देहरादून: उत्तराखंड में वन पंचायतों के विकास कार्यों की समीक्षा करने की तैयारी की जा रही है. पंचायत स्तर पर मिल रही शिकायतों के बाद अब प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत से खर्च रकम समेत किए गए कामों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. जिसके बाद इस विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा.
उत्तराखंड वन पंचायत परिषद सलाहकार अध्यक्ष वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि वन पंचायतों में रह रहे लोगों की लगातार शिकायतें आ रही हैं. जिसके चलते प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत से पिछले 2 साल के रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही बताया कि वन पंचायतों में अभी तक हुए कामों की सूची देने के बाद इन कामों पर स्थलीय निरीक्षण भी किया जाएगा.
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बता दें कि राज्य में अभी तक वन पंचायतों को लेकर स्थाई तौर पर कोई काम नहीं हो पाए हैं. जितने भी काम किये गए हैं. उनसी जुड़ी शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. जिनमें वन पंचायतों द्वार किए गए निर्माण कार्य, वृक्षारोपण समेत दूसरे योजनाओं से जुड़े काम शामिल है. खास बात ये है कि इतनी शिकायतें आने के बावजूद भी वन पंचायतों ने इन कामों को लेकर निष्पक्ष जांच की कोई विस्तृत रिपोर्ट नहीं बनाई गई है.
यूं तो वन विभाग के अधीन आने वाली वन पंचायतों के कामों को लेकर विभागीय ऑडिट किया जाता है, लेकिन अभी तक तमाम शिकायतों के आधार पर निष्पक्ष जांच की जरूरत महसूस की जाती रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि यदि जांच विस्तृत रूप से की जाती है तो कई चौंकाने वाले मामले भी सामने आ सकते हैं.