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नेवी अफसर प्रॉपर्टी मामला: हरिद्वार पुलिस को सौंपी गई जांच, आरोपियों की तलाश में जुटी SOG और STF

देहरादून में दिवंगत नेवी अफसर की प्रॉपर्टी कब्जाने के मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने सख्त रुख अपनाया है. डीजीपी ने जांच निष्पक्ष हो इसके लिए केस देहरादून पुलिस से हटाकर हरिद्वार पुलिस टीम को दे दी है. साथ ही दबंगों की गिरफ्तारी के लिए SOG और STF को जिम्मा सौंपा है. इसके अलावा पीड़ित पक्ष की सुरक्षा के लिए दो गनर भी तैनात कर दिए हैं. ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट से जानिए क्या है पूरा मामला....

property grab case of late retired navy officer
नेवल ऑफिसर प्रॉपर्टी कब्जा
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Published : Jan 22, 2022, 10:27 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 10:53 PM IST

देहरादूनः क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र के सुभाष नगर स्थित नेवी ऑफिसर की करोडों की जमीन और हैरिटेज बंगले पर कब्जे का मामला सुर्खियों में है. यहां भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से बंगले में तोड़फोड़ की और उनका सामान भी लूट लिया. इस मामले में देहरादून पुलिस की लचर रवैया भी सामने आया. जिस पर डीजीपी अशोक कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई है.

अब मामले में जांच का जिम्मा देहरादून एसपी से हटाकर हरिद्वार पुलिस अधिकारी को सौंप दिया है. ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच हो सके. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एसओजी (SOG) को जिम्मा दिया गया है. इससे पहले पीड़िता डीजीपी अशोक कुमार से मिलीं. डीजीपी ने लापरवाही बरतने पर क्लेमेंटाउन थाना प्रभारी नरेंद्र गहलोत को सस्पेंड किया.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः गैलेंट्री अवॉर्ड विजेता नेवी अफसर का बंगला तोड़कर भू माफिया ने कब्जाया, DGP ने दिया जांच का आदेश

जानकारी के मुताबिक, बंगले की पुरानी केयर टेकर पर भी इस वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर के बदमाशों का नाम भी सामने आ रहा है. ऐसे में बड़े स्तर पर गिरफ्तारी की कवायद जारी है. वहीं, इस मामले में दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर और उनकी बेटी को जान का खतरा मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने दो गनर उपलब्ध कराए हैं.

अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाईः उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है. इसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए हरिद्वार पुलिस को नियुक्त किया गया है. मुकदमे में डकैती, लूटपाट और अन्य धाराएं बढ़ाई गई है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी का साफतौर पर कहना है कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों को विभाग में नहीं रखा जाएगा. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग के बाद डिफेंस मुख्यालय को भी भेजी शिकायतः उधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग को पत्राचार करने के बाद अब डिफेंस मुख्यालय और सैनिक कल्याण बोर्ड को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. ऐसे में यह मामला अब उच्च स्तर तक जाने की संभावना जताई जा रही हैं. पीड़ित पक्ष के मुताबिक, शनिवार सुबह स्थानीय सैन्य अधिकारी ने भी घटनास्थल का जायजा लेते हुए जानकारी जुटाई है.

ये भी पढ़ेंः देहरादून में दबंगों ने किया दलित की भूमि कब्जाने का प्रयास, BJP नेत्री समेत कई लोगों पर आरोप

सदमे में पीड़िता: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर का दर्द साफ नजर आया. उनका कहना है जिस आलीशान बंगले की सपने की तरह सजो रखा था, उसको मिट्टी होते देख आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं. अब वो सड़क पर आ गए हैं और सिर छुपाने की जगह तक नहीं बची. अपने ही जगह पर टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं. हालांकि, अभी पीड़ित पक्ष को कुछ दिनों के लिए देहरादून नेवल यूनिट में रहने की सुविधा दी गई है, लेकिन यह चंद दिनों की व्यवस्था बताई जा रही है.

जानिए क्या है पूरा मामलाः दिवंगत नेवी ऑफिसर गैलेंट्री अवॉर्ड सम्मानित वीके कपूर की पत्नी कुसुम कपूर के मुताबिक, उनके पति के मामा मोहिंदर मलिक ने साल 1996 में विद्याभूषण नाम के व्यक्ति से सुभाष नगर में 5 बीघा भूमि और उस पर बने 100 साल पुरानी आलीशान बंगले को सेल डीड के अनुसार खरीदा था. साल 1997 में रजिस्ट्री हुई. उसके बाद वीके कपूर और उनका परिवार यहां रहने लगा.

कुसुम कपूर के मुताबिक, पति के मामा मोहिंदर मलिक ने इस प्रॉपर्टी की वसीयत वीके मलिक के नाम पर कर दी थी. उधर, वीके मलिक की मौत पिछले साल 25 फरवरी 2021 को हो गई. उसके बाद यह वसीयत उनके बेटी प्रीति खट्टर के नाम आ गई. बीते 7 जनवरी 2022 को कुसुम कपूर अपनी छोटी बेटी जो मानसिक रूप से विकलांग है, उसे देखने नोएडा गई.

इसी बीच 12 जनवरी 2022 को तड़के भू माफियाओं और पश्चिमी यूपी के बंदूकधारी दबंगों ने पहले पूरे बंगले से नौकर केयर टेकर को बंदूक के बल पर चार ट्रक माल लूटपाट कर ठिकाने लगाया. उसके बाद स्थानीय पुलिस के संरक्षण में आलीशान बंगले को तीन जेसीबी से धराशाई कर कब्जाने का प्रयास किया.

इस मामले की जानकारी होने पर कुसुम कपूर आनन-फानन में नोएडा से घर लौटी. उसके बाद क्लेमेंनटाउन पुलिस के साथ एसपी, एसएसपी सभी को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार 17 जनवरी 2022 को यह मामला जब डीजीपी अशोक कुमार के समक्ष रखा गया, तब उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले मुकदमा दर्ज कराया गया और उसके बाद थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया. फिलहाल, आगे की कार्रवाई जारी है.

भू माफिया पर लूट का भी आरोप: पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ये बंगला अंग्रेजों के शासन काल में बनाया गया था. भूमाफिया करोड़ों रुपए के कीमती जेवरात भी बंदूक के बल पर लूटकर ले गए हैं. पीड़ित पक्ष ने स्थानीय पुलिस पर भी भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है. ये बंगला करीब 5 बीघा में बना हुआ है.

एसएसपी ने भी नहीं सुनी शिकायत: कुसुम कपूर ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले की शिकायत थाना स्तर से लेकर एसएसपी तक की, लेकिन किसी ने भी उनकी फरियाद नहीं सुनी. आखिर में वे अपनी फरियाद लेकर डीजीपी अशोक कुमार के पास पहुंची और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी. डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल क्लेमेंटाउन पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया.

गैलेंट्री अवॉर्ड विजेता थे वीके कपूर: 70 साल की कुसुम कपूर ने बताया कि उनके पति वीके कपूर नेवी में अधिकारी थे. उन्होंने देश की सेवा करते हुए मेडल और गैलेंट्री अवॉर्ड जीते थे. उनके पति वीके कपूर ने 1997 में विद्याभूषण से ये बंगला खरीदा था, जो करीब 5 बीघा जमीन पर बना हुआ था. वीके कपूर अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ इसी बंगले में रहते थे.

ये भी पढ़ेंः Ground Report: भू-माफिया का बेशकीमती जमीन पर कब्जा, सीएम के निर्देश पर एसआईटी गठित

कुसुम कपूर की एक बड़ी बेटी नासिक, दूसरी अमेरिका में रहती है. तीसरी बेटी की शादी नहीं हुई है, वो मानसिक रूप अस्वस्थ है. साल 2021 में वीके सिंह का निधन हो गया था. कुसुम कपूर का आरोप है कि पुराने केयरटेकर की बेटी मोनिका रंधावा और अमित यादव नाम के भूमाफिया की उनकी जमीन पर नजर है. बंगला टूटने के बाद कुसुम कपूर को नेवी के राजपुर कार्यालय में शिफ्ट किया गया है.

चुनाव आयोग से भी की गई है शिकायत: पीड़ित 70 वर्षीय कुसुम कपूर की बेटी प्रीति खट्टर के मुताबिक, करोड़ों के बंगले और 5 बीघा जमीन को गुंडागर्दी और बंदूक की नोक पर कब्जाने का खेल पुलिस की मिलीभगत से हुआ है. इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग से भी जनपद प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है. प्रीति के मुताबिक गनीमत है कि इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए न सिर्फ मुकदमा दर्ज करा कर घटनाक्रम पर संगीन धाराएं बढ़ाई हैं, बल्कि थानेदार को निलंबित कर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के सख्त आदेश भी दिए हैं.

देहरादूनः क्लेमेंटाउन थाना क्षेत्र के सुभाष नगर स्थित नेवी ऑफिसर की करोडों की जमीन और हैरिटेज बंगले पर कब्जे का मामला सुर्खियों में है. यहां भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से बंगले में तोड़फोड़ की और उनका सामान भी लूट लिया. इस मामले में देहरादून पुलिस की लचर रवैया भी सामने आया. जिस पर डीजीपी अशोक कुमार ने कड़ी नाराजगी जताई है.

अब मामले में जांच का जिम्मा देहरादून एसपी से हटाकर हरिद्वार पुलिस अधिकारी को सौंप दिया है. ताकि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच हो सके. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और एसओजी (SOG) को जिम्मा दिया गया है. इससे पहले पीड़िता डीजीपी अशोक कुमार से मिलीं. डीजीपी ने लापरवाही बरतने पर क्लेमेंटाउन थाना प्रभारी नरेंद्र गहलोत को सस्पेंड किया.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः गैलेंट्री अवॉर्ड विजेता नेवी अफसर का बंगला तोड़कर भू माफिया ने कब्जाया, DGP ने दिया जांच का आदेश

जानकारी के मुताबिक, बंगले की पुरानी केयर टेकर पर भी इस वारदात को अंजाम देने का आरोप लगा है. साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ और मुजफ्फरनगर के बदमाशों का नाम भी सामने आ रहा है. ऐसे में बड़े स्तर पर गिरफ्तारी की कवायद जारी है. वहीं, इस मामले में दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर और उनकी बेटी को जान का खतरा मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने दो गनर उपलब्ध कराए हैं.

अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों पर होगी कार्रवाईः उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है. इसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के लिए हरिद्वार पुलिस को नियुक्त किया गया है. मुकदमे में डकैती, लूटपाट और अन्य धाराएं बढ़ाई गई है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी का साफतौर पर कहना है कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले पुलिस कर्मियों को विभाग में नहीं रखा जाएगा. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग के बाद डिफेंस मुख्यालय को भी भेजी शिकायतः उधर, इस मामले में पीड़ित पक्ष ने चुनाव आयोग को पत्राचार करने के बाद अब डिफेंस मुख्यालय और सैनिक कल्याण बोर्ड को भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. ऐसे में यह मामला अब उच्च स्तर तक जाने की संभावना जताई जा रही हैं. पीड़ित पक्ष के मुताबिक, शनिवार सुबह स्थानीय सैन्य अधिकारी ने भी घटनास्थल का जायजा लेते हुए जानकारी जुटाई है.

ये भी पढ़ेंः देहरादून में दबंगों ने किया दलित की भूमि कब्जाने का प्रयास, BJP नेत्री समेत कई लोगों पर आरोप

सदमे में पीड़िता: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर का दर्द साफ नजर आया. उनका कहना है जिस आलीशान बंगले की सपने की तरह सजो रखा था, उसको मिट्टी होते देख आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं. अब वो सड़क पर आ गए हैं और सिर छुपाने की जगह तक नहीं बची. अपने ही जगह पर टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं. हालांकि, अभी पीड़ित पक्ष को कुछ दिनों के लिए देहरादून नेवल यूनिट में रहने की सुविधा दी गई है, लेकिन यह चंद दिनों की व्यवस्था बताई जा रही है.

जानिए क्या है पूरा मामलाः दिवंगत नेवी ऑफिसर गैलेंट्री अवॉर्ड सम्मानित वीके कपूर की पत्नी कुसुम कपूर के मुताबिक, उनके पति के मामा मोहिंदर मलिक ने साल 1996 में विद्याभूषण नाम के व्यक्ति से सुभाष नगर में 5 बीघा भूमि और उस पर बने 100 साल पुरानी आलीशान बंगले को सेल डीड के अनुसार खरीदा था. साल 1997 में रजिस्ट्री हुई. उसके बाद वीके कपूर और उनका परिवार यहां रहने लगा.

कुसुम कपूर के मुताबिक, पति के मामा मोहिंदर मलिक ने इस प्रॉपर्टी की वसीयत वीके मलिक के नाम पर कर दी थी. उधर, वीके मलिक की मौत पिछले साल 25 फरवरी 2021 को हो गई. उसके बाद यह वसीयत उनके बेटी प्रीति खट्टर के नाम आ गई. बीते 7 जनवरी 2022 को कुसुम कपूर अपनी छोटी बेटी जो मानसिक रूप से विकलांग है, उसे देखने नोएडा गई.

इसी बीच 12 जनवरी 2022 को तड़के भू माफियाओं और पश्चिमी यूपी के बंदूकधारी दबंगों ने पहले पूरे बंगले से नौकर केयर टेकर को बंदूक के बल पर चार ट्रक माल लूटपाट कर ठिकाने लगाया. उसके बाद स्थानीय पुलिस के संरक्षण में आलीशान बंगले को तीन जेसीबी से धराशाई कर कब्जाने का प्रयास किया.

इस मामले की जानकारी होने पर कुसुम कपूर आनन-फानन में नोएडा से घर लौटी. उसके बाद क्लेमेंनटाउन पुलिस के साथ एसपी, एसएसपी सभी को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आखिरकार 17 जनवरी 2022 को यह मामला जब डीजीपी अशोक कुमार के समक्ष रखा गया, तब उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले मुकदमा दर्ज कराया गया और उसके बाद थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया. फिलहाल, आगे की कार्रवाई जारी है.

भू माफिया पर लूट का भी आरोप: पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ये बंगला अंग्रेजों के शासन काल में बनाया गया था. भूमाफिया करोड़ों रुपए के कीमती जेवरात भी बंदूक के बल पर लूटकर ले गए हैं. पीड़ित पक्ष ने स्थानीय पुलिस पर भी भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है. ये बंगला करीब 5 बीघा में बना हुआ है.

एसएसपी ने भी नहीं सुनी शिकायत: कुसुम कपूर ने बताया कि उन्होंने पूरे मामले की शिकायत थाना स्तर से लेकर एसएसपी तक की, लेकिन किसी ने भी उनकी फरियाद नहीं सुनी. आखिर में वे अपनी फरियाद लेकर डीजीपी अशोक कुमार के पास पहुंची और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी. डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल क्लेमेंटाउन पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया.

गैलेंट्री अवॉर्ड विजेता थे वीके कपूर: 70 साल की कुसुम कपूर ने बताया कि उनके पति वीके कपूर नेवी में अधिकारी थे. उन्होंने देश की सेवा करते हुए मेडल और गैलेंट्री अवॉर्ड जीते थे. उनके पति वीके कपूर ने 1997 में विद्याभूषण से ये बंगला खरीदा था, जो करीब 5 बीघा जमीन पर बना हुआ था. वीके कपूर अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ इसी बंगले में रहते थे.

ये भी पढ़ेंः Ground Report: भू-माफिया का बेशकीमती जमीन पर कब्जा, सीएम के निर्देश पर एसआईटी गठित

कुसुम कपूर की एक बड़ी बेटी नासिक, दूसरी अमेरिका में रहती है. तीसरी बेटी की शादी नहीं हुई है, वो मानसिक रूप अस्वस्थ है. साल 2021 में वीके सिंह का निधन हो गया था. कुसुम कपूर का आरोप है कि पुराने केयरटेकर की बेटी मोनिका रंधावा और अमित यादव नाम के भूमाफिया की उनकी जमीन पर नजर है. बंगला टूटने के बाद कुसुम कपूर को नेवी के राजपुर कार्यालय में शिफ्ट किया गया है.

चुनाव आयोग से भी की गई है शिकायत: पीड़ित 70 वर्षीय कुसुम कपूर की बेटी प्रीति खट्टर के मुताबिक, करोड़ों के बंगले और 5 बीघा जमीन को गुंडागर्दी और बंदूक की नोक पर कब्जाने का खेल पुलिस की मिलीभगत से हुआ है. इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग से भी जनपद प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है. प्रीति के मुताबिक गनीमत है कि इस मामले में डीजीपी अशोक कुमार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए न सिर्फ मुकदमा दर्ज करा कर घटनाक्रम पर संगीन धाराएं बढ़ाई हैं, बल्कि थानेदार को निलंबित कर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच के सख्त आदेश भी दिए हैं.

Last Updated : Jan 22, 2022, 10:53 PM IST
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