देहरादून: डीआईजी गढ़वाल ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराने के लिए उत्तराखंड और सीमावर्ती राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए मीटिंग की. बैठक में डीआईजी ने सीमावर्ती राज्यों और बॉर्डर चेक पोस्टों पर निरंतर सघन चेकिंग और पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए.
डीआईजी गढ़वाल ने सीमावर्ती राज्यों के साथ समय-समय पर सामंजस्य स्थापित करते हुए अन्तर्राज्यीय सीमा में अनावश्यक रुप से प्रवेश करने वाले वाहनों और व्यक्तियों को रोकने के लिए संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए. इस दौरान डीआईजी गढ़वाल ने गढ़वाल रेंज से सटे सीमावर्ती जनपद मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, सिरमौर व शिमला को आपराधियों और वारंटियों की सूची का आदान प्रदान किया. साथ ही उनकी गिरफ्तारी के लिए सीमावर्ती जनपदों को टीम गठित कर कार्रवाई करने हेतु निर्देश दिए.
चुनाव के दौरान अराजक तत्वों द्वारा चुनाव को प्रभावित करने की संभावना को लेकर अवैध शराब, मादक पदार्थों और अवैध अस्लाहों की तस्करी पर प्रभावी रुप से अंकुश लगाने को कहा. सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय ऐसे व्यक्ति जो निर्वाचन में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं, उनको चिन्हित कर उनके खिलाफ संयुक्त रुप से प्रभावी कार्रवाई करने संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए.
ये भी पढ़ें: सीएम धामी के पैरों पर गिड़गिड़ाती रही महिला उपनल कर्मी, बिना फरियाद सुनें चलते बने मुख्यमंत्री
डीआईजी गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल ने बताया गढ़वाल रेंज स्थित राज्य के बॉर्डरों पर चेक पोस्टों और बैरियर पर निगरानी के लिए CCTV लगाने के निर्देश दिए गए हैं. विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए सीमावर्ती राज्यों से सटे गांवों, आवागमन के मार्गों और तस्करी संभावित मार्गों और अवांछनीय तत्वों की सूची भी बॉर्डर मीटिंग में उपस्थित सीमावर्ती राज्यों के पुलिस अधिकारियों से साझा कर समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया.
निर्वाचन नोडल अधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया निर्वाचन 2022 को लेकर आचार संहिता लागू है. आदर्श आचार संहिता अनुपालन के लिए कार्रवाई की जा रही है, जो प्रथम 72 घंटों में कार्रवाई की जानी थी, वह पूरी कर ली गई है. राजनीतिक दलों का पोस्टर और बैनर को हटा दिया गया है. नगर निगम में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जिसमें आचार सहिंता का कहीं भी उल्लंघन होता है तो उसकी जानकारी कंट्रोल रूम के नंबर या फिर ईमेल आईडी पर दे सकते हैं. इसके साथ ही भारत निर्वाचन ने एक एप लॉन्च किया है. इस ऐप पर भी कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है.