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देहरादून: आरोपी अधिकारी को चार्ज देने की तैयारी, जांच के नाम पर हटाया अब फिर मेहरबानी - डॉ0 अरुण त्रिपाठी

अरुण त्रिपाठी को नियुक्तियों में लापरवाही करने, चहेतों को एडजेस्ट करने व दवाओं की खरीद फरोख्त में अनियमितता के आरोप में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच के आदेश देते हुए निदेशक पद से हटाकर विश्व विद्यालय में अटैच किया  था.

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हरक सिंह रावत, आयुष मंत्री
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Published : Feb 6, 2020, 3:05 PM IST

देहरादून: आयुष विभाग में निदेशक पद को लेकर अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है. विभाग में जिस अधिकारी को जांच के नाम पर हटाया जाता है उसे फिर जांच पूरी हुए बिना उसी पद पर बैठाने की तैयारी की जा रही है. वहीं आयुष विभाग में निदेशक के पद पर रहे विवादित अधिकारी डॉ0 अरुण त्रिपाठी पर सरकार एक बार फिर मेहरबान नजर आ रही है.

हरक सिंह रावत, आयुष मंत्री

गौरतलब है कि अंदरखाने अरुण त्रिपाठी को एक बार फिर निदेशक बनाने की तैयारी हो रही है. दरअसल, अरुण त्रिपाठी को नियुक्तियों में लापरवाही करने, चहेतों को एडजेस्ट करने व दवाओं की खरीद- फरोख्त में अनियमितता के आरोप में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच के आदेश देते हुए निदेशक पद से हटाकर विश्व विद्यालय में अटैच किया था. अभी जांच शासन स्तर पर लंबित है, लेकिन अब एक बार फिर विवादित अधिकारी को आयुष मंत्री निदेशक बनाने की तैयारी चल रही है.

ये भी पढें: नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कोलकाता का बांगुर एवेन्यू है स्वच्छता की मिसाल

हालांकि आयुष मंत्री हरक सिंह रावत निदेशक के पद पर काबिज होने वाले विवादित अधिकारी को अपने स्तर पर क्लीन चिट दे रहे हैं. उनके अनुसार अभी अरुण त्रिपाठी पर लगाये गए आरोप अभी जांच गतिमान है. लेकिन जांच के चलते उनकी नियुक्ति पर रोक नहीं लगाई जा सकती. हरक सिंह रावत के मुताबिक अरुण त्रिपाठी को स्थाई नियुक्ति नहीं दी जा रही है और अधिकारियों की कमी के चलते उन्हें इस पद पर बैठाना मजबूरी है.

देहरादून: आयुष विभाग में निदेशक पद को लेकर अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है. विभाग में जिस अधिकारी को जांच के नाम पर हटाया जाता है उसे फिर जांच पूरी हुए बिना उसी पद पर बैठाने की तैयारी की जा रही है. वहीं आयुष विभाग में निदेशक के पद पर रहे विवादित अधिकारी डॉ0 अरुण त्रिपाठी पर सरकार एक बार फिर मेहरबान नजर आ रही है.

हरक सिंह रावत, आयुष मंत्री

गौरतलब है कि अंदरखाने अरुण त्रिपाठी को एक बार फिर निदेशक बनाने की तैयारी हो रही है. दरअसल, अरुण त्रिपाठी को नियुक्तियों में लापरवाही करने, चहेतों को एडजेस्ट करने व दवाओं की खरीद- फरोख्त में अनियमितता के आरोप में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच के आदेश देते हुए निदेशक पद से हटाकर विश्व विद्यालय में अटैच किया था. अभी जांच शासन स्तर पर लंबित है, लेकिन अब एक बार फिर विवादित अधिकारी को आयुष मंत्री निदेशक बनाने की तैयारी चल रही है.

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हालांकि आयुष मंत्री हरक सिंह रावत निदेशक के पद पर काबिज होने वाले विवादित अधिकारी को अपने स्तर पर क्लीन चिट दे रहे हैं. उनके अनुसार अभी अरुण त्रिपाठी पर लगाये गए आरोप अभी जांच गतिमान है. लेकिन जांच के चलते उनकी नियुक्ति पर रोक नहीं लगाई जा सकती. हरक सिंह रावत के मुताबिक अरुण त्रिपाठी को स्थाई नियुक्ति नहीं दी जा रही है और अधिकारियों की कमी के चलते उन्हें इस पद पर बैठाना मजबूरी है.

Intro:summary- आयुष विभाग में निदेशक पद को लेकर अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है...विभाग में जिस अधिकारी को जांच के नाम पर हटाया जाता है उसे फिर जांच पूरी हुए बिना उसी पद पर बैठाने की तैयारी की जा रही है.. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...


Body:आयुष विभाग में निदेशक के पद पर रहे विवादित अधिकारी डॉ0 अरुण त्रिपाठी पर सरकार एक बार फिर मेहरबान नजर आ रही है। etv bharat के पास पुख्ता जानकारी है कि अरुण त्रिपाठी को एक बार फिर निदेशक बनाने की तैयारी हो रही है। दरअसल अरुण त्रिपाठी को नियुक्तियों में लापरवाही करने,  चहेतों को एडजेस्ट करने व दवाओं की खरीद फ़िरोत में अनियमितता के आरोप में आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच के आदेश देते हुए निदेशक पद से हटाकर विश्व विद्यालय में अटैच किया  था। अभी जांच शासन स्तर पर लंबित है लेकिन अब एक बार फिर विवादित अधिकारी को आयुष मंत्री निदेशक बनाने की तैयारी कर रहे है। हालांकि डॉ0 अरुण त्रिपाठी नियमानुसार निदेशक के पद पर काबिज भी नही हो सकते। हालांकि आयुष मंत्री हरक सिंह रावत निदेशक के पद पर काबिज होने वाले विवादित अधिकारी को अपने स्तर पर क्लीन चिट दे रहे है... उनके अनुसार अभी अरुण त्रिपाठी पर लगाये गए आरोप अभी जांच गतिमान है।लेकिन जांच के चलते उनकी नियुक्ति पर रोक नही लगाई जा सकती... हरक सिंह रावत के मुताबिक अरुण त्रिपाठी को स्थाई नियुक्ति नहीं दी जा रही है और अधिकारियों की कमी के चलते उन्हें इस पद पर बैठाना मजबूरी है।।


बाइट, हरक सिंह रावत आयुष मंत्री


सवाल यह है कि जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार समेत तमाम दूसरे आरोप लगे हो, ऐसे अधिकारी को निदेशक जैसे महत्वपूर्ण पद पर कैसे मिटाया जा सकता है।। और इस बात की क्या गारंटी है कि संबंधित अधिकारी इस पद पर बैठकर जांच को प्रभावित नहीं करेगा।। चौंकाने वाली बात यह है कि पहले विभाग के मंत्री ने खुद निदेशक पद से अरुण त्रिपाठी को हटाया और अब अधिकारी उसी पद पर अरुण त्रिपाठी को बैठाने के लिए खुद लालायित दिख रहे है...



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