देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सरकार ने 5720.78 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया है. इसके साथ ही सदन के पटल पर 6 विधेयक भी पेश किए गए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2021-22 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया. केंद्र पोषित योजनाओं के लिए 3178.87 करोड़ और बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए 56 करोड़ का प्रावधान किया गया है. साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 570 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है.
बजट में किसे क्या मिला: मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के लिए 16.51 करोड़, मुख्यमंत्री सौभाग्यवती योजना के लिए 8.4 करोड़, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के लिए 7.65 करोड़, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानदेय देने के लिए 33 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
इसके साथ ही शहरी एवं ग्रामीण निकायों के लिए 293 करोड़, राज्य की सड़कों और पुलों के लिए 55 करोड़, बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए 30 करोड़, पेयजल योजनाओं के लिए 25 करोड़, स्मार्ट सिटी के लिए 60 करोड़, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में भूमि अधिग्रहण का भुगतान करने के लिए 93 करोड़ और केंद्रीय सड़क निधि मद में 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
सात विधेयक पेश: सदन में प्रश्नकाल के बाद विधानसभा में मॉनसून सत्र के दूसरे दिन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 3 विश्वविद्यालय को जुड़े संशोधन विधेयक रखे. डॉ. धन सिंह रावत ने IMS यूनिसन विश्वविद्यालय, DIT विश्वविद्यालय, हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के संशोधन विधेयक पेश किया.
वहीं, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने उत्तराखंड फल पौधशाला विनियमन संशोधन विधेयक रखा. संसदीय कार्य मंत्री व शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने सदन के पटल पर GST विधेयक रखा. इसके अलावा उन्होंने उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान संशोधन विधेयक भी सदन में रखा. इस विधेयक के पास होने के बाद मलिन बस्तियों को राहत मिलेगी मिलेगी राहत, साथ ही अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर तीन साल की छूट मिलेगी.
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विपक्ष का हंगामा: विधानसभा सत्र के दूसरे दिन कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने सदन के बाहर जमकर हंगामा किया. विपक्ष के विधायकों ने कई मुद्दों को लेकर सरकार का विरोध करने के लिए विधानसभा के बाहर सीढ़ियों पर बैठकर धरना दिया.
प्रश्नकाल में समय पर सभी प्रश्नों के उत्तर: एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में सदन में प्रश्नकाल के दौरान सभी तारांकित प्रश्नों को निर्धारित समय के अंतर्गत उत्तर दिया गया. बता दें कि प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद 25 बार विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर प्रश्नकाल के दौरान सभी के तारांकित प्रश्नों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत उत्तरित किया गया है.