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81 साल पुरानी बदरी-केदार मंदिर समिति चंद दिनों की मेहमान, देवस्थानम बोर्ड जल्द लेगा जगह

इस साल से चारधाम यात्रा का संचालन देवस्थानम बोर्ड द्वारा किया जाएगा. हालांकि, इस बार 28 अप्रैल से शुरू होने वाली यात्रा को लेकर अभी बोर्ड का गठन नहीं किया गया है.

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देवस्थानम बोर्ड
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Published : Feb 10, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Feb 10, 2020, 8:40 PM IST

देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ व गंगोत्री-यमुनोत्री धाम मंदिर समिति अब चंद दिनों की मेहमान रह गई है. आजादी से पहले 1939 यानी 81 वर्ष पहले से मंदिरों का संचालन करने वाली समिति को खत्म करते हुए राज्य सरकार चारधाम समेत 51 धार्मिक स्थलों का संचालन देवस्थानम बोर्ड के अधीन करने जा रही है.

चारधाम के मंदिर समिति के पंडे, पुजारियों के भारी विरोध के बावजूद सरकार देवस्थानम बोर्ड को लागू करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक संभवत: अगले 7 से 8 दिनों में चार धाम मंदिर समिति को खत्म कर देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार इन धार्मिक स्थलों का संचालन किया जाएगा.

देहरादून कैनाल रोड स्थित बदरी-केदार समिति कार्यालय की कमान देवस्थानम बोर्ड के अधीन आने का समय नजदीक आते ही इन दिनों इस भवन में काफी सन्नाटा पसरा हुआ है. हर वर्ष अप्रैल माह में खुलने वाले चारधाम कपाटों की तैयारी को लेकर फरवरी माह के पहले ही सप्ताह से इस मंदिर समिति के कार्यालय में तैयारियां तेज हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रही है. अब इंतज़ार है कि देवस्थानम बोर्ड कब जल्द से जल्द इस भवन में शिफ्ट होगा और 28 अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा की तैयारी शुरू होगी.

देवस्थानम बोर्ड जल्द लेगा जगह

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चारधाम बोर्ड बनने से अस्थाई कर्मचारियों पर संकट के बादल

जानकारी के मुताबिक 1939 से ही उत्तराखंड के चारधाम यात्रा का संचालन मंदिर समिति कर रही थी. वर्तमान समय में 750 से अधिक कर्मचारी चारधाम मंदिर समिति में कार्यरत हैं, जिसमें लगभग 186 कर्मचारी स्थाई पदों पर हैं, जबकि करीब 550 कर्मचारी अस्थाई पदों पर हैं. ऐसे में चारधाम मंदिर समिति की बागडोर सरकार के अधीन होने के बाद 550 संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को आगे बढ़ेगा जाएगा या नहीं इस पर संकट बना हुआ है.

बदरी-केदार मंदिर समिति कार्यालय में तैनात अधिकारी कर्मचारियों की मानें तो 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं. उसी के आसपास गंगोत्री यमुनोत्री धाम के भी कपाट खोले जाएंगे, लेकिन सरकार द्वारा गठित किए जाने वाले देवस्थानम बोर्ड ने अभी तक यात्रा की तैयारियों को लेकर कोई खाका तैयार नहीं किया है. हालांकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दावा किया है कि चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले ही देवस्थानम बोर्ड का गठन कर लिया जाएगा.

देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ व गंगोत्री-यमुनोत्री धाम मंदिर समिति अब चंद दिनों की मेहमान रह गई है. आजादी से पहले 1939 यानी 81 वर्ष पहले से मंदिरों का संचालन करने वाली समिति को खत्म करते हुए राज्य सरकार चारधाम समेत 51 धार्मिक स्थलों का संचालन देवस्थानम बोर्ड के अधीन करने जा रही है.

चारधाम के मंदिर समिति के पंडे, पुजारियों के भारी विरोध के बावजूद सरकार देवस्थानम बोर्ड को लागू करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक संभवत: अगले 7 से 8 दिनों में चार धाम मंदिर समिति को खत्म कर देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार इन धार्मिक स्थलों का संचालन किया जाएगा.

देहरादून कैनाल रोड स्थित बदरी-केदार समिति कार्यालय की कमान देवस्थानम बोर्ड के अधीन आने का समय नजदीक आते ही इन दिनों इस भवन में काफी सन्नाटा पसरा हुआ है. हर वर्ष अप्रैल माह में खुलने वाले चारधाम कपाटों की तैयारी को लेकर फरवरी माह के पहले ही सप्ताह से इस मंदिर समिति के कार्यालय में तैयारियां तेज हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रही है. अब इंतज़ार है कि देवस्थानम बोर्ड कब जल्द से जल्द इस भवन में शिफ्ट होगा और 28 अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा की तैयारी शुरू होगी.

देवस्थानम बोर्ड जल्द लेगा जगह

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चारधाम बोर्ड बनने से अस्थाई कर्मचारियों पर संकट के बादल

जानकारी के मुताबिक 1939 से ही उत्तराखंड के चारधाम यात्रा का संचालन मंदिर समिति कर रही थी. वर्तमान समय में 750 से अधिक कर्मचारी चारधाम मंदिर समिति में कार्यरत हैं, जिसमें लगभग 186 कर्मचारी स्थाई पदों पर हैं, जबकि करीब 550 कर्मचारी अस्थाई पदों पर हैं. ऐसे में चारधाम मंदिर समिति की बागडोर सरकार के अधीन होने के बाद 550 संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को आगे बढ़ेगा जाएगा या नहीं इस पर संकट बना हुआ है.

बदरी-केदार मंदिर समिति कार्यालय में तैनात अधिकारी कर्मचारियों की मानें तो 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं. उसी के आसपास गंगोत्री यमुनोत्री धाम के भी कपाट खोले जाएंगे, लेकिन सरकार द्वारा गठित किए जाने वाले देवस्थानम बोर्ड ने अभी तक यात्रा की तैयारियों को लेकर कोई खाका तैयार नहीं किया है. हालांकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दावा किया है कि चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले ही देवस्थानम बोर्ड का गठन कर लिया जाएगा.

Intro:pls नोट - महोदय इस खबर से संबंधित वॉक थ्रू पीटीसी देहरादून स्थित बद्री केदारनाथ मंदिर समिति कार्यालय से दिया गया है इसके अलावा अन्य विजुअल भी दिए गए हैं।


summary-81 साल पुराने बद्री केदार मंदिर समिति चंद दिनों की मेहमान, देवस्थानम बोर्ड लगा स्थान।


देश-दुनिया में अनूठी धार्मिक आस्था का सबसे बड़ा केंद्र कहे जाने बद्रीनाथ- केदारनाथ व गंगोत्री -यमुनोत्री धाम मंदिर समिति अब चंद दिनों की मेहमान रह गई है। देश आजादी से पहले 1939 यानी 81 वर्ष पूर्व से मंदिरों का संचालन करने वाली समिति पर विराम लगाते हुए राज्य सरकार ने वैष्णो देवी की तर्ज पर उत्तराखंड के इन विश्व प्रसिद्ध चार धामों के साथ साथ 51 पुरानी धार्मिक स्थलों का संचालन अपने हाथों लेते हुए इसकी बागडोर "देवस्थानम बोर्ड" के अधीन कर नया अध्याय शुरू कर दिया है। चारों धाम के मंदिर समिति के पांडे,पुजारियों के भारी विरोध के बावजूद सरकार ने इस अधिनियम में सभी औपचारिकताओं के बाद इस ऐतिहासिक बदलाव पर राज्यपाल से मुहर लगने के बाद नोटिफिकेशन जारी पहले ही हो चुका हैं। जानकारी के मुताबिक संभवत अगले 7 से 8 दिनों में आठ दशकों पुरानी चार धाम मंदिर समितियों का अस्तित्व खत्म कर देवस्थानम बोर्ड ही उत्तराखंड चार धाम मंदिरों सहित अन्य पुरानी धार्मिक स्थलों का संचालन करने जा रहा है।

देहरादून कैनाल रोड स्थित बद्री-केदार समिति कार्यालय की कमान "देवस्थानम बोर्ड" के अधीन आने का समय नजदीक आते ही इन दिनों इस भवन में काफी सन्नाटा पसरा हुआ है। हर वर्ष अप्रैल माह में खुलने वाले चारधाम कपाटों की तैयारी को लेकर फरवरी माह के पहले ही सप्ताह से इस मंदिर समिति के कार्यालय में तैयारियां हलचल तेज हो जाती थी,लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रही है। अब इंतज़ार इस बात का हो रहा हैं कि सरकार के अधीन वाला चारधाम "देवस्थानम बोर्ड" जल्द से जल्द इस भवन में शिफ्ट होकर इस साल 28 अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा की तैयारी करें।


Body:चारधाम बोर्ड बनने से अस्थाई कर्मचारियों पर संकट के बादल घिर आए

जानकारी के मुताबिक देश आजादी से पहले सन 1939 से ही उत्तराखंड के चार धाम यात्रा का संचालन मंदिर समिति के लोग कर रहे हैं। वर्तमान समय में 750 से अधिक चारों धामों में कर्मचारी समिति में कार्यरत है,जिसमें आए लगभग 186 कर्मचारी स्थाई पदों में बताएं जा रहे है,जबकि तकरीबन 550 समिति कर्मचारी अस्थाई के पोस्ट पर है। ऐसे में चारधाम मंदिर समिति की बागडोर अब सरकार के बोर्ड के अधीन होने के बाद 550 संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को आगे बढ़ेगा जाएगा या नहीं ...यह सवाल से भी मंदिर समिति के सैकड़ों कर्मचारियों के लिए संकट भरा बना हुआ हैं।

चारधाम बोर्ड क्रियान्वयन को लेकर समिति के कर्मी असमंजस में

उधर मंदिर समिति कार्यालय में तैनात कोई भी कर्मचारी अधिकारी फिलहाल कैमरे के आगे बोलने से बच रहे हैं लेकिन सभी के मन में संशय बरकरार है कि सरकार के द्वारा गठित की जाने वाले चारधाम बोर्ड किस तरह से आगे क्रियान्वयन होगा इसको लेकर ज्यादातर लोग असमंजस की स्थिति में है।


Conclusion:इस वर्ष की चारधाम यात्रा सुचारू होने को लेकर संशय बरकरार

उधर देहरादून स्थित बद्री केदार मंदिर समिति कार्यालय में तैनात अधिकारी कर्मचारियों की माने तो 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 30 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने है। और उसी के इर्द-गिर्द गंगोत्री यमुनोत्री धाम के भी कपाट यात्रा के लिए खुल जाएंगे। लेकिन सरकार द्वारा गठित किए जाने वाले बोर्ड ने अभी तक इस वर्ष की यात्रा एडवांस तैयारियों को लेकर कोई खाका धरातल पर तैयार नहीं किया है। जबकि बद्री- केदार मंदिर समिति कपाट खुलने से एक महीने पहले ही सभी तरह रूपरेखा तैयार कर 30 दलों के सदस्यों को धामों में रवाना कर देती थी।
ऐसे में इस बात का भी संशय बरकरार है कि एकाएक मंदिर समिति के हाथों से चारधाम यात्रा का संचालन अपने अधीन लेने वाला सरकारी बोर्ड इस वर्ष की चारधाम यात्रा का संचालन सुचारू रूप से विगत वर्षों की भांति कर पाएगा या नहीं।


ptc
परमजीत सिंह
Last Updated : Feb 10, 2020, 8:40 PM IST
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