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राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या हुई 801, सर्वे में सामने आई ये हकीकत

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Published : Sep 10, 2019, 12:05 AM IST

Updated : Sep 10, 2019, 11:02 AM IST

राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 801 हो गई है. इसके साथ ही डेंगू की रोकथाम के लिए शहर भर में जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, चिकित्सकों ने इससे बचने के उपाय बताए हैं.

राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या हुई 801.

देहरादून: राजधानी में डेंगू का कहर दिन प्रतिदिन बढता ही जा रहा है. इसके चलते सोमवार को डेंगू के 19 नए मरीज पाए गए हैं, जिसके बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 801 हो गई. इसमें 500 पुरुष और 301 महिलाओं में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं, अगस्त महीने से स्वास्थ्य विभाग की 21 टीमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए जन जागरुकता अभियान चला रही हैं.

राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या हुई 801.

इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2831 घरों का सर्वे किया है. जिसमें 83 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के गुप्ता के अनुसार, अगस्त माह से चलाए गए डेंगू रोधी अभियान के तहत करीब 50 हजार घरों का सर्वे किया गया है. इन घरों में रह रहे 2 लाख लोगों को सर्वे के तहत जागरूक किया गया. साथ ही दो हजार से ऊपर के घरों में डेंगू लार्वा को नष्ट किया गया है.

डेंगू के बढ़ते मामलों को देखने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि इन्फेक्टेड व्यक्ति में उसकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि टीवी की बीमारी तब फैलती है जब इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. डेंगू के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लोग अपने इम्यून पॉवर को मजबूत करें.

ये भी पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव: कुमाऊं के 47 महाविद्यालयों में आज होंगे छात्रसंघ चुनाव , शांतिपूर्ण मतदान के मद्देनजर सुरक्षा चाक-चौबंद

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है. पुष्टि के लिए आरडीटी टेस्ट को भारत सरकार मान्यता नहीं देती है. केवल संदिग्धता के आधार पर ही आरडीटी टेस्ट को मान्यता दी जाती है. यदि आरडीटी टेस्ट किसी व्यक्ति में पॉजिटिव माना जाता है तो उसे संदिग्ध केस के रूप में माना जाएगा. कन्फर्म केस के लिए सिर्फ एलाइजा टेस्ट ही डेंगू पॉजिटिव माना जाता है. आजकल वायरल पेसेंट्स और टॉयफायड के मरीजों की तादाद भी बढती जा रही है. ऐसे में क्रॉस रिएक्टिविटी की वजह से आरडीटी टेस्ट पॉजिटिव आ रही हैं.

दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार, एक आम मच्छर अपनी फीडिंग एक व्यक्ति से ही पूरी कर लेता है जबकि डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर को अपनी फीडिंग पूरी करने के लिए कम से कम 3 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है. शुरुआत में सामान्य से लगने वाला ये बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा भी साबित हो सकता है. जिसको डेंगू शॉक सिंड्रोम कहा जाता है.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश को सीएम ने दी सौगात, किया करोड़ों रुपए की योजनाओं का शिलान्यास

कब और कैसे होता है डेंगू
डेंगू मच्छर सुबह और शाम को काटता है. खासकर मानसून सीजन के दौरान इस मच्छर के पनपने के ज्यादा संभावना रहती हैं. ये मौसम मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है. डेंगू मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ सकता है.

किस तरह फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत अधिक मात्रा में होता है. यदि कोई एडिस मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून पीता है. खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है. जब डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी और व्यक्ति को काटता है तो उससे यह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है.

डेंगू बुखार से बचने के उपाय

  • घर या ऑफिस के आसपास पानी ना जमा होने दें.
  • सभी भंडारण बर्तनों और कंटेनरों को उल्टा करके रखें.
  • घरों की नालियों और पानी निकासी के स्थानों में रुकावट ना होने दें. महीने में कम से कम एक बार बीटी कीटनाशक का उपयोग नालियों और पानी निकासी के स्थानों पर करें.
  • यदि आप छुट्टी पर कहीं जा रहे हैं तो सभी टॉयलेट की सीट को कवर करके रखें.
  • गमलों या फ्लॉवर पॉट या अन्य स्थान जहां पानी एकत्र होता है या हो सकता है, वहां कीटनाशक छिड़कें.
  • जूते, मोजे, लंबी पेंट और लंबी बाजूवाली कपडे पहनें. मच्छर भगाने वाले यंत्रों का प्रयोग करें.
  • अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों को डेंगू मच्छर के प्रजनन के खतरों के बारे में बताएं.

देहरादून: राजधानी में डेंगू का कहर दिन प्रतिदिन बढता ही जा रहा है. इसके चलते सोमवार को डेंगू के 19 नए मरीज पाए गए हैं, जिसके बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 801 हो गई. इसमें 500 पुरुष और 301 महिलाओं में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं, अगस्त महीने से स्वास्थ्य विभाग की 21 टीमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए जन जागरुकता अभियान चला रही हैं.

राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या हुई 801.

इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2831 घरों का सर्वे किया है. जिसमें 83 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस के गुप्ता के अनुसार, अगस्त माह से चलाए गए डेंगू रोधी अभियान के तहत करीब 50 हजार घरों का सर्वे किया गया है. इन घरों में रह रहे 2 लाख लोगों को सर्वे के तहत जागरूक किया गया. साथ ही दो हजार से ऊपर के घरों में डेंगू लार्वा को नष्ट किया गया है.

डेंगू के बढ़ते मामलों को देखने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि इन्फेक्टेड व्यक्ति में उसकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि टीवी की बीमारी तब फैलती है जब इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. डेंगू के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लोग अपने इम्यून पॉवर को मजबूत करें.

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई है. पुष्टि के लिए आरडीटी टेस्ट को भारत सरकार मान्यता नहीं देती है. केवल संदिग्धता के आधार पर ही आरडीटी टेस्ट को मान्यता दी जाती है. यदि आरडीटी टेस्ट किसी व्यक्ति में पॉजिटिव माना जाता है तो उसे संदिग्ध केस के रूप में माना जाएगा. कन्फर्म केस के लिए सिर्फ एलाइजा टेस्ट ही डेंगू पॉजिटिव माना जाता है. आजकल वायरल पेसेंट्स और टॉयफायड के मरीजों की तादाद भी बढती जा रही है. ऐसे में क्रॉस रिएक्टिविटी की वजह से आरडीटी टेस्ट पॉजिटिव आ रही हैं.

दरअसल, विशेषज्ञों के अनुसार, एक आम मच्छर अपनी फीडिंग एक व्यक्ति से ही पूरी कर लेता है जबकि डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर को अपनी फीडिंग पूरी करने के लिए कम से कम 3 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है. शुरुआत में सामान्य से लगने वाला ये बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा भी साबित हो सकता है. जिसको डेंगू शॉक सिंड्रोम कहा जाता है.

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कब और कैसे होता है डेंगू
डेंगू मच्छर सुबह और शाम को काटता है. खासकर मानसून सीजन के दौरान इस मच्छर के पनपने के ज्यादा संभावना रहती हैं. ये मौसम मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल होता है. डेंगू मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ सकता है.

किस तरह फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत अधिक मात्रा में होता है. यदि कोई एडिस मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून पीता है. खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है. जब डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी और व्यक्ति को काटता है तो उससे यह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है.

डेंगू बुखार से बचने के उपाय

  • घर या ऑफिस के आसपास पानी ना जमा होने दें.
  • सभी भंडारण बर्तनों और कंटेनरों को उल्टा करके रखें.
  • घरों की नालियों और पानी निकासी के स्थानों में रुकावट ना होने दें. महीने में कम से कम एक बार बीटी कीटनाशक का उपयोग नालियों और पानी निकासी के स्थानों पर करें.
  • यदि आप छुट्टी पर कहीं जा रहे हैं तो सभी टॉयलेट की सीट को कवर करके रखें.
  • गमलों या फ्लॉवर पॉट या अन्य स्थान जहां पानी एकत्र होता है या हो सकता है, वहां कीटनाशक छिड़कें.
  • जूते, मोजे, लंबी पेंट और लंबी बाजूवाली कपडे पहनें. मच्छर भगाने वाले यंत्रों का प्रयोग करें.
  • अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों को डेंगू मच्छर के प्रजनन के खतरों के बारे में बताएं.
Intro:देहरादून में डेंगू का कहर बढ़ता ही जा रहा है, सोमवार को डेंगू के 19 और मरीज पाए गए हैं। जिसके बाद डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 801 हो गई है। जिसमें 500 पुरूष और 301 महिलाओं में अभी तक डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। अगस्त माह से स्वास्थ विभाग की 21 टीमें शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर डेंगू लारवा नष्ट करने के साथ ही जन जागरूकता अभियान चला रही है। जन जागरूकता अभियान के तहत स्वास्थ विभाग की टीम घर-घर जाकर यह समझाने की कोशिश कर रही है जिसको वह जमा हुए पानी में तैर रहे कीड़े समझ रहे हैं वह दरअसल कीड़े ना होकर डेंगू मच्छर के लारवा हैं। अभियान के तहत आज स्वास्थ विभाग की टीम ने 2831 घरों का सर्वे किया जिसमें 83 तीन घरों में डेंगू का लारवा पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस के गुप्ता के मुताबिक अगस्त माह से चलाए गए डेंगू रोधी अभियान के तहत करीब पचास हजार घरों घरों का सर्वे किया गया है, उन घरों में रह रहे दो लाख लोगों को सर्वे के तहत जागरूक किया गया जिनमे से करीब दो हजार से ऊपर के घरों में डेंगू लारवा को नष्ट किया गया है।


Body:डेंगू के बढ़ते मामलों को देखने के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि आजकल इन्फेक्टेड व्यक्ति कब होता है जब उसकी प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है उन्होंने उड़ा धारण देते हुए बताया कि टीवी की बीमारी तब फैलती है जब इम्यून सिस्टम लो हो जाते हैं। डेंगू के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए लोग अपने मूल पावर को मजबूत करें। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ विपुल कंडवाल के मुताबिक मौसम बदल रहा है और यह वायरल फीवर का भी एपिसोड है ऐसे में जैसे-जैसे मौसम ठीक हो जाएगा डेंगू मरीजों की संख्या भी कम होती चली जाएगी। अभी तक डेंगू को लेकर ऐसी कोई मोटिलिटी सामने नहीं आई है क्योंकि अभी तक कोई virulent attack(वायरल हमला) डेंगू के केसो में नहीं देखा गया है। लोग भाई बस अपने टेस्ट करवा रहे हैं जबकि सही डॉक्टर टेस्ट कराने के लिए मना कर रहे हैं लोग इतने बहने हैं कि खुद ही डेंगू की जांच ए करवा रहे हैं जरूरी है कि डॉक्टर के कहे अनुसार ही अपने टेस्ट करवाएं और ताजा भोजन खाएं जिससे प्रोटीन की अधिक मात्रा प्राप्त हो।
बाईट-डॉ विपुल कंडवाल, विशेषज्ञ चिकित्सक
दूसरी ओर देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गुप्ता ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि मरीज़ मैं डेंगू की पुष्टि हुई है उसकी पुष्टि के लिए आरडीटी टेस्ट को भारत सरकार मान्यता नहीं देती है, केवल संदिग्धता के आधार पर ही आरडीटी टेस्ट को मान्यता दी जाती है। यदि आरडीटी टेस्ट किसी व्यक्ति में पॉजिटिव माना जाता है तो उसे संदिग्ध केस के रूप में माना जाएगा। कन्फर्म केस के लिए सिर्फ एलाइजा टेस्ट ही डेंगू पॉजिटिव माना जाता है। आजकल वायरल पेशेंट्स और टायफायड के मरीजों की तादाद भी ज्यादा पाई जा रही है। ऐसे में क्रॉस रिएक्टिविटी की वजह से आरडीटी टेस्ट पॉजिटिव पाई जा रहे हैं ,यही कारण है कि हर केस यही माना जा रहा है कि मरीज डेंगू पॉजिटिव है।
बाईट- डॉ एस के गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून


Conclusion: दरअसल विशेषज्ञों के मुताबिक एक आम मच्छर अपनी फीडिंग एक व्यक्ति से ही पूरी कर लेता है जबकि डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर को अपनी फीडिंग पूरी करने के लिए कम से कम 3 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। शुरुआत में सामान्य से लगने वाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा भी साबित होता है , जिसको डेंगू शॉक सिंड्रोम कहा जाता है,उस दौरान चिकित्सक के लिए डेंगू मरीज को बचाना चुनौती बन जाता है।
कब और कैसे होता है डेंगू-
डेंगू मच्छर अमूमन सवेरे और शाम को काटता है, खासकर मानसून सीजन के दौरान इस मच्छर के पनपने के ज्यादा चांसेस रहते हैं। यह मौसम मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती है। डेंगू मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ सकता है।

किस तरह फैलता है डेंगू-
टिंकू के बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत अधिक मात्रा में होता है यदि कोई एडिस मच्छर डेगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून पीता है खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है जब डेंगू वायरस वाला मच्छर किसी और व्यक्ति को काटता है तो उससे यह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

बचाव-
घर या ऑफिस के आसपास पानी ना जमा होने दें,

सभी भंडारण बर्तनों और कंटेनरो को उल्टा करके रखें।

घरों की नालियों और पानी निकासी के स्थानों में रुकावट ना होने दें इसके साथ ही घर के आस-पास पीएस सुनिश्चित करें कि महीने में कम से कम एक बार बीटी कीटनाशक का उपयोग नालियों और पानी निकासी के स्थानों पर करें।

यदि आप छुट्टी पर कहीं जा रहे हैं तो सभी टॉयलेट की सीट को कवर करके रखें।

गमलों या फ्लावर पॉट या अन्य स्थान जहां स्थित पानी एकत्र होता है या हो सकता है वहां कीटनाशक छिड़कें।

अपने पड़ोसी को अपना फोन नंबर दें ताकि जरूरत पड़ने पर एनईए निरीक्षण के लिए आपसे संपर्क कर सकें।

जूते ,मोजे, लंबी पेंट और लंबी बाजू की शर्ट पहनें। मच्छर भगाने वाले यंत्रों का प्रयोग करें जैसे मच्छर क्वायल और मच्छरदानी।

अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों को डेंगू मच्छर के प्रजनन के खतरों के बारे में बताएं
Last Updated : Sep 10, 2019, 11:02 AM IST
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