देहरादूनः देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यह पहले ही निर्णय ले लिया था, कि चारों धामों के कपाट तय समय पर खोले जाएंगे, लेकिन चारधाम यात्रा आम श्रद्धालुओं के लिए शुरू नहीं की जाएगी. जिसके बाद इस मामले में आदेश भी जारी हो गए हैं. उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खोले जाने को लेकर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है. जिसके तहत चार धाम के कपाट खोले जाएंगे.
बता दें कि इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई सुबह 4:15 बजे, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई सुबह 5 बजे, गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई सुबह 7:31 बजे और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन यानी 14 मई दोपहर 12:15 बजे खुलेंगे. जबकि द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट 24 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ और चतुर्थकेदार रूद्रनाथ के कपाट 17 मई को खुलेंगे.
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ ने जारी किए आदेश
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक कोविड-19 की दूसरी लहर के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है. जिसे देखते हुए उत्तराखंड स्थित चारधाम की यात्रा आम श्रद्धालुओं के लिए अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी गई है. लेकिन चारों धामों के कपाट अपनी पूर्व परम्परानुसार निर्धारित तिथि और समय पर खोले जाएंगे. इसके साथ ही परम्परानुसार सामान्य पूजा सांकेतिक रूप से गतिमान रहेगी. यही नहीं, इन देवस्थानमों में पूजा करने के लिए रावल, नायब रावल, पुजारीगण, पंडा, पुरोहित, स्थानीय हक-हकूकधारी एवं बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी हो ही धामों के लिए अनुमति होगी.
चार धामों में प्रवेश के लिए गाइडलाइन जारी
- चारों धामों के कपाट खुलने के बाद चारों धाम सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही खुले रहेंगे.
- प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जायेगा एवं थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से भी जांच की जाएगी. साथ ही जिन व्यक्ति विशेषों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा, केवल उन्हें ही देवस्थान परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी.
- सभी प्रवेश करने वाले व्यक्ति विशेषों को फेस कवर (मास्क) का प्रयोग करना अनिवार्य होगा.
- जूते-चप्पलों को अपेक्षित स्थान पर ही रखना आवश्यक होगा.
- देवस्थानम परिसर के अंदर एवं बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा.
- देवस्थानम गर्भ गृह में केवल रावल, पुजारी एवं संबंधितों को ही प्रवेश की अनुमति होगी.
- लाइन में लगने की स्थिति में व्यक्तियों को एक दूसरे से कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूर रखनी होगी.
- बैठने के स्थानों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानक अनुसार व्यवस्थित किया जाना आवश्यक होगा.
- मूर्तियों, घंटियों, प्रतिरूपों, ग्रन्थों/पुस्तकों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी.
- देवस्थानम परिसर में किसी भी प्रकार का प्रसाद वितरण टीका लगाने आदि की अनुमति नहीं होगी.
- भोग आदि वितरण के समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
- देवस्थान के अंदर परिसर की लगातार सफाई एवं कीटाणु रहित सैनिटाइज करना आवश्यक होगा.
- देवस्थानम परिसर फर्श की विशेष रूप से समय अन्तरालों में सफाई करनी होगी.
- मंदिर के अंदर एक ही मैट, दरी, चादर के प्रयोग से पूर्णत: बचना होगा.
- कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम हेतु समय-समय पर शासन/प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा.