देहरादूनः पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक कुमार ने सिटी पेट्रोल यूनिट (CPU) की लचर कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कड़ी फटकार लगाई है. प्रदेश के मुख्य शहरों में स्ट्रीट क्राइम, टप्पेबाजी, चेन स्नेचिंग, रैश ड्राइविंग समेत सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सीपीयू का गठन किया गया है, लेकिन सीपीयू शहर की गलियों में जाकर चालान काटने तक ही सीमित रह गई है. ऐसे में अब सीपीयू फोर्स के गलियों में जाने पर पाबंदी लगाई गई है.
दरअसल, सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) लंबे अरसे से अपने मुख्य जिम्मेदारी के अलावा सड़कों और हाईवे की ड्यूटी छोड़कर गलियों में जाकर मात्र चालान काटने का काम कर रही थी. जिस पर डीजीपी अशोक कुमार ने कड़ी फटकार लगाते हुए सीपीयू, इंटरसेप्टर टीम और ट्रैफिक पुलिस को मुख्य सड़कों और हाईवे पर तैनात रहने की न सिर्फ हिदायत दी है, बल्कि ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त कर सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को कहा है. इतना ही नहीं इस आदेश का उल्लंघन करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ जिला प्रभारियों को कार्रवाई करने के सख्त निर्देश भी दिए हैं.
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ड्यूटी छोड़ मात्र चालान वसूलना न हो उद्देश्यः डीजीपी अशोक कुमार ने मंगलवार को राज्यभर के सभी जिलों के यातायात पुलिस अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की. इस दौरान डीजीपी ने कहा कि साइबर क्राइम, महिला सुरक्षा और ट्रैफिक फोकस एरिया हैं. राज्य में यातायात प्रबंधन के दो मुख्य उद्देश हैं. पहला सड़क सुरक्षा और दूसरा सुगम यातायात.
उन्होंने कहा कि पुलिस का उद्देश्य केवल चालान की संख्या बढ़ोत्तरी करना या शुल्क नियोजन और चालान वसूलना मात्र नहीं है. बल्कि, सड़क दुर्घटनाओं और उससे होने वाली जनहानि को रोकना पहला दायित्व है. जिसे सभी को पूरी दृढ़ता से निभाना है.
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ट्रैफिक पुलिस को दिए ये कड़े दिशा-निर्देश: अब सीपीयू, इंटरसेप्टर टीम और ट्रैफिक पुलिस मुख्य सड़कों एवं हाईवे पर रहेगी. साथ ही अब गलियों में नहीं जाएगी. गलियों में केवल एक्सीडेंट या इमरजेंसी में ही जाएगी. इसका उल्लंघन करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सभी जिला प्रभारियों को अपने-अपने जिलों में बॉटल नेक चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सुगम यातायात के लिए कार्य योजना तैयार कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने को कहा है.
वहीं, वीकेंड पर यातायात का दबाव अधिक होता है. ऐसे में इस दौरान इंफोर्समेंट कम कर सुगम यातायात पर ध्यान देने के निर्देश दिए हैं. जबकि, ट्रैफिक के उच्चाधिकारी रोजाना ट्रैफिक कंट्रोल रूम में बैठकर यातायात की मॉनिटरिंग करेंगे. साथ ही ट्रैफिक को सुगम बनाने का प्लान तैयार करेंगे. वहीं, गलत तरीके से वाहन पार्क करने से जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. ऐसे में इस तरह के मामले पर फोकस बढ़ाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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ई-चालान का प्रतिशत बहुत कम है, इसे बढ़ाने के साथ ही इसमें आ रही व्यवहारिक समस्याओं का निराकरण करने को कहा गया है. जिससे तत्काल कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा Traffic Eyes App का व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा है. जिससे जनता भी ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने वालों की सूचना ऐप पर अपलोड कर सके. ऐसे में जल्द चालान की कार्रवाई हो सके. वहीं, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाने और अतिरिक्त यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.