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केंद्रीय बजट से नाखुश आम जनता, पढ़िए क्या कहा - Union Finance Minister Nirmala Sitharaman

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. बजट को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आ रही है. कई लोगों ने सरकार के बजट को उम्मीदों पर खरा नहीं बताया.

केंद्रीय बजट से नाखुश आम जनता
केंद्रीय बजट से नाखुश आम जनता
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Published : Feb 1, 2021, 4:15 PM IST

Updated : Feb 1, 2021, 6:55 PM IST

देहरादून: केंद्रीय बजट से हर साल की तरह इस साल भी प्रदेशवासी उम्मीदें लगाए हुए थे. विशेषकर कोरोना संकटकाल में जब लोग भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे. ऐसे में आम नागरिकों को आम बजट 2021-22 से कई उम्मीदें थी. लेकिन सवाल यह है कि क्या केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जो आम बजट पेश किया गया, वो आम नागरिकों की उम्मीदों के मुताबिक है या नहीं? केंद्रीय बजट पर आम नागरिकों की राय जानने के लिए ईटीवी भारत ने देहरादून निवासियों से बात की और उनकी राय जानी.

समाजसेवी साधना शर्मा ने बजट पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यह बजट आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरने वाला बजट बिल्कुल नहीं है. आम आदमी महंगाई से परेशान है, लेकिन इस बजट में महंगाई पर लगाम लगाने का किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं, ऐसा लगता है कि इस बजट के अनुसार आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के दामों में और अधिक तेजी के साथ वृद्धि देखने को मिलेगी, जिससे मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों का बजट पूरी तरह बिखर जाएगा.

आम बजट पर जनता की राय

ये भी पढ़ें: आम बजट पर हरदा का तंज, कहा- केंद्र सरकार जुबानी जमा खर्च का काम कर रही है

वहीं, दूसरी तरफ केंद्रीय बजट में सीनियर सिटीजन विशेषकर 75 साल और उससे ज्यादा आयु के लोगों को इनकम टैक्स में छूट दी गई है. आखिर सरकार का यह फैसला कितना सही है. इसे लेकर ईटीवी भारत से सीनियर सिटीजन और डीआरडीओ के सेवानिवृत्त अधिकारी संजीव शर्मा ने बात की. संजीव शर्मा ने कहा कि इस फैसले से सीनियर सिटीजन को बहुत ज्यादा लाभ नहीं पहुंचने वाला है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला बहुत ही सोच-समझ कर लिया है. इसमें विशेष ग्रुप को ही रखा गया है, जिसके पीछे का मुख्य कारण यही है कि 75 साल या फिर इससे अधिक आयु तक जीवित रहने वाले सीनियर सिटीजन की संख्या बेहद ही कम है. ऐसे में यदि सरकार इसमें एज लिमिट को थोड़ा और कम रखती तो इस फैसले को सराहनीय फैसला कहा जा सकता था, लेकिन 75 और उससे अधिक आयु के लोगों को ही इनकम टैक्स में छूट दिए जाने को सरकार का काबिल-ए-तारीफ फैसला नहीं कहा जा सकता.

देहरादून: केंद्रीय बजट से हर साल की तरह इस साल भी प्रदेशवासी उम्मीदें लगाए हुए थे. विशेषकर कोरोना संकटकाल में जब लोग भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे. ऐसे में आम नागरिकों को आम बजट 2021-22 से कई उम्मीदें थी. लेकिन सवाल यह है कि क्या केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जो आम बजट पेश किया गया, वो आम नागरिकों की उम्मीदों के मुताबिक है या नहीं? केंद्रीय बजट पर आम नागरिकों की राय जानने के लिए ईटीवी भारत ने देहरादून निवासियों से बात की और उनकी राय जानी.

समाजसेवी साधना शर्मा ने बजट पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यह बजट आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतरने वाला बजट बिल्कुल नहीं है. आम आदमी महंगाई से परेशान है, लेकिन इस बजट में महंगाई पर लगाम लगाने का किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं, ऐसा लगता है कि इस बजट के अनुसार आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के दामों में और अधिक तेजी के साथ वृद्धि देखने को मिलेगी, जिससे मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों का बजट पूरी तरह बिखर जाएगा.

आम बजट पर जनता की राय

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वहीं, दूसरी तरफ केंद्रीय बजट में सीनियर सिटीजन विशेषकर 75 साल और उससे ज्यादा आयु के लोगों को इनकम टैक्स में छूट दी गई है. आखिर सरकार का यह फैसला कितना सही है. इसे लेकर ईटीवी भारत से सीनियर सिटीजन और डीआरडीओ के सेवानिवृत्त अधिकारी संजीव शर्मा ने बात की. संजीव शर्मा ने कहा कि इस फैसले से सीनियर सिटीजन को बहुत ज्यादा लाभ नहीं पहुंचने वाला है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला बहुत ही सोच-समझ कर लिया है. इसमें विशेष ग्रुप को ही रखा गया है, जिसके पीछे का मुख्य कारण यही है कि 75 साल या फिर इससे अधिक आयु तक जीवित रहने वाले सीनियर सिटीजन की संख्या बेहद ही कम है. ऐसे में यदि सरकार इसमें एज लिमिट को थोड़ा और कम रखती तो इस फैसले को सराहनीय फैसला कहा जा सकता था, लेकिन 75 और उससे अधिक आयु के लोगों को ही इनकम टैक्स में छूट दिए जाने को सरकार का काबिल-ए-तारीफ फैसला नहीं कहा जा सकता.

Last Updated : Feb 1, 2021, 6:55 PM IST
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