्मियों को कड़े निर्देश दिए जाएं. आदेश का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाए अन्यथा आवास में स्थित गार्द कर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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DIG गढ़वाल नीरू गर्ग

उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस ने भेजा शिकायती पत्र

इसी बीच सीओ पौड़ी का यह आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया. वायरल होते हुए उत्तर प्रदेश के आईजी सिविल डिफेंस लखनऊ से सेवानिवृत्त गोतमीनगर निवासी अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर तक पहुंच गया. उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी उत्तराखंड और उत्तराखंड प्रमुख गृह सचिव आनंद वर्द्धन को कार्रवाई का शिकायती पत्र लिखा है और कहा कि इस तरह का आदेश प्रशा‌सनिक व नैतिक दृष्टि से सही नहीं है.

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सरकारी आवास में लगा सेब का पेड़

अमिताभ ठाकुर ने अपने शिकायत पत्र में कहा है कि इस प्रकार का आदेश प्रशासनिक व नैतिक दृष्टि से पूरी तरह से गलत है. पुलिस गार्द का काम पेड़ों के फल की रक्षा नहीं होता, वैसे भी यह फलदार पेड़ अधिकारी के निजी प्रयोग में आते हैं, जिसके लिए सरकारी गार्ड से ड्यूटी लिया जाना गलत है.

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DIG गढ़वाल ने जारी किया पत्र.

प्रमुख गृह सचिव से कार्रवाई की मांग

इतना ही नहीं, इस संबंध में गार्द कर्मियों को दंड देने की धमकी देना इससे भी गलत है. यूपी के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने अपने शिकायती पत्र में डीआईजी पौड़ी गढ़वाल को इस प्रकार का अनुचित आदेश देने के संबंध में उत्तराखंड प्रमुख गृह सचिव से कार्रवाई की मांग की है, ताकि इससे विभाग के अन्य लोगों को भी सीख मिले.

शिकायतकर्ता ठाकुर के मुताबिक, डीआईजी को चेतावनी देने की कार्रवाई से सही संदेश जाएगा ताकि भविष्य में सरकारी संसाधनों के निजी अनुचित प्रयोग की संभावना को विराम लग सके.

पौड़ी एसएसपी को जांच सौंपी गई

उधर, इस मामले में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि संबंधित डीआईजी द्वारा कोई भी मौखिक या लिखित आदेश नहीं दिया गया है. इसके बावजूद जो मामला सामने आया है उसको लेकर एसएसपी पौड़ी पी. रेणुका को जांच सौंपी गई है और जांच के लिए कहा गया है कि पत्र किसने तैयार ‌किया, किसने जारी किया व वायरल कैसे हुआ. इसके साथ ही घटना के प्रत्येक पहलू की गहनतापूर्वक जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Jun 27, 2021, 10:41 AM IST
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