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ओपन जिम: मेयर कहें 50 लाख-आयुक्त कहें शून्य, क्या है निगम का ये खेल ?

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Published : Nov 19, 2019, 6:50 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 7:15 PM IST

नगर में जब एक ही प्रोजेक्ट को लेकर जिम्मेदार पदों पर बैठे दो लोगों के बयान अलग-अलग हैं तो ये सवाल उठना लाजिमी ही है कि दोनों में से आखिर सच कौन बोल रहा है.

देहरादून

देहरादून: गांधी पार्क में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और देहरादून मेयर सुनिल उनियाल गामा ने एक ओपन जिम का उद्घाटन किया था, लेकिन एक दिन बाद ही इस जिम की लागत को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इस सवाल का कारण कोई और नहीं बल्कि मेयर और नगर आयुक्त के दिए अलग-अलग बयान हैं.

दरअसल, 18 नवंबर को देहरादून के गांधी पार्क में एक ओपन जिम का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. इस जिम में खुद सीएम त्रिवेंद्र ने भी कसरत की थी. कसरत राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी हो रही है लेकिन नगर निगम के ओपन जिम में कसरत का असर लगता है उल्टा हुआ है.

पढ़ें- देहरादून वासियों को फ्री जिम की सौगत, CM त्रिवेंद्र ने किया लोकार्पण

इस जिम के उद्घाटन के मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा था कि जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुआ है. लेकिन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे कुछ और ही बयान दे रहे हैं. नगर आयुक्त की मानें तो ये जिम किसी कंपनी ने बनाया है, निगम का इसमें कोई पैसा नहीं लगा है.

क्या है निगम का ये खेल ?

हालांकि, जब मेयर से मौके पर ही पूछा गया था कि इस जिम का टेंडर किसे दिया गया तो वो चुप्पी साध गए थे. उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुए हैं. वहीं, नगर आयुक्त कर रहे हैं कि ये एक पायलट प्रोजेक्ट था और इस प्रोजेक्ट में नगर निगम का एक भी रुपया नहीं लगा है.

पढ़ें- उत्तराखंड के 'खेमका' को पद से हटाने के लिए PM मोदी ने किया था फोन? जानें क्या है IFS चतुर्वेदी का मामला

अब जब एक ही प्रोजेक्ट को लेकर जिम्मेदार पदों पर बैठे दो लोगों के बयान अलग-अलग हैं तो ये सवाल उठना लाजिमी ही है कि दोनों में से सच कौन बोल रहा है. सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं कि जिम में 50 लाख रुपए खर्च करने से पहले टेंडर हुआ या नहीं, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. किस कंपनी को काम दिया गया इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है. सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि अगर मेयर 50 लाख खर्च होने की बात कह रहे हैं तो ये जानकारी नगर आयुक्त तक क्यों नहीं पहुंची? अगर पहुंची भी तो वो इसे साझा क्यों नहीं करना चाहते?

देहरादून: गांधी पार्क में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह और देहरादून मेयर सुनिल उनियाल गामा ने एक ओपन जिम का उद्घाटन किया था, लेकिन एक दिन बाद ही इस जिम की लागत को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इस सवाल का कारण कोई और नहीं बल्कि मेयर और नगर आयुक्त के दिए अलग-अलग बयान हैं.

दरअसल, 18 नवंबर को देहरादून के गांधी पार्क में एक ओपन जिम का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था. इस जिम में खुद सीएम त्रिवेंद्र ने भी कसरत की थी. कसरत राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी हो रही है लेकिन नगर निगम के ओपन जिम में कसरत का असर लगता है उल्टा हुआ है.

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इस जिम के उद्घाटन के मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा था कि जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुआ है. लेकिन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे कुछ और ही बयान दे रहे हैं. नगर आयुक्त की मानें तो ये जिम किसी कंपनी ने बनाया है, निगम का इसमें कोई पैसा नहीं लगा है.

क्या है निगम का ये खेल ?

हालांकि, जब मेयर से मौके पर ही पूछा गया था कि इस जिम का टेंडर किसे दिया गया तो वो चुप्पी साध गए थे. उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुए हैं. वहीं, नगर आयुक्त कर रहे हैं कि ये एक पायलट प्रोजेक्ट था और इस प्रोजेक्ट में नगर निगम का एक भी रुपया नहीं लगा है.

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अब जब एक ही प्रोजेक्ट को लेकर जिम्मेदार पदों पर बैठे दो लोगों के बयान अलग-अलग हैं तो ये सवाल उठना लाजिमी ही है कि दोनों में से सच कौन बोल रहा है. सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं कि जिम में 50 लाख रुपए खर्च करने से पहले टेंडर हुआ या नहीं, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है. किस कंपनी को काम दिया गया इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है. सवाल इसलिए भी उठ रहा है कि अगर मेयर 50 लाख खर्च होने की बात कह रहे हैं तो ये जानकारी नगर आयुक्त तक क्यों नहीं पहुंची? अगर पहुंची भी तो वो इसे साझा क्यों नहीं करना चाहते?

Intro:18 नवंबर को  देहरादून के गांधी पार्क में एक ओपन जिम का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस जिम में खुद सीएम त्रिवेंद्र ने कसरत भी की साथ में देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी कसरत की । कसरत राज्य में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए भी हो रही है। लेकिन नगर निगम के ओपन जिम में कसरत का असर लगता है उलटा हुआ है। इस जिम के उद्घाटन के मौके पर मेयर सुनील उनियाल गामा का कहना है की इस जिम में करीब 50 लाख रुपए खर्च हुए है लेकिन नगर आयुक्त कह रहे है की किसी कम्पनी द्वारा बनाया गया!नगर निगम का इस जिम में कोई भी रुपए नहीं लगे है!अब यह मामला समझ में नहीं आ रहा है की मेयर साहब सच बोल रहे है या फिर नगर आयुक्त!Body:देहरादून के मेयर  नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के बयानों में फर्क। दरअसल मेयर साहब कह रहें हैं कि जिम के निर्माण में पचास लाख का खर्च आया और इससे सभी देहरादून वासी काफी संख्या में गांधी पार्क में आते है और अपने आप को फिट रखना चाहते है इस जिम से ग़ांधी पार्क में आने वाले लोग लाभ उठा सकते है।साथ ही नगर निगम के 100 वार्डो में जगह चिन्हित करके सभी वार्डो में जिम लगाएंगे। लेकिन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय जिम के निर्माण को लेकर किसी धनराशि का जिक्र नहीं कर रहें हैं। न कोई फिगर बता रहें हैं बल्कि कुछ दिन बाद कह कर मामले को टाल दिया।और ये एक पायलट प्रोजेक्ट था। और इस प्रोजेक्ट में नगर निगम का एक भी रुपया नहीं लगा है।

बाइट-सुनील उनियाल गामा (मेयर)
बाइट-विनय शंकर पांडे (नगर आयुक्त )Conclusion:अब जब एक ही प्रोजेक्ट को लेकर जिम्मेदार पदों पर बैठे दो लोगों के बयान अलग अलग हैं तो सवाल है की दोनों में सच कौन बोल रहा है!अगर मेयर साहब को अगर पचास लाख के खर्च की जानकारी है तो ये भी पता होगा वही कसरत के लिए लगाई गईं मशीनों को देख कर नहीं लगता कि इनकी लागत पचास लाख रुपए होगी।साथ ही मेयर के अनुसार जिम में रुपए खर्च करने से पहले टेंडर हुआ या नहीं इसकी जानकारी भी किसी को नहीं है। किस कंपनी को काम दिया गया इसकी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है। सवाल इस लिए भी उठ रहा है कि मेयर साहब को पचास लाख खर्च होने की जानकारी किसने दी? फिर ये जानकारी नगर आयुक्त तक क्यों नहीं पहुंची? अगर पहुंची तो वो इसे साझा क्यों नहीं करना चाहते?
Last Updated : Nov 19, 2019, 7:15 PM IST
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