देहरादून: करोड़ों की लागत से दून मेडिकल कॉलेज के विभिन्न भवनों का निर्माण चल रहा है. इसमें ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और आवास भवन शामिल है. खास बात यह है कि 6 साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बावजूद भी निर्माण को पूरा नहीं किया जा सका है. उल्टा यूपीआरएनएन ने शासन से करोड़ों रुपए का बढ़ा हुआ रिवाइज रेट दिए जाने की मांग उठा दी है.
सूत्रों की मानें तो निर्माण के दौरान इसकी डीपीआर करीब 45 करोड़ की तैयार की गई थी, लेकिन अब एजेंसी करोड़ों रुपये ज्यादा का बजट रिवाइज रेट में मांग रही है. चिंता की बात यह है कि करीब 8 महीने पहले एजेंसी द्वारा रिवाइज रेट का प्रस्ताव दिया गया था. जिस पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है. उधर, रिवाइज रेट के बिना एजेंसी काम को पूरा नहीं कर रही है. बावजूद इसके शासन में बैठे आईएएस ना तो रिवाइज रेट को लेकर फैसला कर रहे हैं और ना ही एजेंसी पर काम पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस विभाग में एजेंसी की कार्यप्रणाली तो सवालों के घेरे में है. वहीं, शासन में बैठे आईएएस अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं. सवाल इस बात का कि निर्माण एजेंसी का पेमेंट पूरी तरह से क्यों नहीं रोका गया. साथ ही लेटलतीफी पर एजेंसी से रिकवरी कर कार्य किसी दूसरी एजेंसी को नहीं दिया गया.