चमोली: जोशीमठ भू-धंसाव का दायर लगातार बढ़ता जा रहा है. जोशीमठ के हालातों पर पीएमओ भी नजर बनाये हुए है. इसी कड़ी में पीएमओ में उप सचिव मंगेश घिल्डियाल जोशीमठ पहुंचे. मंगेश घिल्डियाल ने जोशीमठ के मारवाड़ी स्थित जेपी कंपनी और उसके आसपास की दरारों का निरीक्षण किया. इसके साथ ही मंगेश घिल्डियाल ने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की.
जोशीमठ में लगातार हो रहा भू-धंसाव: आपको बता दें कि जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं. जमीन का धंसाव लगातार हो रहा है. जोशीमठ शहर को औली से जोड़ने वाली 4.15 किलोमीटर लंबी रोपवे भी पूरी तरह अब खतरे की जद में आ गई है. रोपवे के टावर नंबर एक के पास बीते दिनों दरारें आने के बाद प्रशासन के द्वारा रोपवे के संचालन पर एहतियातन रोक लगा दी गई थी. देर रात प्लेटफॉर्म पर आई दरारों के बाद भविष्य में भी रोपवे के संचालन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
होटलों को गिराया जा रहा: वहीं, होटल मलारी और होटल माउंट व्यू इन को तोड़ने की कार्रवाई जारी है. मजदूर असुरक्षित बने इन दोनों होटलों को तोड़ने के कार्य में लगे हैं. होटल मलारी और होटल माउंट व्यू इन बहुमंजिला इमारतें हैं. इन पर दरार आने के बाद प्रशासन ने इन्हें असुरक्षित घोषित कर दिया था. इसके बाद इन दोनों होटलों को गिराने का फैसला लिया गया है.
प्रभावितों के लिए राहत पैकेज पर हो रहा काम: जोशीमठ में आपदा के बाद राज्य सरकार अपनी तरफ से करोड़ों रुपए जोशीमठ पीड़ितों के लिए जारी कर रही है. चाहे वो राहत और बचाव कार्य हो या फिर पीड़ितों को सुरक्षित दूसरे स्थान पर पहुंचाना. इतना ही नहीं जोशीमठ आपदा के लिए राज्य सरकार एक पूरा ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है, ताकि केंद्र सरकार के आगे उसको रखा जा सके और जोशीमठ के लिए एक राहत पैकेज मांगा जा सके. उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार जोशीमठ की त्रासदी को देखते हुए पुष्कर सिंह धामी सरकार को राहत पैकेज जारी कर सकती है.