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दून अस्पताल के 22 से अधिक कर्मचारियों में डेंगू की पुष्टि, चरमराई व्यवस्थाएं

मैनपॉवर की कमी से जूझ रहे उत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज के करीब 22 से अधिक स्टाफ कर्मी और उनके परिजन डेंगू की चपेट में आ गए हैं. इससे अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी हो गई है.

अस्पताल के कर्मचारियों को भी हुआ डेंगू.
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Published : Sep 20, 2019, 10:12 PM IST

देहरादून: राज्य के पुलिस विभाग के कई पुलिसकर्मियों को डेंगू होने के बाद अब दून अस्पताल के कर्मचारी भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं. डेंगू के कहर से अस्पताल में स्टाफ में भारी कमी हो गई है.

दरअसल उत्तराखंड पुलिस के करीब 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को डेंगू के बाद अब स्वास्थ विभाग के कई कर्मचारियों और उनके परिजनों में भी डेंगू की पुष्टि हुई है. इसकी वजह से अब स्टाफ कर्मियों को डर सताने लगा है.

यह भी पढ़ें: चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर संत समाज की प्रतिक्रिया, किसी ने बताया संजिश, तो किसी ने कानून पर जताया भरोसा

जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पताल के करीब 22 से अधिक स्टाफ के कर्मचारियों को डेंगू से ग्रसित हैं. इसकी वजह से दूसरे अन्य कर्मचारियों पर भी अतिरिक्त भार पड़ गया है. नर्स ने चिकित्सा अधीक्षक को चेतावनी देते कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो वार्ड बंद करने की नौबत आ जाएगी.

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ के.के. टम्टा ने कहा कि अस्पताल में मैनपॉवर की कमी बनी हुई है. ऐसे में कुछ कर्मचारियों को डेंगू होने से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं. स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए बाकायदा प्राचार्य को पत्र भी लिखा गया है. फिलहाल व्यवस्थाएं सुचारू बनाने के लिए नर्सिंग कॉलेज की छात्र-छात्राओं से काम चलाया जा रहा है.

देहरादून: राज्य के पुलिस विभाग के कई पुलिसकर्मियों को डेंगू होने के बाद अब दून अस्पताल के कर्मचारी भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं. डेंगू के कहर से अस्पताल में स्टाफ में भारी कमी हो गई है.

दरअसल उत्तराखंड पुलिस के करीब 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को डेंगू के बाद अब स्वास्थ विभाग के कई कर्मचारियों और उनके परिजनों में भी डेंगू की पुष्टि हुई है. इसकी वजह से अब स्टाफ कर्मियों को डर सताने लगा है.

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जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पताल के करीब 22 से अधिक स्टाफ के कर्मचारियों को डेंगू से ग्रसित हैं. इसकी वजह से दूसरे अन्य कर्मचारियों पर भी अतिरिक्त भार पड़ गया है. नर्स ने चिकित्सा अधीक्षक को चेतावनी देते कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो वार्ड बंद करने की नौबत आ जाएगी.

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ के.के. टम्टा ने कहा कि अस्पताल में मैनपॉवर की कमी बनी हुई है. ऐसे में कुछ कर्मचारियों को डेंगू होने से अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं. स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए बाकायदा प्राचार्य को पत्र भी लिखा गया है. फिलहाल व्यवस्थाएं सुचारू बनाने के लिए नर्सिंग कॉलेज की छात्र-छात्राओं से काम चलाया जा रहा है.

Intro:मैन पावर की कमी से जूझ रहे उत्तराखंड के सबसे बड़े दून मेडिकल कॉलेज में करीब 22 से अधिक स्टाफ कर्मी डेंगू की चपेट मे आ गए हैं। दरअसल पुलिस विभाग के कई पुलिसकर्मियों को डेंगू होने के बाद अब दून अस्पताल मे तैनात करीब 20 से अधिक कर्मचारियों और उनके परिजनों को डेंगू होने के बाद अस्पताल में स्टाफ की कमी हो गई है।


Body:दून पुलिस के बाद अब दून अस्पताल का स्टाफ भी डेंगू की चपेट में आ गया है। दरअसल उत्तराखंड पुलिस के करीब 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को डेंगू के बाद अब स्वास्थ विभाग के कई कर्मचारियों को भी डेंगू की पुष्टि हुई है। जिसकी वजह से अब स्टाफ कर्मियों को भाई सताने लग गया है। आज शुक्रवार को नर्सेज एसोसिएशन से जुड़ी एक पदाधिकारी ने दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा के पास परेशान होकर पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पताल के करीब 22 से अधिक स्टाफ के कर्मचारियों को डेंगू हुआ है जिसकी वजह से दूसरे अन्य कर्मचारियों पर भी अतिरिक्त भार पड़ गया है। थक हारकर नर्स ने चिकित्सा अधीक्षक को चेतावनी देते कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो वार्ड बंद करने तक की नौबत आ जाएगी। इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ केके टम्टा ने कहा कि अस्पताल में मेन पावर की कमी बनी हुई है ऐसे में कुछ कर्मचारियों को डेंगू होने से व्यवस्थाएं और चरमरा रही हैं। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए बाकायदा प्राचार्य को पत्र भी लिखा है।अस्पताल में नर्सेज ,लैब टेक्नीशियन वार्ड बॉय की भारी कमी बनी हुई है। फिलहाल व्यवस्थाएं सुचारू बनाने के लिए नर्सिंग कॉलेज की छात्र छात्राओं से व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।

बाईट- डॉक्टर केके टम्टा, चिकित्सा अधीक्षक दून मेडिकल कॉलेज


Conclusion:हालांकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मौसम में परिवर्तन,फॉगिंग और जन जागरूकता के माध्यम से डेंगू के मरीजों की संख्या में कमी आई है। वर्तमान में डेंगू वार्ड में कई बेड खाली पड़े हुए हैं। लेकिन डेंगू मरीजों का इलाज कर रहे स्टाफ कर्मी खुद अब डेंगू जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं जिससे स्टाफ की कमी बनी हुई है।
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