देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ व गंगोत्री-यमुनोत्री धाम मंदिर समिति अब चंद दिनों की मेहमान रह गई है. आजादी से पहले 1939 यानी 81 वर्ष पहले से मंदिरों का संचालन करने वाली समिति को खत्म करते हुए राज्य सरकार चारधाम समेत 51 धार्मिक स्थलों का संचालन देवस्थानम बोर्ड के अधीन करने जा रही है.
चारधाम के मंदिर समिति के पंडे, पुजारियों के भारी विरोध के बावजूद सरकार देवस्थानम बोर्ड को लागू करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक संभवत: अगले 7 से 8 दिनों में चार धाम मंदिर समिति को खत्म कर देवस्थानम बोर्ड द्वारा चार इन धार्मिक स्थलों का संचालन किया जाएगा.
देहरादून कैनाल रोड स्थित बदरी-केदार समिति कार्यालय की कमान देवस्थानम बोर्ड के अधीन आने का समय नजदीक आते ही इन दिनों इस भवन में काफी सन्नाटा पसरा हुआ है. हर वर्ष अप्रैल माह में खुलने वाले चारधाम कपाटों की तैयारी को लेकर फरवरी माह के पहले ही सप्ताह से इस मंदिर समिति के कार्यालय में तैयारियां तेज हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रही है. अब इंतज़ार है कि देवस्थानम बोर्ड कब जल्द से जल्द इस भवन में शिफ्ट होगा और 28 अप्रैल से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा की तैयारी शुरू होगी.
ये भी पढ़े: ड्यूटी से नदारद डॉक्टर जाएंगे बाहर, डीजी हेल्थ ने तैयार किया खाका
चारधाम बोर्ड बनने से अस्थाई कर्मचारियों पर संकट के बादल
जानकारी के मुताबिक 1939 से ही उत्तराखंड के चारधाम यात्रा का संचालन मंदिर समिति कर रही थी. वर्तमान समय में 750 से अधिक कर्मचारी चारधाम मंदिर समिति में कार्यरत हैं, जिसमें लगभग 186 कर्मचारी स्थाई पदों पर हैं, जबकि करीब 550 कर्मचारी अस्थाई पदों पर हैं. ऐसे में चारधाम मंदिर समिति की बागडोर सरकार के अधीन होने के बाद 550 संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को आगे बढ़ेगा जाएगा या नहीं इस पर संकट बना हुआ है.
बदरी-केदार मंदिर समिति कार्यालय में तैनात अधिकारी कर्मचारियों की मानें तो 29 अप्रैल को केदारनाथ धाम और 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने हैं. उसी के आसपास गंगोत्री यमुनोत्री धाम के भी कपाट खोले जाएंगे, लेकिन सरकार द्वारा गठित किए जाने वाले देवस्थानम बोर्ड ने अभी तक यात्रा की तैयारियों को लेकर कोई खाका तैयार नहीं किया है. हालांकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दावा किया है कि चारधाम यात्रा की शुरुआत से पहले ही देवस्थानम बोर्ड का गठन कर लिया जाएगा.