देहरादून: गांधी पार्क में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और देहरादून मेयर सुनिल उनियाल गामा ने एक ओपन जिम का उद्घाटन किया था, लेकिन एक दिन बाद ही इस जिम की लागत को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इस सवाल का कारण कोई और नहीं बल्कि मेयर और नगर आयुक्त के दिए अलग-अलग बयान हैं.
दरअसल, 18 नवंबर को देहरादून के गांधी पार्क में एक ओपन जिम का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. इस जिम में खुद सीएम त्रिवेंद्र ने भी कसरत की थी. कसरत राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी हो रही है लेकिन नगर निगम के ओपन जिम में कसरत का असर लगता है उल्टा हुआ है.
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इस जिम के उद्घाटन के मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा था कि जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुआ है. लेकिन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे कुछ और ही बयान दे रहे हैं. नगर आयुक्त की मानें तो ये जिम किसी कंपनी ने बनाया है, निगम का इसमें कोई पैसा नहीं लगा है.
हालांकि, जब मेयर से मौके पर ही पूछा गया था कि इस जिम का टेंडर किसे दिया गया तो वो चुप्पी साध गए थे. उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुए हैं. वहीं, नगर आयुक्त कर रहे हैं कि ये एक पायलट प्रोजेक्ट था और इस प्रोजेक्ट में नगर निगम का एक भी रुपया नहीं लगा है.
अब जब एक ही प्रोजेक्ट को लेकर जिम्मेदार पदों पर बैठे दो लोगों के बयान अलग-अलग हैं तो ये सवाल उठना लाजिमी ही है कि दोनों में से सच कौन बोल रहा है. सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं कि जिम में 50 लाख रुपए खर्च करने से पहले टेंडर हुआ या नहीं, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. किस कंपनी को काम दिया गया इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है. सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि अगर मेयर 50 लाख खर्च होने की बात कह रहे हैं तो ये जानकारी नगर आयुक्त तक क्यों नहीं पहुंची? अगर पहुंची भी तो वो इसे साझा क्यों नहीं करना चाहते?