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जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फंड पर बनी सहमति, CM धामी ने 1 करोड़ जारी करने के दिये निर्देश - जेल विकास बोर्ड के रिवाल्विंग फंड पर बनी सहमति

मंगलवार को सचिवालय में जेल विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री धामी (CM Pushkar singh dhami) ने कहा कि राज्य के कारागारों को आदर्श जेलों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. जेलों में कैदियों में सुधार के साथ ही ट्रेनिंग के माध्यम से उनमें इंटरप्रिन्योरशिप विकसित की जानी चाहिए.

CM धामी ने 1 करोड़ जारी करने के दिये निर्देश
CM धामी ने 1 करोड़ जारी करने के दिये निर्देश
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Published : Oct 11, 2022, 6:14 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar singh dhami) ने राज्य में जेल विकास बोर्ड (Jail Development Board Uttarakhand) के रिवाल्विंग फंड स्थापित करने पर सहमति देते हुए शुरुआती 1 करोड़ रूपये की धनराशि जारी करने के निर्देश दिए हैं. इस रिवाल्विंग फंड की मदद से जहां एक ओर कैदियों में इन्टरप्रिन्योरशिप एवं स्वरोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं, दूसरी ओर सरकारी विभागों में उत्पादों की आपूर्ति अधिक से अधिक राज्य के कारागारों से सुनिश्चित करवाने के प्रयास किए जाएंगे.

मंगलवार को सचिवालय में जेल विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने राज्य की समस्त जेलों में विडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालयों के समक्ष कैदियों के पेशी की व्यवस्था किये जाने हेतु जेलों में वीसी हॉल तथा तकनीकी विकास की एक कार्ययोजना जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें-अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: रेखा आर्य ने लड़कियों को बांटे सैनिटरी पैड

इस मौके पर आईजी कारागार विमला गुंज्याल (IG Prison Vimla Gunjyal) ने जानकारी दी कि राज्य की 3 जेलों में पूर्णतः सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं तथा 7 जेलों में सीसीटीवी लगाने का कार्य चल रहा है. जेलों में 89 बॉडी वार्न कैमरों की भी व्यवस्था की गई है. ई-मुलाकात के तहत कैदियों एवं उनके परिजनों हेतु वीडियो कॉल की सुविधा उपलब्ध है. ई-प्रिजन के माध्यम से बन्दियों के रिकॉर्ड डिजिटाइज किए गए हैं. अभी तक 4868 बंदियों को विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों में पेश किया गया है.

वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के कारागारों को आदर्श जेलों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. जेलों में कैदियों में सुधार के साथ ही ट्रेनिंग के माध्यम से उनमें इन्टरप्रिन्योरशिप विकसित की जानी चाहिए. उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इस दिशा में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, अस्पतालों तथा स्कूलों की वर्दी सिलाई का काम कैदियों से करवाएं जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है.

पढ़ें- पत्नी के साथ केदारनाथ धाम पहुंचे सीएम धामी, 27 अक्टूबर को बंद होने हैं कपाट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैदियों के एम्स ऋषिकेश में उपचार हेतु एम्स से एमओयू करने तथा एक कार्पस फंड की व्यवस्था के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कैदियों तथा उनके परिजनों के आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु जेलों में कैम्प लगाए जाए. राज्य का कारागर विभाग जल्द ही आदर्श कारागार लखनऊ के तर्ज पर उत्तराखंड में अच्छे आचरण वाले कैदियों को कारागार से बाहर सैलून, प्रेस, बढ़ई, मोटर बाइन्डिंग जैसे कामों पर लगाए जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य कर रहा है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखंड कारागार विकास बोर्ड के गठन पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही राज्य में कारागार विभाग के मुख्यालय निर्माण हेतु उपयुक्त भूमि आवंटन पर विचार किया गया. वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस एवं होमगार्ड विभाग की भांति जेल कर्मचारी कल्याण कोष गठन पर भी सहमति व्यक्त की गई.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar singh dhami) ने राज्य में जेल विकास बोर्ड (Jail Development Board Uttarakhand) के रिवाल्विंग फंड स्थापित करने पर सहमति देते हुए शुरुआती 1 करोड़ रूपये की धनराशि जारी करने के निर्देश दिए हैं. इस रिवाल्विंग फंड की मदद से जहां एक ओर कैदियों में इन्टरप्रिन्योरशिप एवं स्वरोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं, दूसरी ओर सरकारी विभागों में उत्पादों की आपूर्ति अधिक से अधिक राज्य के कारागारों से सुनिश्चित करवाने के प्रयास किए जाएंगे.

मंगलवार को सचिवालय में जेल विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जेलों की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने राज्य की समस्त जेलों में विडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालयों के समक्ष कैदियों के पेशी की व्यवस्था किये जाने हेतु जेलों में वीसी हॉल तथा तकनीकी विकास की एक कार्ययोजना जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए हैं.

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इस मौके पर आईजी कारागार विमला गुंज्याल (IG Prison Vimla Gunjyal) ने जानकारी दी कि राज्य की 3 जेलों में पूर्णतः सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं तथा 7 जेलों में सीसीटीवी लगाने का कार्य चल रहा है. जेलों में 89 बॉडी वार्न कैमरों की भी व्यवस्था की गई है. ई-मुलाकात के तहत कैदियों एवं उनके परिजनों हेतु वीडियो कॉल की सुविधा उपलब्ध है. ई-प्रिजन के माध्यम से बन्दियों के रिकॉर्ड डिजिटाइज किए गए हैं. अभी तक 4868 बंदियों को विडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से न्यायालयों में पेश किया गया है.

वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के कारागारों को आदर्श जेलों के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. जेलों में कैदियों में सुधार के साथ ही ट्रेनिंग के माध्यम से उनमें इन्टरप्रिन्योरशिप विकसित की जानी चाहिए. उन्हें स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इस दिशा में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, अस्पतालों तथा स्कूलों की वर्दी सिलाई का काम कैदियों से करवाएं जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है.

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैदियों के एम्स ऋषिकेश में उपचार हेतु एम्स से एमओयू करने तथा एक कार्पस फंड की व्यवस्था के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कैदियों तथा उनके परिजनों के आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु जेलों में कैम्प लगाए जाए. राज्य का कारागर विभाग जल्द ही आदर्श कारागार लखनऊ के तर्ज पर उत्तराखंड में अच्छे आचरण वाले कैदियों को कारागार से बाहर सैलून, प्रेस, बढ़ई, मोटर बाइन्डिंग जैसे कामों पर लगाए जाने हेतु कार्ययोजना पर कार्य कर रहा है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखंड कारागार विकास बोर्ड के गठन पर भी चर्चा की गई. इसके साथ ही राज्य में कारागार विभाग के मुख्यालय निर्माण हेतु उपयुक्त भूमि आवंटन पर विचार किया गया. वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस एवं होमगार्ड विभाग की भांति जेल कर्मचारी कल्याण कोष गठन पर भी सहमति व्यक्त की गई.

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