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28 सितंबर से देहरादून में होगा डीआईजीए एक्सपो का आयोजन

इस एक्सपो में पशुओं की दो नस्लें विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी. जिसमें स्थानीय नस्ल चोली भी प्रमुख रूप से शामिल है. साथ ही एक्स्पो में जाफराबादी नस्ल भी दिखाई देगी.

आगामी 28, 29 और 30 सितंबर कोडीआईडीए एक्सपो का आयोजन .
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Published : Sep 26, 2019, 8:05 PM IST

देहरादून: प्रोगेसिव डेरी फार्मर्स एसोसिएशन देहरादून द्वारा आगामी 28, 29 और 30 सितंबर को परेड ग्राउंड में डीआईडीए एक्सपो 2019 का आयोजन किया जाएगा. एक्स्पो में उत्कृष्ट पशुओं का प्रदर्शन किया जाएगा. कार्यक्रम में कई प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएंगी, जिसमें प्रत्येक विकासखंड से उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा.

आगामी 28, 29 और 30 सितंबर कोडीआईडीए एक्सपो का आयोजन .

बता दें कि इस एक्सपो में पशुओं की दो नस्लें विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी. जिसमें स्थानीय नस्ल चोली भी प्रमुख रूप से शामिल है. साथ ही एक्स्पो में जाफराबादी नस्ल भी दिखाई देगी.

यह भी पढ़ें-नए मोटर व्हीकल एक्ट में वाहन मॉडिफाई कराने पर भी लगेगा जुर्माना

वहीं, अबतक भारत में मुर्रा नस्ल के पशुओं के दूध का ही उत्पादन अधिक होता है. यह प्रचारित किया गया है जबकि जाफराबादी नस्ल गुजरात की है और यह भी मुर्रा नस्ल के बराबर है. पशु मेले में जाफराबादी बुल को भी प्रमोट किया जाएगा .

डीआईडीए एक्स्पो 2019 की जानकारी देते हुए प्रोग्रेसिव डेरी फार्मर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि डेयरी व्यवसाय में स्वरोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं. क्योंकि केवल उत्तराखंड में ही करीब 25 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की खपत होती है. जबकि, उत्पादन मात्र दो लाख लीटर ही है.

यह भी पढ़ें-मिलावटखोरों पर लगाम लगाने में नाकाम हुआ खाद्य सुरक्षा विभाग, अब पुलिस संभालेगी मोर्चा

सुबोध कुमार ने कहा कि कृषि और बागवानी के साथ पशुपालन व्यवसाय करने से ही किसानों की आय सरलता से दोगुनी की जा सकती है. इसी उद्देश्य से उत्तराखंड में पीडीएफए द्वारा देहरादून में प्रत्येक वर्ष एक्स्पो का आयोजन किया जाता है.

वहीं, एक्सपो के माध्यम से किसानों को पशुपालन व्यवसाय की आधुनिक जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ, बछिया उत्पादन के लिए सोर्टर्स सेक्स सिमन की जानकारी भी प्रदान की जाएगी.

देहरादून: प्रोगेसिव डेरी फार्मर्स एसोसिएशन देहरादून द्वारा आगामी 28, 29 और 30 सितंबर को परेड ग्राउंड में डीआईडीए एक्सपो 2019 का आयोजन किया जाएगा. एक्स्पो में उत्कृष्ट पशुओं का प्रदर्शन किया जाएगा. कार्यक्रम में कई प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएंगी, जिसमें प्रत्येक विकासखंड से उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा.

आगामी 28, 29 और 30 सितंबर कोडीआईडीए एक्सपो का आयोजन .

बता दें कि इस एक्सपो में पशुओं की दो नस्लें विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगी. जिसमें स्थानीय नस्ल चोली भी प्रमुख रूप से शामिल है. साथ ही एक्स्पो में जाफराबादी नस्ल भी दिखाई देगी.

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वहीं, अबतक भारत में मुर्रा नस्ल के पशुओं के दूध का ही उत्पादन अधिक होता है. यह प्रचारित किया गया है जबकि जाफराबादी नस्ल गुजरात की है और यह भी मुर्रा नस्ल के बराबर है. पशु मेले में जाफराबादी बुल को भी प्रमोट किया जाएगा .

डीआईडीए एक्स्पो 2019 की जानकारी देते हुए प्रोग्रेसिव डेरी फार्मर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि डेयरी व्यवसाय में स्वरोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं. क्योंकि केवल उत्तराखंड में ही करीब 25 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की खपत होती है. जबकि, उत्पादन मात्र दो लाख लीटर ही है.

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सुबोध कुमार ने कहा कि कृषि और बागवानी के साथ पशुपालन व्यवसाय करने से ही किसानों की आय सरलता से दोगुनी की जा सकती है. इसी उद्देश्य से उत्तराखंड में पीडीएफए द्वारा देहरादून में प्रत्येक वर्ष एक्स्पो का आयोजन किया जाता है.

वहीं, एक्सपो के माध्यम से किसानों को पशुपालन व्यवसाय की आधुनिक जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ, बछिया उत्पादन के लिए सोर्टर्स सेक्स सिमन की जानकारी भी प्रदान की जाएगी.

Intro:प्रोगेसिव डेरी फार्मर्स एसोसिएशन देहरादून द्वारा आगामी 28 29 और 30 सितंबर को परेड ग्राउंड में डीआईडीए एक्सपो 2019 का आयोजन किया जा रहा है। एक्स्पो मैं उत्कृष्ट पशुओं के प्रदर्शन के अलावा कई प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाएंगी इसमें प्रत्येक विकासखंड से उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा


Body:डीआईडीए एक्स्पो 2019 की जानकारी देते हुए प्रोग्रेसिव डेरी फार्मर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि डेयरी व्यवसाय में स्वरोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं क्योंकि केवल उत्तराखंड में ही करीब 25 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की खपत होती है जबकि उत्पादन मात्र दो लाख लीटर ही है। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी के साथ पशुपालन व्यवसाय करने से ही किसानों की आई सरलता से दुगनी की जा सकती है इसी उद्देश्य से उत्तराखंड में पीडीएफए द्वारा देहरादून मे प्रत्येक वर्ष एक्स्पो का आयोजन किया जाता है। एक्सपो के माध्यम से किसानों को पशुपालन व्यवसाय की आधुनिक जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ, बछिया उत्पादन के लिए सोर्टर्स सेक्स सिमन की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।
वाइट सुबोध कुमार,अध्यक्ष, प्रोग्रेसिव डेरी फार्मर एसोसिएशन


Conclusion:इस दफा पशुओं की दो नस्लें एक्स्पो में विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी जिसमें चोली स्थानी नस्ल प्रमुख रूप से शामिल है यह जिला बंटवारे के दौरान मूलतः पाकिस्तान में चले गया था।एक्स्पो मैं जाफराबादी नस्ल भी दिखाई देगी अब तक भारत में मुर्रा नस्ल के पशुओं के दूध का ही उत्पादन अधिक होता है यह प्रचारित किया गया है जबकि जाफराबादी नस्ल गुजरात की है और यह भी मुर्रा नस्ल के बराबर है। पशु मेले में जाफराबादी बुल को भी प्रमोट किया जा रहा है।
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