देहरादून: बीते साल 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में हुई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में एक्शन लेने के लिए पुलिस मुख्यालय पर दवाब बढ़ गया है. इन सब के बीच हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत किसी भी तरह से अपनी प्रतिक्रिया से बचते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में उनको डीजीपी अशोक कुमार ने नोटिस जारी किया है.
जानकारी के मुताबिक, हरिद्वार धर्म संसद विवाद के जोर पकड़ने के बाद मामले में जवाबदेही से बचते हुए हरिद्वार एसएसपी (डीआईजी) योगेंद्र सिंह रावत अब मीडिया के फोन तक नहीं उठा रहे, जिसके बाद इस विवादित मामले को लेकर लगातार पुलिस मुख्यालय स्तर पर बार-बार प्रतिक्रिया मांगी जा रही है. ऐसे में इस विषय पर नाराजगी जताते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने हरिद्वार एसएसपी (डीआईजी) को लिखित नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है.
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डीजीपी के पत्र में हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत से इस बात का स्पष्टीकरण मांगा गया है कि मीडिया के फोन क्यों रिसीव नहीं हो रहे हैं और आगे इस तरह रवैया न दोहराने की हिदायत भी दी गई है. यह उत्तराखंड में पहली मामला है, जब डीजीपी ने लिखित स्पष्टीकरण मांगा हो.
गौर हो कि, हरिद्वार धर्म संसद में तथाकथित विशेष समुदाय के प्रति बयानों का मामला लगातार जोर पकड़ता जा रहा है. पिछले दिनों कई संगठनों ने एकजुट होकर दून पुलिस मुख्यालय का घेराव भी किया था. मामले की गंभीरता देख डीजीपी ने आरोपित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था और बीते रोज ही निष्पक्ष कार्रवाई के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया है. हरिद्वार धर्म संसद में तथा-कथित भड़काऊ भाषण मामले में अब तक 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है.
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जानें पूरा मामला: बीते दिनों हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया गया था, जिसका एक वीडियो काफी वायरल हुआ था. वीडियो में कुछ साधु-संतों ने भड़काऊ भाषण दिया (Haridwar Hate Speech) था, जिसके बाद हरिद्वार नगर कोतवाली में गुलबहार खान की तहरीर पर पुलिस ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी), महामंडलेश्वर धरमदास परमानंद और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम केस दर्ज किया था. जिसके बाद पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर सागर सिंधु महाराज और यति नरसिंहानंद गिरि का नाम भी एफआईआर में जोड़ दिया था. अब इस केस में आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रमोधानंद गिरि का नाम भी जोड़ा गया है.