देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कई महीने से चल रहा लैंड जिहाद का मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है. यही नहीं, लैंड जिहाद को लेकर राजनीतिक पार्टियां लगातार बयानबाजी भी कर रही हैं. तमाम चर्चाओं के बीच अब उत्तराखंड सरकार, अवैध अतिक्रमण को लेकर और सख्त होती नजर आ रही है. शुक्रवार को सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक ने 'उत्तराखण्ड, भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश, 2023' को मंजूरी दे दी है. इस कानून में करीब 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया जा सकता है.
दरअसल, उत्तराखंड में लंबे समय से सरकारी और निजी संपत्तियों पर अवैध अतिक्रमण के तमाम मामले सामने आ रहे हैं. इसी बीच सरकारी संपत्तियों पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए भी वृहद स्तर पर अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत वन विभाग ने वन भूमि पर हुए अतिक्रमण के रूप में करीब 400 से ज्यादा मजारों, मंदिरों और गुरुद्वारों को भी हटाया गया. अब इस मामले में उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत भविष्य में अवैध अतिक्रमण पर लगाम लगाई जा सकेगी. इसके लिए सख्त कानून लाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है.
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यही वजह है कि धामी मंत्रिमंडल ने भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश को लाने की मंजूरी दे दी है. चर्चाएं हैं कि जिस तरह से धामी सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी पर लगाम लगाने को लेकर देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई है, उसी तरह से उत्तराखंड में अवैध अतिक्रमण पर लगाम लगाये जाने को लेकर धामी सरकार सख्त, 'भूमि पर अतिक्रमण (निषेध) अध्यादेश' लाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में अगर ऐसे में अगर यह अध्यादेश कानूनी रूप ले लेता है तो भविष्य में अवैध अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकेगी.