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कोरोना: अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की बढ़ी डिमांड, तैयारियों में जुटा वन विभाग

प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि कोरोना से हो रही मौतों के बाद अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की भारी कमी हो गई है, जिसे पूरा करना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती हो गई है.

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अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ रही लकड़ियां
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Published : May 3, 2021, 5:42 PM IST

देहरादून: प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेजी से बढ़ रही है. लोग दिनों दिन भारी संख्या में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. वर्तमान स्थिति इतनी भयावह है कि प्रदेश में प्रतिदिन 70 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो रही है. बीते दिन भी 77 लोगों की जान कोरोना से गई है. आलम ये है कि श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार में समस्या आ रही है. शवों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ गई है.

अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ रही लकड़ियां

प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि जिस तरह कोरोना महामारी से हो रही मौतों का ग्राफ बढ़ा है. उसको देखते हुए अंतिम संस्कारों के लिए लकड़ियों की भारी कमी हो गई है. जिसे पूरा करना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं, वन विकास निगम के जीएम निशांत वर्मा ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लकड़ियां ज्यादा महंगी न पड़ें, इसको ध्यान में रखते हुए लकड़ियों पर लगने वाला 20% सरचार्ज हटा दिया गया है.

ये भी पढ़ें: प्रवासियों की व्यवस्था के लिए एक्टिव हुई सरकार, हरीश चंद्र सेमवाल को मिली जिम्मेदारी

वहीं, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान लकड़ियों का भंडारण किया गया था. अब इन लकड़ियों को अंतिम संस्कार के लिए दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतिम संस्कार के लिए अगर लकड़ियों की कमी होती है, तो चिड़ियापुर और हरिद्वार स्थित वन विभाग के भंडारण से लकड़ियों की व्यवस्था की जाएगी.

देहरादून: प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेजी से बढ़ रही है. लोग दिनों दिन भारी संख्या में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. वर्तमान स्थिति इतनी भयावह है कि प्रदेश में प्रतिदिन 70 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो रही है. बीते दिन भी 77 लोगों की जान कोरोना से गई है. आलम ये है कि श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार में समस्या आ रही है. शवों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ गई है.

अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ रही लकड़ियां

प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि जिस तरह कोरोना महामारी से हो रही मौतों का ग्राफ बढ़ा है. उसको देखते हुए अंतिम संस्कारों के लिए लकड़ियों की भारी कमी हो गई है. जिसे पूरा करना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. वहीं, वन विकास निगम के जीएम निशांत वर्मा ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लकड़ियां ज्यादा महंगी न पड़ें, इसको ध्यान में रखते हुए लकड़ियों पर लगने वाला 20% सरचार्ज हटा दिया गया है.

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वहीं, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान लकड़ियों का भंडारण किया गया था. अब इन लकड़ियों को अंतिम संस्कार के लिए दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतिम संस्कार के लिए अगर लकड़ियों की कमी होती है, तो चिड़ियापुर और हरिद्वार स्थित वन विभाग के भंडारण से लकड़ियों की व्यवस्था की जाएगी.

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