देहरादून: सहायक प्रजनन तकनीकी अधिनियम 2021 और सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 को राज्यों में लागू करने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडविया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक की गई. बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया. दोनों एक्ट को लेकर गठित राष्ट्रीय बोर्ड में उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री को भी सदस्य बनाया गया है. जो देश में इकलौते स्वास्थ्य मंत्री हैं, जिनको बोर्ड में बतौर सदस्य नामित किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. जिसमें सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) क्लीनिकों और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी एआरटी बैंकों को विनियमित और पर्यवेक्षण के दुरुपयोग को रोकने, प्रजनन स्वास्थ्य सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई. राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि सहायक प्रजनन तकनीकी अधिनियम 2021 और सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों और उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया.
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बैठक में एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के प्रावधानों को लेकर केरल उच्च न्यायालय और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के अनुपालन पर चर्चा की गई. जिसमें सरोगेसी में प्रावधान, उम्र, पात्रता एंव दंड के प्रावधानों को लेकर विचार-विमर्श किया गया. जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी अपने सुझाव रखे. रावत ने बताया कि उत्तराखंड में राज्य स्तरीय एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड और राज्य स्तरीय अप्रोप्राइटी अथॉरिटी का गठन कर लिया गया है.
उन्होंने कहा राज्य में एआरटी क्लीनिक एवं एआरटी बैंकों के लिए अब तक दो दर्जन से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. सभी प्रकार के आवेदनों पर पंजीकरण की प्रक्रिया गतिमान है. राष्ट्रीय बोर्ड से प्राप्त दिशा निर्देशों के उपरांत राज्य स्तरीय बोर्ड की बैठक कर प्राप्त आवेदनों पर निर्णय ले लिया जाएगा.