देहरादून: उत्तराखंड के सरकारी अस्पताल में पहली बार कैथ लैब शुरुआत होने जा रही है. जी हां, देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हार्ट के मरीजों के लिए कैथ लैब खोले जाने को लेकर कवायद जोरों पर है. इस लैब के खुलने से देहरादून ही नहीं, बल्कि पर्वतीय और मैदानी जिलों के दिल के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी. साथ ही हार्ट के मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.
माना जा रहा है कि अगले 5 से 6 महीने के भीतर दून अस्पताल में कैथ लैब (Cath Lab in Doon Medical College) बनकर तैयार हो जाएगी. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से पुरानी ओटी को हटाकर कैथ लैब का स्ट्रक्चर तैयार किए जाने का निर्णय लिया गया है. लैब तैयार होने के बाद हार्ट अटैक, वॉल्व चेंज, हार्ट सर्जरी के मरीजों को खासी राहत मिलेगी. जो पहले कभी उत्तराखंड के किसी भी सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं रही है.
अटल आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क मिलेगी सुविधाः इससे एंजियोग्राफी (Angiography) और एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) के मरीजों को खासा लाभ मिलेगा. क्योंकि, प्राइवेट अस्पतालों में हार्ट के ऑपरेशन के लिए मरीजों को जहां डेढ़ से दो लाख रुपए खर्च करने को मजबूर होना पड़ता था तो वहीं दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऐसे मरीजों को आयुष्मान के तहत यह सुविधाएं निशुल्क मिल सकेगी.
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दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के मुताबिक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Govt Doon Medical College Hospital Dehradun) में कैथ लैब स्थापित करने के लिए शासन ने पांच करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है. उन्होंने बताया कि बजट के अनुरूप मानक इत्यादि पर चर्चा की गई है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया गतिमान है. जल्द ही हृदय रोगियों के लिए कैथ लैब बनकर तैयार हो जाएगी.
क्या है कैथ लैबः कैथ लैब एक कैथेटराइजेशन लैब (Cardiac Catheterization Lab) होती है, जिसे संक्षिप्त में कैथ लैब कहा जाता है. यहां पर ओपन हार्ट सर्जरी तो नहीं होती, लेकिन दिल की जिन समस्याओं को लेकर सबसे ज्यादा मरीज पहुंचते हैं, उन सभी महत्वपूर्ण समस्याओं का इलाज हो जाता है. दरअसल, कैथ लैब में हाथों की नसों के जरिए दिल की बीमारी का इलाज किया जाता है.
इसमें दिल की नसों के सिकुड़ने, दिल में छेद होने और स्टंट डालने का काम किया जाता है. जिससे मरीजों को राहत मिल पाती है. अच्छी बात यह है कि सरकारी अस्पताल में यह सारी सुविधाएं मिलने से सभी मरीजों को सस्ता इलाज मिल पाएगा. इसके अलावा अटल आयुष्मान योजना के प्रयोग से मुफ्त में भी बिना भागदौड़ के मरीज अपने दिल का इलाज करा सकेंगे.