देहरादून: एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने शहरभर के चौक-चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की गुणवत्ता व उनमें से कुछ के खराब होने पर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि इन कैमरों को लगाने का मुख्य उद्देश्य यातायात नियमों का उलघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, अपराधों की रोकथाम और उनके खुलासा करना है. लेकिन कैमरे खराब होने के कारण इनका प्रयोग नहीं हो पा रहा है. जिस कारण ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइशन (एएनपीआर), रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) व रडार कैमरों में तकनीकी दिक्कतों की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है जो अपनी रिपोर्ट एसएसपी को देंगे.
दरअसल, शहर में कई सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं. विभिन्न चौकों पर लगे एएनपीआर, आरएलवीडी व रडार कैमरों में से कुछ कैमरों के ठीक से कार्य नहीं कर रहे हैं. इन कैमरों का मुख्य उदेश्य अपराधों की रोकथाम करने की थी, लेकिन कैमरों के ठीक से कार्य न करने से यातायात व्यवस्था व अपराधों की रोकथाम में भी इसका प्रभाव पड़ा है. जिसको लेकर एसएसपी ने तकनीकी खामियों की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है.
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वहीं, इन कैमरों को लगाने वाली फर्म पावर इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड ज्वालापुर हरिद्वार से सम्पर्क स्थापित कर जांच की जाएगी और देखा जाएगा कि फार्म द्वारा निर्धारित अनुबंध शर्तों का उलघन करते हुए कैमरों के रखरखाव में किसी प्रकार की कमी तो बरती नहीं जा रही है. अगर लाहपरवाही सामने आई तो फार्म के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी.
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया की सीसीटीवी कैमरे हमारे कुछ खराब चल रहे हैं, जिसके लिए सरकार ने उनको बजट मुहैया कराया है, ताकि कैमरों को सही ठीक कराया जांए.