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उत्तराखंड: 2083 मरीजों में डेंगू की पुष्टि, 200 से अधिक चिकनगुनिया के मरीज

उत्तराखंड में डेंगू और चिकेनगुनिया के मामले में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है. हालांकि, 2019 की तुलना में इस बार डेंगू के मामले कम सामने आये हैं. अभी तक प्रदेश में 2,083 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं, चार जिलों में अभी तक करीब 200 से अधिक चिकनगुनिया के मामले सामने आए है.

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Published : Nov 9, 2022, 7:07 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के नए मामले में जहां भारी गिरावट आई है. वहीं, प्रदेश के कई जिलों में डेंगू और चिकनगुनिया के तेजी से बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, 2019 की तुलना में इस बार उत्तराखंड में डेंगू के मामले में तेजी नहीं देखने को मिल रहा है. गनीमत है कि अभी तक डेंगू और चिकनगुनिया से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है.

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश के 6 जिलों में डेंगू के मामले देखे गए हैं. अभी तक प्रदेश में 2,083 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं, चार जिलों में अभी तक करीब 200 से अधिक चिकनगुनिया के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा हर तीन साल में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन इस साल डेंगू के मामले उतनी तेजी से बढ़ोतरी नहीं हुई हुई है, जितनी तेजी से साल 2019 में देखा गया था.

उत्तराखंड में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी.
ये भी पढ़ें: 'उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड जरूर करेंगे लागू, UCC प्रदेशहित में जरूरी'

साल 2019 में डेंगू के करीब 10,000 मामले सामने आए थे. जबकि इस साल मात्र 2,000 मामले ही सामने आए हैं. वहीं, चिकनगुनिया के 200 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सर्विलांस और लगातार मॉनिटरिंग के साथ ट्रीटमेंट के माध्यम से डेंगू और चिकनगुनिया को कंट्रोल किया गया है. वहीं, राहत की खबर है इस साल एक भी डेंगू और चिकनगुनिया संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है.

डेंगू के लक्षण: शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, बेचौनी, निम्न रक्तचाप, उल्टी, मचली आना, शरीर निढाल हो जाना, त्वचा में हल्की लालिमा (रैशेज) और फीवर आउटब्रेक के मुख्य लक्षण हैं.

डेंगू फैलने से ऐसे रोकेंः घरों में पानी जमा न होने दें. कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें. गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें. टायर में पानी जमा न होने दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के नए मामले में जहां भारी गिरावट आई है. वहीं, प्रदेश के कई जिलों में डेंगू और चिकनगुनिया के तेजी से बढ़ते मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, 2019 की तुलना में इस बार उत्तराखंड में डेंगू के मामले में तेजी नहीं देखने को मिल रहा है. गनीमत है कि अभी तक डेंगू और चिकनगुनिया से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है.

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश के 6 जिलों में डेंगू के मामले देखे गए हैं. अभी तक प्रदेश में 2,083 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. वहीं, चार जिलों में अभी तक करीब 200 से अधिक चिकनगुनिया के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा हर तीन साल में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ते हैं, लेकिन इस साल डेंगू के मामले उतनी तेजी से बढ़ोतरी नहीं हुई हुई है, जितनी तेजी से साल 2019 में देखा गया था.

उत्तराखंड में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी.
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साल 2019 में डेंगू के करीब 10,000 मामले सामने आए थे. जबकि इस साल मात्र 2,000 मामले ही सामने आए हैं. वहीं, चिकनगुनिया के 200 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सर्विलांस और लगातार मॉनिटरिंग के साथ ट्रीटमेंट के माध्यम से डेंगू और चिकनगुनिया को कंट्रोल किया गया है. वहीं, राहत की खबर है इस साल एक भी डेंगू और चिकनगुनिया संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है.

डेंगू के लक्षण: शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, बेचौनी, निम्न रक्तचाप, उल्टी, मचली आना, शरीर निढाल हो जाना, त्वचा में हल्की लालिमा (रैशेज) और फीवर आउटब्रेक के मुख्य लक्षण हैं.

डेंगू फैलने से ऐसे रोकेंः घरों में पानी जमा न होने दें. कूलर से समय-समय पर पानी निकालते रहें. गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें. टायर में पानी जमा न होने दें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें. पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें. सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.

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