देहरादून: उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार (Uttarakhand Director General of Police Ashok Kumar) का बतौर डीजीपी एक साल का कार्यकाल 30 नवंबर 2021 का पूरा हुआ. इस मौके पर उन्होंने बीते एक साल में राज्य पुलिस से जुड़ी तमाम उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही प्रदेश में स्मार्ट, पब्लिक फ्रेंडली और पीड़ितों को न्याय दिलाने वाली पुलिसिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया.
पीएम मोदी के विजन अनुसार कार्य: डीजीपी ने बताया कि बीते एक साल में पुलिस के ऑपरेशनल, वेलफेयर, मॉडर्नाइजेशन व टेक्निकल जैसे क्षेत्रों में वृहद व फोकस्ड रूप में कार्य हुआ है. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा दिए गए स्मार्ट पुलिसिंग (smart policing) के विजन पर राज्य पुलिस आगे बढ़ रही है.
स्मार्ट पुलिसिंग पर जोर: डीजीपी अशोक कुमार के कहा कि पीएम मोदी द्वारा दिए गए विजन को अपनाते हुए उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) आज स्मार्ट पुलिसिंग के मुख्य 5 बिंदुओं पर फोकस कर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है. डीजीपी ने बताया कि पीएम मोदी के स्मार्ट पुलिस 5 मंत्र यानी संवेदनशील और चुस्त, आधुनिक और मोबाइल, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और तकनीकी जानकार विषय हैं.
पीड़ितों पर केंद्रित पुलिसिंग: उन्होंने कहा पिछले 1 वर्षों में पीड़ितों पर केंद्रित पुलिसिंग के तहत कार्यशैली में बदलाव लाकर कार्य आगे बढ़ाया गया है. पीड़ितों को तत्काल न्याय दिलाने, गरीब-असहाय जो पीड़ित थाने पर आते हैं, उन्हें सुरक्षा व न्याय दिलाने का कार्य बेहतर ढंग से हो सके. इस पर फोर्स का ध्यान केंद्रित किया गया है. इस कार्य के लिए बीते दिनों सभी जनपदों का दौरा कर जनता और पुलिस के मध्य संवाद स्थापित करने पर भी जोर दिया गया.
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जनसभा के जरिए मामलों का निपटारा: इतना ही नहीं पुलिस ने जनसभा कर पुलिस और जनता के बीच दूरी कम करने का भी कार्य पिछले 1 वर्ष में किया. पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिकायतों की सुनवाई की गई. पिछले 1 वर्ष में तेजी से मामले निस्तारित किये गए.
एक साल में रिकॉर्ड मामलों का निस्तारण: डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक इस कार्य में अलग-अलग तरह की शिकायतों का निस्तारण करते हुए एक वर्ष के दौरान कुल 11,560 जन शिकायतों में से 10,503 शिकायतों का निस्तारण किया गया. बीते 1 वर्ष में कुल 12,311 दर्ज मुकदमों में से 10,653 मुकदमों का अनावरण यानी (87 फीसदी) 23,792 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया. इसमें से 109 इनामी अपराधी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए, जो कई वर्षों से फरार चल रहे थे.
लूट और चोरी का माल बरामद: इसी दौरान लूट और चोरी की संपत्ति की बरामदगी का प्रतिशत 60 फीसदी से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया गया. वहीं, गंभीर अपराध में वर्कआउट करने में राज्य पिछले 1 वर्ष में 90% पर रहा, जो देश में सर्वोत्तम पुलिस परफॉर्मेंस में से एक है. विगत 1 वर्ष में इनामी वांछित अपराधियों और वारंटिओं की गिरफ्तारी के लिए दिसंबर माह 2020 से अगस्त 2021 तक विशेष अभियान चलाया गया.
गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई: इस दौरान गैंगस्टर और गुंडा अधिनियम के अंतर्गत 142 अपराधियों की गिरफ्तारी कर कार्रवाई की गई. राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था को लेकर नीति आयोग की SDG इंडिया सूचकांक 2020-21 में उत्तराखंड शीर्ष पर रहा. यही वजह है कि राज्य पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली.
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साइबर क्राइम फ्रॉड का खुलासा: पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक बीते 1 वर्ष में साइबर क्राइम क्षेत्र की दिशा में राज्य की STF ने कई बड़े साइबर क्राइम (cyber crime) का खुलासा कर अंतरराष्ट्रीय साइबर क्रिमिनलों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. जिसके चलते उत्तराखंड पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई. राज्य पुलिस की (CCPS/STF) साइबर क्राइम पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स ने भारत के सबसे बड़े 300 करोड़ के ऑनलाइन पावर बैंक एप धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया.
पावर बैंक एप धोखाधड़ी का भंडाफोड़: चीन से लेकर भारत और अन्य देशों तक फैले इस पावर बैंक एप धोखाधड़ी (power bank app fraud) मामले में उत्तराखंड एसटीएफ ने कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य राज्यों में छापेमारी कर इंटरनेशनल साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा. वहीं, साइबर फ्रॉड शिकायतों के लिए त्वरित कार्रवाई के मद्देनजर केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय के आदेश अनुसार हेल्पलाइन नंबर 155 260 जारी कर विगत 1 वर्ष में 7 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पीड़ितों को वापस कराई गई.
साइबर ठगों पर कसा शिकंजा: साइबर क्राइम के हब झारखंड के जामताड़ा और मेवात में छापेमारी की कार्रवाई कर देशभर में ठगी का जाल बनाने वाले 17 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं, विदेशों में कॉल कर जालसाजी कर अमेरिका और यूरोप के देशों के नागरिकों से अवैध वसूली करने वाले 6 अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर कई इंटरनेशनल साइबर क्राइम ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. बीते दिनों राष्ट्रीय स्तर पर साइबर हैकथॉन प्रतियोगिता आयोजित करने वाला उत्तराखंड पहला उत्तरी राज्य बना.
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उत्तराखंड एसटीएफ की जेलों में छापेमारी: वहीं, पिछले दिनों उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा अल्मोड़ा, टिहरी, हरिद्वार व पौड़ी जेलों में अपराधियों द्वारा संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई कर उनके नेटवर्क का खुलासा कर गैंग से जुड़े अन्तर्राजीय अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया. इसी दौरान उत्तराखंड की जेलों से संचालित होने वाली आपराधिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण जांच कर अल्मोड़ा जैसे जिलों में कार्यरत पुलिस अधीक्षक सहित कई जेल कर्मचारियों पर निलंबित और गिरफ्तारी की कार्रवाई हुई. विगत 1 वर्ष में कुमाऊं परिक्षेत्र के पंतनगर, उधम सिंह नगर में साइबर थाने की शुरुआत की गई.
मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: बीते वर्ष मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 1497 मुकदमे दर्ज किए गए. जिसके तहत कुल 1747 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इतना ही नहीं इस कार्रवाई के तहत नशा तस्करों के कब्जे से 15 करोड़ 72 लाख 35 हजार के मादक पदार्थ बरामद किए गए. वहीं, बीते साल उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा पहली बार उत्तर प्रदेश के बरेली, शाहजहांपुर जाकर बड़ी छापेमारी की कार्रवाई की गई, जिसमें सबसे बड़े स्मैक डीलर रिजवान के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने के साथ ही उसके गिरोह के तमाम लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया.
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महिला और बाल सुरक्षा को प्राथमिकता: पुलिस मुख्यालय अनुसार विगत 1 वर्ष में महिला और बाल सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए राज्य के प्रत्येक थाने में महिला और बाल सुरक्षा डेस्क स्थापित किए गए. महिला और बाल संबंधी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए हर थाने में टीम गठित की गई. महिला अपराधों में प्रभावी नियंत्रण के लिए विशेष मिशन के तहत एक समय अभियान मिशन "गौरा शक्ति" चलाया गया, जिसके तहत निरोधात्मक कार्रवाई जन जागरूकता, आत्म रक्षा प्रशिक्षण और शिकायत के निवारण तंत्र को अधिक मजबूत किया गया. महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए "गौरा शक्ति एप" को भी लॉन्च किया गया.
1450 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया: पुलिस मुख्यालय के मुताबिक विगत 1 वर्षों में गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए "ऑपरेशन स्माइल" और बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलाने के लिए "ऑपरेशन मुक्ति" जैसे ऑपरेशन चलाए गए, जो सफल रहे. ऑपरेशन मुक्ति के अंतर्गत 1430 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया. जबकि मानव तस्करी की रोकथाम के लिए जनपद टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली, उधमसिंह नगर, बागेश्वर और अल्मोड़ा में 6 नई एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की स्थापना की गई.
लापरवाही पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज: डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक विगत 1 वर्षों में जनता के प्रति पुलिस की जवाबदेही तय करते हुए कुल 308 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई, जिसमें 290 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया. वहीं, इस दौरान 14 कर्मी को लाइन हाजिर भी किया गया. इतना ही नहीं पुलिस की छवि को दागदार करने वाले 4 पुलिसकर्मियों को इस दौरान नौकरी तक से बर्खास्त भी किया गया.
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मिशन हौसला अभियान: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए मिशन हौसला अभियान चलाया गया. इस अभियान के तहत कुल 2,726 लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, 792 लोगों को अस्पताल में भर्ती करा बेड उपलब्ध कराये गये. 217 लोगों को प्लाज्मा ब्लड डोनेशन, 17,609 लोगों को दवाइयां, 600 लोगों को एंबुलेंस की सुविधा दिलाने में मदद की गई. वहीं 94,484 लोगों को आवश्यकता मुताबिक राशन मुहैया कराया गया. जबकि 492 कोरोना मृतकों का दाह संस्कार और 5292 सीनियर सिटीजन से संपर्क कर उनकी मदद की गई.
मिशन मर्यादा के तहत रिकॉर्ड कार्रवाई: उत्तराखंड शासनादेश अनुसार राज्य के तीर्थ स्थलों की मर्यादा और पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए 'मिशन मर्यादा' अभियान चलाया गया. इस मिशन के तहत पूरे प्रदेश में कुल 10,475 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 1,807 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. जबकि इस दौरान कुल 19 लाख 50 हजार 485 रुपए जुर्माना वसूला गया.
स्मार्ट पुलिसिंग एंड मॉडर्नाइजेशन: उत्तराखंड पुलिस में महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण बनाया गया. आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए पिछले वर्ष पहली बार 22 महिला कर्मियों को महिला कमांडो का कठिन प्रशिक्षण कराया गया. जिसके बाद इन महिला कमांडों को एटीएस विंग के आतंकवाद विरोधी दस्ते में शामिल किया गया. पिछले 1 वर्ष में राज्य की चीता पुलिस को स्मार्ट पुलिसिंग के तहत उनकी कार्य क्षमता को बेहतर बनाने की दिशा में उनको नए सिरे से प्रशिक्षण देकर उनकी दक्षता बढ़ाने, उनकी वर्दी में अतिरिक्त उपकरण जैसे बॉडी ऑन कैमरा, मल्टीपल बेड शॉर्ट रेंज आर्म्स जैसे उपकरण उपलब्ध कराए गए.
पुलिस कल्याण और शिकायतों का निस्तारण: पुलिस मुख्यालय अनुसार विगत 1 वर्ष में पुलिस कर्मियों की तमाम शिकायतें और व्यक्तिगत समस्याओं का पारदर्शी तरीके से निस्तारण करने के लिए पुलिस जन समाधान समिति का गठन किया गया. इसमें अभी तक कुल 2562 शिकायतें और व्यक्तिगत समस्याएं प्राप्त हुईं, जिसमें से 2075 शिकायतों और समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है.