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केदारनाथ में सावन के पहले सोमवार पर उमड़े शिव भक्त, हर तरफ 'हर हर महादेव' का जयकारा - टपकेश्वर मंदिर

आज सावन का पहला सोमवार है. लिहाजा, शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ है. सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है. यही वजह है कि प्रदेश के विभिन्न मंदिरों और शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा हुआ है. केदारनाथ धाम में भी श्रद्धालुओं की अपार भीड़ है.

first monday of sawan
सावन का पहला सोमवार
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Published : Jul 18, 2022, 1:50 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 7:04 AM IST

देहरादूनः भगवान शिव का माह कहा जाने वाला सावन का महीना चल रहा है. हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास की विशेष महिमा है. आज सावन का पहला सोमवार है. सावन के सोमवार का विशेष महत्व है. इस दिन शिवभक्त व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, रुद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान करते हैं. वहीं, देशभर के साथ देवभूमि के शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. सुबह से ही श्रद्धालु शिवलिंग और प्रतिमा पर जलाभिषेक कर मन्नतें मांग रहे हैं. चारों ओर का वातावरण शिवमय नजर आ रहा है.

केदारनाथ मंदिर में भक्तों का हुजूमः सावन के पहले सोमवार को रुद्रप्रयाग स्थित केदारनाथ धाम में भी बाबा केदार के चरणों में ब्रह्मकमल चढ़ाने और जलाभिषेक करने को लेकर भक्तों में अपार उत्साह दिखा. माना जाता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को जलाभिषेक, बेलपत्र और ब्रह्मकमल अति प्रिय लगते हैं. इसीलिए दूर-दूर से बाबा के भक्त सावन में केदारधाम पहुंचे हैं. सुबह से हजारों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं.

केदारनाथ में सावन के पहले सोमवार पर उमड़े शिव भक्त.

टपकेश्वर मंदिर में बम बम भोले के नारेः सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की लंबी लंबी कतारें नजर आई. टपकेश्वर महादेव मंदिर में भक्त भारी संख्या में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे. मान्यता है कि सावन के महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा और सोमवार का व्रत रखता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. वहीं, टपकेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़ के तहत पुलिस द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए.

गोपीनाथ मंदिर में उमड़ी भीड़ः सावन के पहले सोमवार के चलते चमोली के शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए तांता लगा रहा. चमोली जिले के गोपेश्वर स्थित भगवान गोपीनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की सड़क तक लंबी लाइन लगी रही. श्रद्धालुओं की बढ़ती तादात को देखते हुए व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में पुलिस के जवान भी तैनात किए गए.

शिवमयी हुआ काशीपुरः देवभूमि उत्तराखंड में सावन के पहले सोमवार पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शिवभक्तों की भक्ति देखने को मिली. प्रदेश के विभिन्न स्थानों के साथ साथ उधमसिंह नगर काशीपुर में भी शिवभक्तों ने शिवालयों में जाकर पूजा अर्चना की. काशीपुर में भीम शंकर मोटेश्वर महादेव मंदिर, नागनाथ मंदिर, गंगेबाबा मंदिर समेत नगर के विभिन्न शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ पूजा करने के लिए उमड पड़ी. भक्तों ने बेलपत्र, गंगाजल, दूध और धतूरे के साथ भगवान शिव की पूजा की.
ये भी पढ़ेंः सावन का पहला सोमवार: शिवमय हुई देवभूमि, मंदिरों में 'बम-बम भोले' की गूंज

मोटेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांताः नैनीताल के आरक्षित वन क्षेत्र बरहैनी रेंज में स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. यहां भगवान भोलेनाथ विशालकाय रूप में विराजमान हैं. माना जाता है कि मोटेश्वर महादेव का शिवलिंग भारत के सभी शिवलिंगों से आकार में बड़ा है. इसलिए इस धाम को मोटेश्वर महादेव कहा जाता है. आबादी से कोसों दूर घने जंगल में बसा मोटेश्वर महादेव मंदिर अतीत से ही ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है.

शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़

हल्द्वानी के शिवालयों में भक्तों की भीड़ः वहीं, नैनीताल के हल्द्वानी के प्रतिष्ठित जगदंबा मंदिर में भी शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. भक्त भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए दूर-दूर से मंदिर पहुंचे. श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन का यह महीना काफी पवित्र माना जाता है. पवित्र कांवड़ यात्रा भी इसी महीने से शुरू हो गई है. श्रद्धालुओं ने अपने लिए मनोकामना और पूरे देश के लिए सुख समृद्धि और शांति की कामना की.

कोटेश्वर महादेव मंदिर में लगी भक्तों की भीड़: सावन माह में 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ ही प्राचीन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. उत्तराखंड में शिव के कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका इतिहास हजारों साल पुराना है. अलकनंदा नदी के किनारे पर एक गुफा में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. मान्यता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग प्राकृतिक रूप से ही बना है, कोरोना महामारी के दो साल बाद सावन मास में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है.मान्यता है कि शिवलिंग पर सावन के महीने जल चढ़ाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है.

देहरादूनः भगवान शिव का माह कहा जाने वाला सावन का महीना चल रहा है. हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास की विशेष महिमा है. आज सावन का पहला सोमवार है. सावन के सोमवार का विशेष महत्व है. इस दिन शिवभक्त व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, रुद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान करते हैं. वहीं, देशभर के साथ देवभूमि के शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. सुबह से ही श्रद्धालु शिवलिंग और प्रतिमा पर जलाभिषेक कर मन्नतें मांग रहे हैं. चारों ओर का वातावरण शिवमय नजर आ रहा है.

केदारनाथ मंदिर में भक्तों का हुजूमः सावन के पहले सोमवार को रुद्रप्रयाग स्थित केदारनाथ धाम में भी बाबा केदार के चरणों में ब्रह्मकमल चढ़ाने और जलाभिषेक करने को लेकर भक्तों में अपार उत्साह दिखा. माना जाता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को जलाभिषेक, बेलपत्र और ब्रह्मकमल अति प्रिय लगते हैं. इसीलिए दूर-दूर से बाबा के भक्त सावन में केदारधाम पहुंचे हैं. सुबह से हजारों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं.

केदारनाथ में सावन के पहले सोमवार पर उमड़े शिव भक्त.

टपकेश्वर मंदिर में बम बम भोले के नारेः सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की लंबी लंबी कतारें नजर आई. टपकेश्वर महादेव मंदिर में भक्त भारी संख्या में जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे. मान्यता है कि सावन के महीने में जो व्यक्ति भगवान शिव की पूजा और सोमवार का व्रत रखता है. उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. वहीं, टपकेश्वर महादेव मंदिर में उमड़ी भीड़ के तहत पुलिस द्वारा सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए.

गोपीनाथ मंदिर में उमड़ी भीड़ः सावन के पहले सोमवार के चलते चमोली के शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए तांता लगा रहा. चमोली जिले के गोपेश्वर स्थित भगवान गोपीनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की सड़क तक लंबी लाइन लगी रही. श्रद्धालुओं की बढ़ती तादात को देखते हुए व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में पुलिस के जवान भी तैनात किए गए.

शिवमयी हुआ काशीपुरः देवभूमि उत्तराखंड में सावन के पहले सोमवार पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शिवभक्तों की भक्ति देखने को मिली. प्रदेश के विभिन्न स्थानों के साथ साथ उधमसिंह नगर काशीपुर में भी शिवभक्तों ने शिवालयों में जाकर पूजा अर्चना की. काशीपुर में भीम शंकर मोटेश्वर महादेव मंदिर, नागनाथ मंदिर, गंगेबाबा मंदिर समेत नगर के विभिन्न शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ पूजा करने के लिए उमड पड़ी. भक्तों ने बेलपत्र, गंगाजल, दूध और धतूरे के साथ भगवान शिव की पूजा की.
ये भी पढ़ेंः सावन का पहला सोमवार: शिवमय हुई देवभूमि, मंदिरों में 'बम-बम भोले' की गूंज

मोटेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांताः नैनीताल के आरक्षित वन क्षेत्र बरहैनी रेंज में स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. यहां भगवान भोलेनाथ विशालकाय रूप में विराजमान हैं. माना जाता है कि मोटेश्वर महादेव का शिवलिंग भारत के सभी शिवलिंगों से आकार में बड़ा है. इसलिए इस धाम को मोटेश्वर महादेव कहा जाता है. आबादी से कोसों दूर घने जंगल में बसा मोटेश्वर महादेव मंदिर अतीत से ही ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है.

शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़

हल्द्वानी के शिवालयों में भक्तों की भीड़ः वहीं, नैनीताल के हल्द्वानी के प्रतिष्ठित जगदंबा मंदिर में भी शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. भक्त भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए दूर-दूर से मंदिर पहुंचे. श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन का यह महीना काफी पवित्र माना जाता है. पवित्र कांवड़ यात्रा भी इसी महीने से शुरू हो गई है. श्रद्धालुओं ने अपने लिए मनोकामना और पूरे देश के लिए सुख समृद्धि और शांति की कामना की.

कोटेश्वर महादेव मंदिर में लगी भक्तों की भीड़: सावन माह में 12 ज्योतिर्लिंगों के साथ ही प्राचीन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. उत्तराखंड में शिव के कई ऐसे मंदिर हैं, जिनका इतिहास हजारों साल पुराना है. अलकनंदा नदी के किनारे पर एक गुफा में स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है. मान्यता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग प्राकृतिक रूप से ही बना है, कोरोना महामारी के दो साल बाद सावन मास में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है.मान्यता है कि शिवलिंग पर सावन के महीने जल चढ़ाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है.

Last Updated : Jul 19, 2022, 7:04 AM IST
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