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संतों की पैदल चारधाम यात्रा पर रोक मामले में DGP की प्रतिक्रिया, कही ये बात

चारधाम यात्रा में हरिद्वार से निकले साधु-संतों की पैदल यात्रा पर रोक लगाने के लिए केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने डीजीपी को पत्र लिखा. पत्र पर डीजीपी ने प्रतिक्रिया दी है.

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साधु-संतों की पैदल चारधाम यात्रा पर रोक मामले में DGP ने दी प्रतिक्रिया
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Published : May 5, 2021, 4:33 PM IST

Updated : May 6, 2021, 10:31 AM IST

देहरादून: कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को स्थगित किया गया है. अब केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने उत्तराखंड डीजीपी को पत्र लिखकर हरिद्वार महाकुंभ समाप्ति के बाद साधु-संत व संन्यासियों की चारधाम यात्रा पर भी रोक लगाने की मांग की है. इस मसले पर उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने साफ कर दिया कि सरकार की ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है जहां राज्य के अंदर किसी को भी एक ही स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए पाबंदी लगाई जाए.

हालांकि इंटरस्टेट से आने वाले लोगों की आवाजाही पर जरूर नियम कायदे बनाए गए हैं. ऐसे में डीजीपी अशोक कुमार का मानना है कि साधु-संतों की चारधाम यात्रा पर रोक लगाने का निर्णय शासन स्तर का है. पुलिस सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही उसका अनुपालन कर रही है.

पढ़ें- ईटीवी भारत रियलिटी चेक : सांसद ने देर रात सुनी फरियाद, पेश की नजीर


महाकुंभ के बाद पैदल चारधाम यात्रा की परंपरा: विधायक
बता दें कि कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में इस बात का हवाला दिया है कि अक्षय तृतीया पर हरिद्वार महाकुंभ समाप्ति के बाद हमेशा से चली आ रही पुरानी परंपरा के अनुसार साधु-संत जैसे अन्य श्रद्धालु पैदल मार्ग से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा के लिए आते हैं. इस बार हरिद्वार कुंभ में भी कोरोना संक्रमण का फैलाव ज्यादा रहा. ऐसे में जब पैदल मार्ग से होते हुए साधु-संन्यासी चारधाम के अलग-अलग धामों में पहुंचेंगे तो इससे महामारी फैलने का खतरा और अधिक बढ़ सकता है. जबकि सरकार द्वारा पहले ही चारधाम यात्रा स्थगित कर सीमित दायरे में की गई है. विधायक रावत ने डीजीपी के पत्र में मांग की है कि पुलिस त्वरित कार्रवाई करे.

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सरकार की गाइडलाइन का पालन कराना ही पुलिस का दायित्व: डीजीपी
चारधाम यात्रा में साधु-संन्यासी और श्रद्धालुओं पर रोक लगाने वाले मामले में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में एक जगह से दूसरी जगह किसी को भी आवाजाही में इस प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. ऐसे में साधु-संतों की यात्रा पैदल यात्रा पर रोक लगाने का विषय शासन स्तर का है. इस मामले में पत्र शासन में प्रेषित कर दिया जाएगा. सरकार द्वारा जो भी आदेश दिया जाएगा उसी का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.
पढ़ें- कोरोनाकाल में संवेदनहीन हुए सांसद! मिन्नत का भी असर नहीं

गाइडलाइन में साधु-संतों की यात्रा-प्रवेश पर रोक की जानकारी नहीं
बता दें कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने पहले ही चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है. सरकार की गाइडलाइन में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें हरिद्वार या अन्य स्थानों से साधु-संतों के चारधाम पहुंचने पर रोक हो.

देहरादून: कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को स्थगित किया गया है. अब केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने उत्तराखंड डीजीपी को पत्र लिखकर हरिद्वार महाकुंभ समाप्ति के बाद साधु-संत व संन्यासियों की चारधाम यात्रा पर भी रोक लगाने की मांग की है. इस मसले पर उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने साफ कर दिया कि सरकार की ऐसी कोई गाइडलाइन नहीं है जहां राज्य के अंदर किसी को भी एक ही स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए पाबंदी लगाई जाए.

हालांकि इंटरस्टेट से आने वाले लोगों की आवाजाही पर जरूर नियम कायदे बनाए गए हैं. ऐसे में डीजीपी अशोक कुमार का मानना है कि साधु-संतों की चारधाम यात्रा पर रोक लगाने का निर्णय शासन स्तर का है. पुलिस सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही उसका अनुपालन कर रही है.

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महाकुंभ के बाद पैदल चारधाम यात्रा की परंपरा: विधायक
बता दें कि कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र में इस बात का हवाला दिया है कि अक्षय तृतीया पर हरिद्वार महाकुंभ समाप्ति के बाद हमेशा से चली आ रही पुरानी परंपरा के अनुसार साधु-संत जैसे अन्य श्रद्धालु पैदल मार्ग से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में यात्रा के लिए आते हैं. इस बार हरिद्वार कुंभ में भी कोरोना संक्रमण का फैलाव ज्यादा रहा. ऐसे में जब पैदल मार्ग से होते हुए साधु-संन्यासी चारधाम के अलग-अलग धामों में पहुंचेंगे तो इससे महामारी फैलने का खतरा और अधिक बढ़ सकता है. जबकि सरकार द्वारा पहले ही चारधाम यात्रा स्थगित कर सीमित दायरे में की गई है. विधायक रावत ने डीजीपी के पत्र में मांग की है कि पुलिस त्वरित कार्रवाई करे.

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सरकार की गाइडलाइन का पालन कराना ही पुलिस का दायित्व: डीजीपी
चारधाम यात्रा में साधु-संन्यासी और श्रद्धालुओं पर रोक लगाने वाले मामले में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश में एक जगह से दूसरी जगह किसी को भी आवाजाही में इस प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है. ऐसे में साधु-संतों की यात्रा पैदल यात्रा पर रोक लगाने का विषय शासन स्तर का है. इस मामले में पत्र शासन में प्रेषित कर दिया जाएगा. सरकार द्वारा जो भी आदेश दिया जाएगा उसी का पालन सुनिश्चित किया जाएगा.
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गाइडलाइन में साधु-संतों की यात्रा-प्रवेश पर रोक की जानकारी नहीं
बता दें कोरोना महामारी की भयावह स्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने पहले ही चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है. सरकार की गाइडलाइन में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसमें हरिद्वार या अन्य स्थानों से साधु-संतों के चारधाम पहुंचने पर रोक हो.

Last Updated : May 6, 2021, 10:31 AM IST
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