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दून में गर्मी का प्रकोप, डायरिया और वोमिटिंग के मरीज बढ़े, ऐसा रखें खानपान

राजधानी देहरादून में गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है. इन दिनों देहरादून में अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है. गर्मी के कारण दून अस्पताल में डायरिया और वोमिटिंग के मरीज ज्यादा आ रहे हैं. वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केसी पंत ने लोगों को गर्मी से बचने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी है.

heat wave in uttarakhand
उत्तराखंड में गर्मी का प्रकोप
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Published : Jun 10, 2022, 12:57 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को कभी उत्तराखंड का वेनिस कहा जाता था. पर्यटन के लिहाज से देहरादून में लोग गर्मियों में घूमने आया करते थे. लेकिन आज हालात कुछ और हैं. हरे भरे देहरादून से विकास के नाम पर पेड़ों के कटान के बाद अब शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होता जा रहा है. इसका असर मौसम में भी देखने को मिल रहा है. मौसम ने भी भीषण गर्मी के रूप में अपना कहर (heat wave in uttarakhand) बरपाना शुरू कर दिया है. इन दिनों देहरादून में अधिकतम तापमान (maximum temperature in dehradun) 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है.

मौसम विभाग की मानें तो उत्तराखंड के लिए हीट वेव (Heat wave in Uttarakhand) का अलर्ट जारी कर दिया है. विभाग के मुताबिक, लोगों को हीट वेव से अभी राहत नहीं मिलने वाली है. दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी का असर देहरादून के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Doon Medical College Hospital) में भी देखने को मिल रहा है. हॉस्पिटल में गर्मी के प्रकोप से ओपीडी में मरीजों की संख्या में कमी आई है. इसकी वजह बताई जा रही है कि लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं. लेकिन इनिशियल स्टेज ऑफ हीट स्ट्रोक के कारण जो कॉम्प्लिकेशन होते हैं, उसकी शिकायत लेकर मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं.

दून में गर्मी का प्रकोप

डॉक्टर की सलाहः वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केसी पंत के मुताबिक गर्मी की वजह से सेकेंडरी कॉम्प्लिकेशन के मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. हालांकि राहत की बात है कि लू से संबंधित कोई मरीज अभी अस्पताल में एडमिट नहीं है. डॉक्टर पंत का कहना है कि लोग इस कॉम्प्लिकेशन से बच सकते हैं और घर पर रहकर भी अपना इलाज कर सकते हैं. इस मौसम में लोगों को कच्चे आम का पना, नमक, चीनी, नींबू पानी, बेल का शरबत जैसे तरल पदार्थ पीने चाहिए.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के इन जिलों में मिलेगी गर्मी से राहत, बारिश का अंदेशा

मेंटल डिसऑरिएंटेशन की शिकायतः इसके अलाव यदि लोग शरीर को ताजगी और ठंडक पहुंचाने वाले पेय पदार्थों का सेवन करेंगे तो इस मौसम में कॉम्प्लिकेशन से बचा जा सकता है. अगर किसी व्यक्ति के मेंटल डिसऑरिएंटेशन या व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है तो ऐसे मरीजों को तुरंत अस्पताल में पहुंचाना चाहिए. गर्मी के कारण हैपेटिक सिस्टम में सेकेंडरी कॉम्प्लिकेशन का डर बना रहता है.

गर्मी में बरतें एहतियातः यदि जरूरी हो तभी घर से निकलें. हल्के रंग के कपड़े व पूरी बांह के कपड़े पहनें. ताजे भोजन का सेवन करें. एक्स्ट्रा खाना ना बनाएं. बचे हुए भोजन को फ्रिज में ना रखें. बाजार में कटे फलों का सेवन ना करें. घूमने के लिए इस वक्त मौसम ठीक नहीं है. सवेरे 10 बजे के बाद और शाम 5 बजे से पहले अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलें. बच्चे और बुजुर्ग अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखें.

देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को कभी उत्तराखंड का वेनिस कहा जाता था. पर्यटन के लिहाज से देहरादून में लोग गर्मियों में घूमने आया करते थे. लेकिन आज हालात कुछ और हैं. हरे भरे देहरादून से विकास के नाम पर पेड़ों के कटान के बाद अब शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होता जा रहा है. इसका असर मौसम में भी देखने को मिल रहा है. मौसम ने भी भीषण गर्मी के रूप में अपना कहर (heat wave in uttarakhand) बरपाना शुरू कर दिया है. इन दिनों देहरादून में अधिकतम तापमान (maximum temperature in dehradun) 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है.

मौसम विभाग की मानें तो उत्तराखंड के लिए हीट वेव (Heat wave in Uttarakhand) का अलर्ट जारी कर दिया है. विभाग के मुताबिक, लोगों को हीट वेव से अभी राहत नहीं मिलने वाली है. दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी का असर देहरादून के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Doon Medical College Hospital) में भी देखने को मिल रहा है. हॉस्पिटल में गर्मी के प्रकोप से ओपीडी में मरीजों की संख्या में कमी आई है. इसकी वजह बताई जा रही है कि लोग बाहर निकलने से डर रहे हैं. लेकिन इनिशियल स्टेज ऑफ हीट स्ट्रोक के कारण जो कॉम्प्लिकेशन होते हैं, उसकी शिकायत लेकर मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं.

दून में गर्मी का प्रकोप

डॉक्टर की सलाहः वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. केसी पंत के मुताबिक गर्मी की वजह से सेकेंडरी कॉम्प्लिकेशन के मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. हालांकि राहत की बात है कि लू से संबंधित कोई मरीज अभी अस्पताल में एडमिट नहीं है. डॉक्टर पंत का कहना है कि लोग इस कॉम्प्लिकेशन से बच सकते हैं और घर पर रहकर भी अपना इलाज कर सकते हैं. इस मौसम में लोगों को कच्चे आम का पना, नमक, चीनी, नींबू पानी, बेल का शरबत जैसे तरल पदार्थ पीने चाहिए.
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मेंटल डिसऑरिएंटेशन की शिकायतः इसके अलाव यदि लोग शरीर को ताजगी और ठंडक पहुंचाने वाले पेय पदार्थों का सेवन करेंगे तो इस मौसम में कॉम्प्लिकेशन से बचा जा सकता है. अगर किसी व्यक्ति के मेंटल डिसऑरिएंटेशन या व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है तो ऐसे मरीजों को तुरंत अस्पताल में पहुंचाना चाहिए. गर्मी के कारण हैपेटिक सिस्टम में सेकेंडरी कॉम्प्लिकेशन का डर बना रहता है.

गर्मी में बरतें एहतियातः यदि जरूरी हो तभी घर से निकलें. हल्के रंग के कपड़े व पूरी बांह के कपड़े पहनें. ताजे भोजन का सेवन करें. एक्स्ट्रा खाना ना बनाएं. बचे हुए भोजन को फ्रिज में ना रखें. बाजार में कटे फलों का सेवन ना करें. घूमने के लिए इस वक्त मौसम ठीक नहीं है. सवेरे 10 बजे के बाद और शाम 5 बजे से पहले अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलें. बच्चे और बुजुर्ग अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखें.

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