देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस का एक मरीज पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रदेश में कोरोना का खौफ बढ़ने लगा है. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार लगातार हर सम्भव प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने ईटीवी भारत से बताया कि कोरोना वायरस को नेशनल इमरजेंसी घोषित किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है.
डीजी हेल्थ ने बताया कि किसी को भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इसके संक्रमण से सर्दी-जुकाम-बुखार आमतौर पर होता है, जिसमें इम्युनिटी गिर जाती है. लोगों को बस अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रांग रखना है. ऐसे में साफ सुथरा खाना और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है. समय-समय पर अपने हाथ धोने हैं. आमतौर पर हाथ मिलाने से भी बचें. मामूली सर्दी जुकाम होने पर मास्क की इतनी जरूरत नहीं है, बल्कि ऐसे समय में रुमाल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार पूरी एहतियात बरत रही और स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों और जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए. इसके साथ ही इंडो-नेपाल बॉर्डर पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है.
मास्क और सेनिटाइजर कितना जरूरी ?
मास्क और सेनिटाइजर के सवाल पर महानिदेशक अमिता उप्रेती ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी पूरी व्यवस्था है. वर्तमान समय में 17 हजार ट्रिपल लेयर मास्क , 5500 N95 मास्क उपलब्ध हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मास्क और सेनिटाइजर को लेकर अफरा-तफरी की स्थिति पैदा न करें. क्योंकि मास्क सिर्फ उन्हें ही पहनना है, जिन्हें इंफेक्शन है. लिहाजा अगर किसी को इंफेक्शन नहीं है तो उसे मास्क की जरूरत नहीं है. डब्ल्यूएचओ की गाइड लाइन के अनुसार इनफेक्टेड व्यक्ति और इलाज करने वाले डॉक्टर को ही मास्क लगाना है, लिहाजा स्वास्थ्य व्यक्ति को मास्क की जरूरत नहीं है.
साथ ही डॉक्टर और नर्सों के आंदोलन के सवाल पर स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने बताया कि सभी संगठनों से बात की गई है और उनसे निवेदन किया गया है कि यह किसी एक व्यक्ति का विषय नहीं है. बल्कि यह पूरी कम्युनिटी का विषय है, जो उनकी जिंदगियों से जुड़ा हुआ है. ऐसे में डॉक्टर और नर्सों ने सहयोग की उम्मीद जताई है.